.........और ये मजाक-मजाक में अपन 52 साल के हो लिए आज।
इससे पहले कि शुभकामनाओं, आशीर्वाद की बौछार होना शुरू हो हम कहना यह चाहते हैं कि:
1. इस सामाजिक माध्यम के जरिये हमको अपने तमाम मित्रों, पाठकों का प्यार बेशुमार मिला।हम उसके लिए बहुत आभारी हैं।
2.कुछ मित्रों ने मुझे इतना अच्छा लेखक बताया कि हम अक्सर सोचते कि शायद ये सच ही कह रहे हों।उसी झांसे में आकर हम लिखते रहे।
3. कई मित्रों ने मेरे बारे में यह धारणा बनाई कि मैं बहुत अच्छा इंसान हूँ। उनकी धारणा को हम गलत भले न ठहराए अपनी तरफ से लेकिन जब किसी से ऐसा सुनते हैं तो अच्छा लगने के साथ जी भी दहल जाता है कि मेरी अनगिनत चिरकुटाइयां और छुद्रताएं उनको पता चलेगीं तब यह धारणा कितनी तेजी से बदलेगी।
4. जिस फेसबुक पर लिखने–पढ़ने के जरिये हमको बहुत मित्र और प्रशंसक मिले उसको बहुत बार बन्द करने की सोचकर बेहतर कुछ लिखने-पढ़ने की सोचते रहे। फेसबुक खाता बन्द नहीँ किया तो सिर्फ इसलिए कि मैंने देखा है कि नियमित लिखने वाला अगर एक बार खाता बन्द करता है तो फिर उसको कई बार यह करम करना पड़ता है।
5. दोस्त लोग हमको बहुत मिलनसार और सामाजिक समझते हैं। जबकि हमें लगता है कि हम अकेलेपन के शिकार हैं। अकेलपन की बोरियत से बचने के लिए स्टेट्स ठेलते रहते हैं। लम्बे स्टेट्स भी इसी बोरियत के चलते लिखते हैं। एक स्टेट्स ठेला नहीं कि बोर होकर दूसरा ठेल दिया। फिर एक और। अगर किसी को हमारे ज्यादा लिखने से कष्ट हुआ तो यह भीड़ का अकेलापन ही उसका कारण है। हम नहीं।
6.पिछले साल दो बार हार्ट बीट 200 से पार हो गयी। तो लगता है कि तबियत भी गड़बड़ा सकती है। उसका ख्याल रखने का कोशिश करने की मंशा है।
7. यहाँ आभासी संसार में इतने बेहतरीन दोस्त मिले कि वे वास्तविक से भी ज्यादा नजदीक लगते हैं। कभी-कभी यह सोचकर डर लगता है कि उनका साथ न छूट जाए। एक यह भी बड़ा कारण है कि कभी-कभी इस आभासी संसार को समय बर्बादी का जरिया मानने के बावजूद यहां से जाने का मन नहीँ करता।
8. सभी मित्रों को जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए अग्रिम धन्यवाद। जो मित्र भूल जाएंगे उनसे हम कहकर शुभकामनाएं ग्रहण कर लेंगे। देरी का कोई सवाल नहीं। शुभकामना खाता साल भर खुला रहेगा।
9. जन्मदिन पर संकल्प लेने की परम्परा है। हमने देखा कि कही कोई पिछला संकल्प उधारी पर तो नहीं चल रहा। देखा कि कोई संकल्प लिया नहीं था पिछली बार भी। इस बार भी वही पालिसी अपनाते हुए कोई संकल्प नहीं ले रहे। हाँ, यह जरूर मन में है कि जितना अभी हैं उससे बेहतर बनने की कोशिश करनी चाहिए।अब बेहतर का कोई मापदण्ड तो है नहीँ तो कहीं पकड़े जाने की सम्भावना बनती नहीँ है।
अब ठीक। अपनी बात कह चुके। 52 साल की बाली उम्र के बाद अब आज से और अब्बी से नई जिंदगी शुरू करते हैं। पुराने सारे अनुभवों और तजुर्बो को तहाकर किनारे रखने के बाद नई शुरुआत। आपकी शुभकामनाएं और प्यार और आशिर्वाद के लिए शुक्रिया। :)
पुनश्च: आज आपको इस मौके पर गाना सुनाने का मन था:
पहिने कुरता पर पतलून
आधा फागुन आधा जून।
खोज रहे हैं। मिलते ही सुनवायेंगे।
