अबे कहां मर गया बे, तू मतले के बच्चे,
चल सट जा शेरों से, गजल मुकम्मल हो।
घुसा ले चार शेर ,अपने और मक्ते के बीच,
बहर, वहर में चक्कर में मत पड़ बस ठूंस ले।
चल सट जा शेरों से, गजल मुकम्मल हो।
घुसा ले चार शेर ,अपने और मक्ते के बीच,
बहर, वहर में चक्कर में मत पड़ बस ठूंस ले।
कोई दाद दे शुक्रिया कहना, सर झुका कर के,
कुछ न बोले तो कहना -गहरी है देर से समझेंगे।
-कट्टा कानपुरी
कुछ न बोले तो कहना -गहरी है देर से समझेंगे।
-कट्टा कानपुरी
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