फ़ुरसतिया

हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै

Wednesday, June 08, 2016

जिंदगी में संघर्ष तो होता ही है

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सोनू से मिलकर आगे बढे तो देखा एक हाथ रिक्शा पर एक बुजुर्गवार झपकी ले रहे थे। रिक्शे की आगे की रॉड पर मसाला पुड़िया वंदनवार सरीखी सजी थीं। ...
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Tuesday, June 07, 2016

बिना पैसे कौन डॉक्टर इलाज करता है?

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इतवार को शहर कुछ दूर पैदल टहले। मरियमपुर क्रासिंग से विजयनगर उर्फ़ गन्दा नाला चौराहा। भद्दर दोपहरिया में सड़क नापने को 'नून वाक' क...
Saturday, May 28, 2016

हिन्दुस्तान-पाकिस्तान मतलब -नेहरू और जिन्ना का अंतर

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इधर भारत में कुछ महिलाओं द्वारा यौन सम्बन्धों में आजादी की बात चल रही है उधर पाकिस्तान में पत्नी द्वारा शारीरिक संबंध के लिए मना करने पर ...
Thursday, May 26, 2016

लेखन की कमियां

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सुबह हमने पाठकों से अपने लेखन में कमियां बताने को कहा था। एक को छोड़ किसी ने अपनी राय नहीं बताई। मजे लिए या तारीफ़ कर दी। खुश हो जाओ। पिछल...

लेखन रियाज से सुधरता है

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तीन दिन पहले सुभाष चन्दर जी ने अपनी वाल पर लिखा: "मित्रों , एक शिकायत है नये लेखको से। 50 कविताएँ हो गयी / 10 कहानियां लिख ली /30 व...
Tuesday, May 24, 2016

पानी के साथ आंधी फ्री

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कल सूरज भाई से जरा गर्मी की शिकायत क्या कर दी बड़ी जोर भन्ना गए। शाम को घर पहुँचते हुए सागर को कान पकड़कर साथ ले गए होंगे। भरी होगी पिचकार...
Monday, May 23, 2016

लो सूरज भाई फिर आये हैं

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लो सूरज भाई फिर आये हैं अबकी बड़ी तेज भन्नाए हैं। देखो आँख तरेरी जोर से सबको आते ही झुलसाये है। चिड़ियाँ के भी गले सूख गए बस किसी त...
Friday, May 20, 2016

किताब छपने की सूचना

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कितनी खूबसूरत होती है बेवकूफी -है न। किताब छपने की सूचना देने पर तमाम मित्रों ने बधाई दीं। कुछ ने खरीद भुगतान की रसीद भी दिखा दी। कुछ ...
Wednesday, May 18, 2016

पहला व्यंग्य संग्रह

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.....और मजाक मजाक में यह पहला व्यंग्य संग्रह आ ही गया। कुश माने नहीं और किताब छाप ही देंगे अब। बुकिंग भी शुरू कर दी। किताब का नाम रख...

कल रात मैंने एक सपना देखा!

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कल रात मैंने एक सपना देखा! अरे न भाई किसी की झील सी गहरी आखों में नहीं देखा भाई ! झीलें आजकल बची कहां हैं? जो बची भी हैं उनमें सपने देखना ...
Monday, May 16, 2016

यही तो छोटे-छोटे सुख हैं

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सबेरे-सबेरे बरामदे में बैठे चाय पी रहे हैं। अगल-बगल मच्छर उड़ रहे हैं। थक जाने पर हाथ, पैर, मुंह, कंधे मतलब जहाँ मन किया वहीँ बैठ जा रहे...
Saturday, May 14, 2016

दिल्ली में मुलाकात के किस्से

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आलोक पुराणिक और कमलेश पाण्डेय के साथ अनूप शुक्ल किसी भी व्यंग्य लेखक को लेखन की शुरुआत करने से पहले इन तीन लेखकों को अवश्य पढ़ना चाहिय...
Friday, May 13, 2016

व्यंग्यकार लोग बहुत जल्दी बुरा मान जाते हैं

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कल दिल्ली आना हुआ। ठहरने की जगह दरियागंज के पास ही थी सो Sushil Siddharth जी से मिलने गए। उनके केबिन में पहुँचते ही चाय मंगा ली सुशील जी...

आमने-सामने बुराई करके हाजमा दुरुस्त हो जाता है

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सिद्धार्थ जी के दफ्तर में बतकही कल दिल्ली आना हुआ। ठहरने की जगह दरियागंज के पास ही थी सो Sushil Siddharth जी से मिलने गए। उनके केबिन म...
Saturday, May 07, 2016

उठो, चलो, दफ्तर के लिए तैयार हो

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कल सुबह जब दफ्तर जा रहे थे तो आगे जाने वाले ऑटो पर लिखा मिला -'जय भोले नाथ की, चिंता नहीं किसी बात की।' भोलेनाथ की जय के पहले...
Friday, May 06, 2016

गाड़ी मेरी हेमामालिनी, मैं इसका राजेश खन्ना

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गाँव में हैं मेरे खेत, खेत में ऊगा है गन्ना, गाड़ी मेरी हेमामालिनी, मैं इसका राजेश खन्ना। कल शाम घर लौटते हुए एक छोटे ट्रक के पीछे य...
Thursday, May 05, 2016

यहाँ नाम किस लिए लिखवायें

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पेड़ों की आड़ में सूरज भाई जग गए आज भी सुबह पौने पांच बजे। लेकिन उठे नहीं। अलार्म बजने का इंतजार करते रहे। 4 बजकर 59 मिनट का अलार्...
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अनूप शुक्ल
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