इससे पहले कि शुभकामनाओं, आशीर्वाद की बौछार होना शुरू हो हम कहना यह चाहते हैं कि:
1. इस सामाजिक माध्यम के जरिये हमको अपने तमाम मित्रों, पाठकों का प्यार बेशुमार मिला।हम उसके लिए बहुत आभारी हैं।
2.कुछ मित्रों ने मुझे इतना अच्छा लेखक बताया कि हम अक्सर सोचते कि शायद ये सच ही कह रहे हों।उसी झांसे में आकर हम लिखते रहे।
3. कई मित्रों ने मेरे बारे में यह धारणा बनाई कि मैं बहुत अच्छा इंसान हूँ। उनकी धारणा को हम गलत भले न ठहराए अपनी तरफ से लेकिन जब किसी से ऐसा सुनते हैं तो अच्छा लगने के साथ जी भी दहल जाता है कि मेरी अनगिनत चिरकुटाइयां और छुद्रताएं उनको पता चलेगीं तब यह धारणा कितनी तेजी से बदलेगी।
4. जिस फेसबुक पर लिखने–पढ़ने के जरिये हमको बहुत मित्र और प्रशंसक मिले उसको बहुत बार बन्द करने की सोचकर बेहतर कुछ लिखने-पढ़ने की सोचते रहे। फेसबुक खाता बन्द नहीँ किया तो सिर्फ इसलिए कि मैंने देखा है कि नियमित लिखने वाला अगर एक बार खाता बन्द करता है तो फिर उसको कई बार यह करम करना पड़ता है।
5. दोस्त लोग हमको बहुत मिलनसार और सामाजिक समझते हैं। जबकि हमें लगता है कि हम अकेलेपन के शिकार हैं। अकेलपन की बोरियत से बचने के लिए स्टेट्स ठेलते रहते हैं। लम्बे स्टेट्स भी इसी बोरियत के चलते लिखते हैं। एक स्टेट्स ठेला नहीं कि बोर होकर दूसरा ठेल दिया। फिर एक और। अगर किसी को हमारे ज्यादा लिखने से कष्ट हुआ तो यह भीड़ का अकेलापन ही उसका कारण है। हम नहीं।
6.पिछले साल दो बार हार्ट बीट 200 से पार हो गयी। तो लगता है कि तबियत भी गड़बड़ा सकती है। उसका ख्याल रखने का कोशिश करने की मंशा है।
7. यहाँ आभासी संसार में इतने बेहतरीन दोस्त मिले कि वे वास्तविक से भी ज्यादा नजदीक लगते हैं। कभी-कभी यह सोचकर डर लगता है कि उनका साथ न छूट जाए। एक यह भी बड़ा कारण है कि कभी-कभी इस आभासी संसार को समय बर्बादी का जरिया मानने के बावजूद यहां से जाने का मन नहीँ करता।
8. सभी मित्रों को जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए अग्रिम धन्यवाद। जो मित्र भूल जाएंगे उनसे हम कहकर शुभकामनाएं ग्रहण कर लेंगे। देरी का कोई सवाल नहीं। शुभकामना खाता साल भर खुला रहेगा।
9. जन्मदिन पर संकल्प लेने की परम्परा है। हमने देखा कि कही कोई पिछला संकल्प उधारी पर तो नहीं चल रहा। देखा कि कोई संकल्प लिया नहीं था पिछली बार भी। इस बार भी वही पालिसी अपनाते हुए कोई संकल्प नहीं ले रहे। हाँ, यह जरूर मन में है कि जितना अभी हैं उससे बेहतर बनने की कोशिश करनी चाहिए।अब बेहतर का कोई मापदण्ड तो है नहीँ तो कहीं पकड़े जाने की सम्भावना बनती नहीँ है।
अब ठीक। अपनी बात कह चुके। 52 साल की बाली उम्र के बाद अब आज से और अब्बी से नई जिंदगी शुरू करते हैं। पुराने सारे अनुभवों और तजुर्बो को तहाकर किनारे रखने के बाद नई शुरुआत। आपकी शुभकामनाएं और प्यार और आशिर्वाद के लिए शुक्रिया। :)
पुनश्च: आज आपको इस मौके पर गाना सुनाने का मन था:
पहिने कुरता पर पतलून
आधा फागुन आधा जून।
खोज रहे हैं। मिलते ही सुनवायेंगे।
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