आज #सूरज
भाई ज़रा आराम से आये . कहीं व्यस्त हो गए होंगे. मिले तो सड़क पर पानी बरस
रहा था. पानी की बूंदे सड़क पर गिरती हुयी ऐसी दिख रही थीं जैसे सूरज भाई
सड़क की कड़ाही में बतासे तल रहे हों. बतासों के घान के घान निकाल के उतारते
जा रहे हैं सूरज भाई. थोड़ी-थोड़ी देर में पानी मिलाते जा रहे हैं सड़क की
कड़ाही में ताकि बतासे तलने में आसानी रहे. पानी की बूंदे सूरज की किरणों से
दिल्लगी करती जा रही हैं. खेल-खेल में दोनों मिलकर खिलखिलाती जा रही हैं .
उससे कहीं -कहीं इन्द्रधनुष बन रहे हैं. सूरज भाई यह सब देख-देख कर प्रफुल्ल्तित हो रहे हैं.
साथ-साथ ठहलते हुए सूरज भाई नाले के पास खड़े होकर बतियाने लगे. चाय की
दूकान पर दो कड़क चाय का आर्डर देकर वे नाले से गुजरते पानी की धार का
फेसियल सरीखा करने लगे. नाले की गन्दगी मटमैला हुआ पानी सूरज के स्पर्श से
चमकने लगता. सूरज भाई डबल चमकने लगते.
चाय की चुस्की लेते हुए हमने उनसे पूछा -सूरज भाई आप दुनिया के लिए इतना सब कुछ करते हो इससे तुम्हे क्या मिलता है? सूरज भाई बोले -अरे यार तुम भी मौज लेते हो. मिलता-विलता क्या है. दुनिया में जो कोई भी कुछ करता है सब अपनी खुशी के लिए करता है. कहा भी है - "आत्मनस्तु वै कामाय सर्वं प्रियं भवति"
देखते-देखते सूरज भाई दुनिया चमकाने निकल लिए. हम इधर निकल आये हैं. स्टेटस सटा रहे हैं.
चाय की चुस्की लेते हुए हमने उनसे पूछा -सूरज भाई आप दुनिया के लिए इतना सब कुछ करते हो इससे तुम्हे क्या मिलता है? सूरज भाई बोले -अरे यार तुम भी मौज लेते हो. मिलता-विलता क्या है. दुनिया में जो कोई भी कुछ करता है सब अपनी खुशी के लिए करता है. कहा भी है - "आत्मनस्तु वै कामाय सर्वं प्रियं भवति"
देखते-देखते सूरज भाई दुनिया चमकाने निकल लिए. हम इधर निकल आये हैं. स्टेटस सटा रहे हैं.
- DrShobha Singh, Krishna Kumar Jain, Gaurav Srivastava और 25 अन्य को यह पसंद है.
- Lata R. Ojha kamaal ki imagination... बतासों के घान के घान निकाल के उतारते जा रहे हैं सूरज भाई. थोड़ी-थोड़ी देर में पानी मिलाते जा रहे हैं सड़क की कड़ाही में ताकि बतासे तलने में आसानी रहे.
- Ramendra Singh कानपुर में सूर्य देवता के भी दर्शन हुए बरसात भी हुई और साथ में ओले ओले भी खूब हुआ काली काली सड़क पर सफेद चादर बिछी हुई थी
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