फ़ुरसतिया
हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै
Thursday, February 13, 2014
धरती पर 'चुम्बन दिवस'
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सूरज
भाई आज बड़े प्रसन्न दीख रहे हैं। हर फ़ूल, पत्ती , कली, फ़ुनगी को प्यार से स्पर्श कर रहे हैं। चूम रहे हैं। लगता है उनको भी खबर लग गयी है कि धरती पर 'चुम्बन दिवस' मनाया जा रहा है।
अनूप शुक्ल
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Aradhana Mukti
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अखिलेश कुमार
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Amit Kumar Srivastava
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Reena Mukharji
13 फ़रवरी को 07:56 पूर्वाह्न बजे
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मधु अरोड़ा
वेंलटाइन डे।
13 फ़रवरी को 08:01 पूर्वाह्न बजे
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Kumkum Tripathi
Hahahaha.....bahut khub.
13 फ़रवरी को 08:01 पूर्वाह्न बजे
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Rachana Tripathi
सूरज भाई भी न! वेलेन्टिया से गये हैं..
13 फ़रवरी को 08:43 पूर्वाह्न बजे
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Shailendra Kumar Jha
fursatiya meharban to suraj pahalwan
13 फ़रवरी को 08:57 पूर्वाह्न बजे
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Ranjana Singh
13 फ़रवरी को 09:31 पूर्वाह्न बजे
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Ranjana Singh
" अजीब दौर है ...हर लाश को प्रेम की तलाश है ...ज़िंदा आदमी प्रेम तलाशता नहीं ...उसके अन्दर प्रेम उगता है ...उसकी उम्र के साथ प्रेम का पौधा बड़ा होता है वृक्ष बनता है ...उस वृक्ष पर कुछ पक्षी गुनगुनाते हैं , घोंसला बसाते हैं ,लताएँ चढ़ती हैं ...झूला झूलते हैं उसकी डाल पर बच्चे और युवतियां झूलतीं हैं सपनो का झूला भी .कभी कभी मौसम की मार नहीं झेल पाता वृक्ष ...कभी आरी कभी कुल्हाड़ी से काट डालते हैं लोग उसे ...आधुनिक सभ्यता में लोगों के दिल संकरे और सड़कें चौड़ी होती हैं जिसके लिए इन वृक्षों का काटना लोग कहते हैं कि जरूरी है ...यह इस सभ्यता की मजबूरी है ...कुछ पेड़ सूख जाते हैं अकारण ही . हमारे बाद भी प्रेम के कुछ पेड़ खड़े रहते हैं रास्ते और रिश्तों को छाया देते हुए ...उनकी छाँव में दर्ज होते हैं राहगीरों के न जाने कितने पाँव ...कुछ पेड़ हमारे रहते हुए भी नहीं रहते . अजीब दौर है ...हर लाश को प्रेम की तलाश है ...ज़िंदा आदमी प्रेम तलाशता नहीं ...उसके अन्दर प्रेम उगता है ...उसकी उम्र के साथ प्रेम का पौधा बड़ा होता है वृक्ष बनता है ." ---- राजीव चतुर्वेदी
13 फ़रवरी को 09:32 पूर्वाह्न बजे
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Rajkrishna Dikshit
Ek hafte kidhoopdikha kar aaj Sooraj bhai phir chhutti par chale gaye.
13 फ़रवरी को 10:49 पूर्वाह्न बजे
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Harivansh Sharma
आज हम लाइक नही करते है,बस आप की पोस्ट को चुम्बन दे देते है...चुम्बन दिवस की.
13 फ़रवरी को 11:12 पूर्वाह्न बजे
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संपादित
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Kajal Kumar
आपके यहां ही घूमता रहता है, इसीलिए तो दिल्ली में ढंग से नहीं रहता
13 फ़रवरी को 11:57 पूर्वाह्न बजे
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