फ़ुरसतिया

हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै

Friday, February 21, 2014

यहां कौन पूछता है चाय को?

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आज ‪#‎ सूरज‬ भाई से सुबह मुलाक़ात नहीं हो पायी. अभी फोन आया है. बोले भाईजान इस समय अमेरिका में रोशनी फैला रहे हैं. तुम्हारी याद आयी तो ...
Thursday, February 20, 2014

फूलों पर ओस की बूँद

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सुबह सूरज भाई दिखे नहीं तो हमने आवाज लगाई किधर हो भाई जान ! फोन पर भी दिल्ल्ली की सरकार के बाद का सन्नाटा खिंचा था. फिर पिछवाड़े जाकर दे...
Wednesday, February 19, 2014

पौधे के बिस्तर पर लोटपोट ओस की बूँद

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आज सूरज भाई खेत में पौधों को दुलराते दिखे. प्याज के पौधे पर पसरी ओस की बूंद के गाल सहला दिए. बूँद ने सूरज भाई को हडका दिया. बोली - क...
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योगदानकर्ता

अनूप शुक्ल
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