Wednesday, December 05, 2012

विकास तो अनवरत प्रक्रिया है

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विकास तो अनवरत प्रक्रिया है



विकास तो हो के रहेगा जी
कोई हीला-हवाली नहीं चलेगी
विकास बिना दुनिया सूनी है
जिंदगी की कल्पना मुश्किल है।

तुम्हारे पास गरीबी है
हमारे पास पावर है, पैसा है,
उनके पास धांधली है, करप्शन है,
हम सब मिलकर तुम्हारा विकास करेंगे।

जब तुम्हारा विकास हो जाये
तो तुम भी विकास के धंधे में आ जाना
अपन मिलकर बाकियों का विकास करेंगे
विकास तो अनवरत प्रक्रिया है।

12 responses to “विकास तो अनवरत प्रक्रिया है”

  1. संतोष त्रिवेदी
    …..समझ गए अब तो विकास होकर रहेगा !
  2. AKASH
    बेहतरीन व्यंग्य |
    सादर
    AKASH की हालिया प्रविष्टी..तुम कुछ-कुछ मेरे जैसे हो
  3. Anonymous
    विकास करने की इत्ती अफरा-तफरी है के बेचारा विनाश के मुहाने पे पहुँच चुका है……..
    एकदम…….टनाटन है……
    प्रणाम.
  4. Anonymous
    विकास करने की जो अफरा-तफरी च जद्दोजहद दिखाई दे रही है, अगर सँभालने में थोरी भी चुक हुई, जिसकी पूरी की पूरी सम्भावना है ………… तो विनाश हो के रहेगा……………
    प्रणाम.
  5. Alpana
    बिलकुल सही!
    Alpana की हालिया प्रविष्टी..बरसे मेघ…अहा!
  6. प्रवीण पाण्डेय
    विकास तो हम कर के रहेंगे।
    प्रवीण पाण्डेय की हालिया प्रविष्टी..संस्कृति बुलाती है
  7. Kajal Kumar
    छोरे वि‍कस से भी तो पूछ लो
    Kajal Kumar की हालिया प्रविष्टी..कार्टूल :- रैन-बसेरे में वॉलमार्ट
  8. देवांशु निगम
    अब तो ऍफ़ डी आई भी आ गया , अब तो विकास कहाँ जायेगा भागकर , अब तो हो के रहेगा विकास :) :)
    देवांशु निगम की हालिया प्रविष्टी..कहानी कोफ्ते की !!!
  9. arvind mishra
    बड़ा संक्षिप्त विकास लगा यह तो
    arvind mishra की हालिया प्रविष्टी..अखंड प्रेम का एक खंडित प्रतीक – लोरिक पत्थर( सोनभद्र -एक पुनरान्वेषण यात्रा, 2 )
  10. ankit
    पर ये विकास है क्या हुज़ूर?
  11. फ़ुरसतिया-पुराने लेख
    [...] विकास तो अनवरत प्रक्रिया है [...]
  12. वीरेन्द्र कुमार भटनागर
    जव तक गुलिस्ताँ है, गुलिस्ताँ में दरख्त हैं शाखें हैं, विकास तो चलता ही रहेगा ( हाँ जव कछु बचवै ही नहीं तब हम का कर सकत हैं ) ।

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