http://web.archive.org/web/20110101200830/http://hindini.com/fursatiya/archives/189
अनूप शुक्ला: पैदाइश तथा शुरुआती पढ़ाई-लिखाई, कभी भारत का मैनचेस्टर कहलाने वाले शहर कानपुर में। यह ताज्जुब की बात लगती है कि मैनचेस्टर कुली, कबाड़ियों,धूल-धक्कड़ के शहर में कैसे बदल गया। अभियांत्रिकी(मेकेनिकल) इलाहाबाद से करने के बाद उच्च शिक्षा बनारस से। इलाहाबाद में पढ़ते हुये सन १९८३में ‘जिज्ञासु यायावर ‘ के रूप में साइकिल से भारत भ्रमण। संप्रति भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत लघु शस्त्र निर्माणी ,कानपुर में अधिकारी। लिखने का कारण यह भ्रम कि लोगों के पास हमारा लिखा पढ़ने की फुरसत है। जिंदगी में ‘झाड़े रहो कलट्टरगंज’ का कनपुरिया मोटो लेखन में ‘हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै‘ कैसे धंस गया, हर पोस्ट में इसकी जांच चल रही है।
अनूप भार्गव सम्मानित
गत १४ सितम्बर को अनूप भार्गवजी
को उनके विदेश में हिंदी प्रचार-प्रसार के लिये किये जा रहे प्रयासों के
लिये सम्मानित किया गया. समारोह लखनऊ में हुआ. समारोह की अध्यक्षता
प्रख्यात साहित्यकार कन्हैयालाल नंदन ने की . अनूप भार्गव को २५०००/- रुपये
के सम्मान से नवाजा गया.बाद में मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि यह सम्मान
राशि एक लाख रुपये की जायेगी सो अभी अनूपजी को ७५०००/-रुपये और मिलेंगे.
अनूप भार्गव को हमारी तमाम शुभकामनायें और बधाइयां.
सम्मान के बारे में विस्तार से यहां पढे़.समीरलाल जी को सूचनार्थ निवेदित है कि उनकी ई-झप्पी हमने अनूप भार्गव तक पहुंचा दी थी.जीतू के लिये समाचार कि नारद के लिये चंदा -चर्चा भी हुयी थी और अनूप जी अपने हिस्से की राशि अमेरिका पहुंच कर दे देंगे .
अनूप भार्गव को हमारी तमाम शुभकामनायें और बधाइयां.
सम्मान के बारे में विस्तार से यहां पढे़.समीरलाल जी को सूचनार्थ निवेदित है कि उनकी ई-झप्पी हमने अनूप भार्गव तक पहुंचा दी थी.जीतू के लिये समाचार कि नारद के लिये चंदा -चर्चा भी हुयी थी और अनूप जी अपने हिस्से की राशि अमेरिका पहुंच कर दे देंगे .
Posted in सूचना | 11 Responses
फुरसतिया जी इतना छोटा लेख ? नहीं चलेगा । हम तो विस्तार से अनूप द्वय की मुलाकाती कहानी पढना चाह्ते हैं ।
Kabhie soche hi nahi they.
MAzboori hai ki hindi font mein nahi likh sakte parntoo, aabahr zaroor vyakt karna chaheinge.
आज ही भारत से लौटा हूँ ।
बधाई और शुभकामनाओंके लिये धन्यवाद ।
नारद को पुनर्जीवित करनें के लिये बतायें, “कहाँ , कैसे और क्या करना है ?” मेरा योगदान तो रहेगा ही लेकिन भारत में कुछ मित्रों से बातचीत हुई थी , शायद कोई बेहतर विकल्प सुझा सकूँ !!!! बतायें कि आवश्यकताएं क्या हैं ?
बाकी के “अनूप” जी जाकर लखनऊ से ले ही आयेंगे
उसी उधेड़बुनी में शायद, समय नहीं पाया लिखने का
बाकी हम “अनूप” जी से ही बातें सारी सुन पायेंगे