फ़ुरसतिया
हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै
Wednesday, June 11, 2014
ग़रीब की बकरी अमीर की पुलिया की तरफ
कुल जमा आठ दस बकरियां दिखीं राजू के साथ।कोई पाव भर दूध देती है कोई कुछ और ज्यादा।चालीस साल पुराना पुस्तैनी धंधा बताया राजू न
Satish Chandra Satyarthi
अच्छा! तो बकरी चराने का कार्य करते हैं श्री राजू जी.
11 जून पर 09:33 अपराह्न
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Udan Tashtari
ईद पर बकरा भी बेचते होंगे...कि सिर्फ दूध पर गुजारा है?
12 जून पर 06:28 पूर्वाह्न
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2
Gyan Dutt Pandey
आमदनी तो रेवड़ बेचने से होती है।
12 जून पर 11:29 पूर्वाह्न
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1
Kajal Kumar
ओह ग़रीब की बकरी अमीर की पुलिया की तरफ हो ली
12 जून पर 03:50 अपराह्न
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1
Satish Tewari
चलिए चाय की व्यवस्था तो हो गई
13 जून पर 12:08 पूर्वाह्न
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