फ़ुरसतिया
हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै
Sunday, August 18, 2013
इंद्रदेव को पानी गुनगुना करके बरसाना चाहिये
कमरे के बाहर बरसता पानी। मन किया यह भी कि इंद्रदेव को अपने यहां गीजर का इंतजाम रखना चाहिये। पानी गुनगुना करके बरसाना चाहिये।
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Satya Prakash Yadav
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Om Shukla
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Hitesh Singh
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Abinash Chandra Srivastava
बहुत खूब आपके घर के सामने का चित्र हॆ क्या सर
18 अगस्त 2013 पर 11:06 पूर्वाह्न
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महेंद्र मिश्र
सावन की हरियाली और बाहर बारिश दनादन
18 अगस्त 2013 पर 11:11 पूर्वाह्न
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Masijeevi Hindi
आप बहुत सुंदर जगह रै रे हैं... जे बात ठीक नी है.... या तो हमें आने का न्यौता दे वरना हम बिन बुलाए आ जाएंगे।
18 अगस्त 2013 पर 12:06 अपराह्न
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अनूप शुक्ल
शाम को गाड़ियां चलती हैं आ जाओ। मेस के असामने का नजारा एकदम 7 स्टार वाला है।
Masijeevi Hindi
18 अगस्त 2013 पर 12:07 अपराह्न
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राजेंद्र अवस्थी
गर फिरदौस बर्रू ए-जमीनस्तो, हमीनस्त, हमीनस्त, हमीनस्तो।'
18 अगस्त 2013 पर 12:30 अपराह्न
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Dharni Dhar
Anup Ji where?
18 अगस्त 2013 पर 02:29 अपराह्न
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Sonia Srivastava
bahut hi sundar drashya hai?
18 अगस्त 2013 पर 04:06 अपराह्न
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Dipak Mashal
is hariyaali se Jabalpur ke din yaad dila diye
Anup
ji
18 अगस्त 2013 पर 05:22 अपराह्न
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Rakesh Dubey
BEAUTYFULL
20 अगस्त 2013 पर 04:33 अपराह्न
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Rajesh Agarwal
loving.
21 अगस्त 2013 पर 10:50 अपराह्न
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