सड़क पर लोग छतरी लिए टहल रहे थे। एक जन छाता जेब में लटकाये घूम रहे थे।दूसरे जी पीछे कालर में लटकाये थे छाता जैसे सलमान खान चश्मा लगाता है दबंग पिक्चर में।
पानी की बूंदे ऊपर से उतरती हुई नीचे गिर रहीं थीं। गिरते ही पहले से ही गिरी बूंदों में शामिल होकर सड़क पर इकट्ठा हो रही थीं। सपाट जमीन पर गिरने वाली बूंदों की हड्डी पसली चूर-चूर हो जा रही थी। बूँद जमीन पर गिरकर चकनाचूर होकर दूर तक छितरा रही थीं। मानों बूँद के साथ रास्ते में किसी न गलत काम किया हो और उसने लोकलाज के डर से जमीन पर कूदकर जान दे दी हो।
फैक्ट्री के पास चाय की दूकान बन्द थी। उसके बगल में एक और भाई जी स्टोव में हवा भरते हुए चाय पिला रहे थे। पानी बरस रहा था इसलिए जलेबी और पकौडे के ऊपर मोमिया ढकी हुई थी। जलेबी और पकौड़े का दम पक्का घुट रहा होगा लेकिन बारिश में भीगने के डर से वे मोमिया के अंदर दुबके बारिश का नजारा देख रहे थे।
चाय बनाते हुए दुकान वाले गुप्ताजी ने बताया कि दुकान के पहले वो मिट्टी का तेल बेचते थे। सरकार एक लाइसेंस वाले को 4 ड्रम (840 लीटर) केरोसिन देती थी। 3 कार्ड दूसरों के थे। वे लोग तेल लेने के लिये दस्तखत करके इनको दे देते थे। करीब 2500लीटर तेल 2-4 रुपया फायदा लेकर बेच लेते थे। अब सरकार ने मिट्टी का तेल बाँटना बन्द कर दिया। इसलिए चाय की दूकान शुरू कर दी। रांझी में भी गुप्ताजी के भाई की चाय की दूकान है।
इसके अलावा गुप्ताजी टिफिन का काम भी करने वाले हैं। 60 रूपये में दो समय का खाना।इतवार को नानवेज अलग से। इसी 60 रूपये में। बता रहे थे कि रिछाई में शराब के ठेके पर काम करने आये लोगों ने टिफिन के लिए पूछा है। 10 लोग हैं वो इसलिए मना कर दिया अभी। जब और ग्राहक बढ़ेंगे तब काम शुरु किया जाएगा। हमसे भी बोला- अंकल जी किसी को चाहिए टिफिन सर्विस तो बताइयेगा।
कमरे पर आये तो एक बुजुर्ग मिलने आये। आर्मी और उसके बाद बैंक की सिक्योरिटी से पिछले साल रिटायर हुए जगीतन गिरि। बेटे उपेन्द्र के साथ। पास ही कंचनपुर में रहते हैं। बोले -आपसे मिले कभी नहीं लेकिन दोस्तों से सुना है आपके बारे में इसलिए मिलने का मन है।
पता चला बलिया के रहने वाले हैं गिरिजी। बड़ा बेटा फ़ौज में है।छोटा भी जाने की तैयारी कर रहा है। अभी 12 वीं में पढ़ता है।
मेरे लिए यह संकोच और विस्मय की बात है कि कोई लोगों से सुनकर मुझसे मिलने आये। मानों हम कोई सेलेब्रिटी हों। हमने कहा भी उनसे इस बारे में।उनको मेरे बारे में उनके सुबह की टहलन वाले दोस्तों ने बताया था यह जोड़ते हुए कि कई दिन से दिख नहीं रहे शुकुल जी।
गिरि जी पेसमेकर धारी हैं।बीपी, सुगर से मेलजोल है। बता रहे थे कि नींद भी नहीं आती अच्छे से। दिल की बीमारी के चलते डॉक्टर ने नींद की दवा मना की है। इसलिए समस्या है।
गिरि जी हमको घर आने का और खाना खाने का निमन्त्रण दिया है।
पिछले तीन दिन से मेरे मोबाइल कैमरे से फोटो खिंच नहीं रहे थे। मोबाईल धृतराष्ट्र हो रखा था। सेटिंग ओरिजनल करके देखने पर भी कैमरा चालू न हुआ। बस सारी बोल के बन्द। आज अचानक फिर चलने लगा। अच्छा मजाक करता है ये मुआ कैमरा भी। मन तो किया एफआईआर करा दें कैमरे के खिलाफ। लेकिन फिर नहीं कराया। क्या पता कैमरा हमारे ही खिलाफ कोई गलत काम का इल्जाम लगा दे। हर तरफ यही तो होता दिख रहा है आजकल।
अभी देख रहे हैं धूप निकल आई है। चमकीली। सूरज भाई एकदम गबरू जवान सरीखे चमक रहे हैं। किरणें उनके अगल बगल चारो तरफ खिलखिलाती हुई सब तरफ बिखरी हुई समूची कायनात को दिलकश और हसीन और खुशनुमा बना रहीं हैं। मौसम एकदम आशिकाना हो रहा है।
आप मजे कीजिये और बकिया बचा इतवार ऐश से मनाइये। जो होगा देखा जाएगा।
फ़ेसबुकिया टिप्पणियां :
- Supriya Singh Hehehe.pani ki bunde upar se utarti hui nichhe gir rahi thi.
- Manoj Yadav Mausam wakai man chala ho rakha hai aaj kal
- Jyoti Tripathi लगता है,एफ़आइआर का मन बनता देख।सूरज जी ने भी अपनी ड्यूटी मुस्तैदी से की
- Hira Lal Shaw Nice
- Mahesh Shrivastava aaj jiu prasann hav, ekedum chakachuk
- Alok Ranjan Gd evng sir...
- Mithlesh Nagar खुबसूरत वर्णन
- Gautam Kumar कैमरे ने कोई धमकी नहीं दिया है न् सिर्फ मजाक ही तो कर रहा है । अब इस पर बेचारे के खिलाफ FIR करना नहीं बनता सर जी ।
- Neeraj Mishra बूंदें लोकलाज के डर से खुदकुशी करने पर उतारू... क्या बात है..
- विद्या शंकर मौर्य वाह बहुत ही सुंदर वर्णन
शुभ रात्रि ।। - Mohit Verma शुभ प्रभात और चरण स्पर्श sir....आपकी ग्रामीण आँचल की लेखनी हम गाँव वालों के दिल को छू जाती हैं आज तक कभी कुछ लिखते नही थे आपकी पोस्ट पे...बस पढ़ कर चुपके से "लाईकिया " के निकल जाते थे.....मन तो मेरा भी बहुत होता हैं की आपसे मिले, खूब बातें करें और ईश्व...और देखें
- Raman Kathuria Sir ji ek din ke liye aapka cycle mil sakta hai ?
Mai bhi us par sair karke celebrity wali feeling lena chahta hu... plz. Plz
Rekha Srivastava इधर जबलपुर में कुछ ज्यादा ही प्रसिद्ध हो गये हैं ।
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