पाक को अब उसकी नानी भी याद करा दो,
लगा दो माइक सीमा पर,’जगराता’ करा दो।
लगा दो माइक सीमा पर,’जगराता’ करा दो।
ओज कवियों को माइक थमा दो सीमा पर,
दहाड़ कर पढें कविता,पाक के छक्के छुड़ा दो।
दहाड़ कर पढें कविता,पाक के छक्के छुड़ा दो।
निकालो आंख पाक की वो कश्मीर देखता है,
किसी काने की दुनिया, पूरी तरह चमका दो।
किसी काने की दुनिया, पूरी तरह चमका दो।
-कट्टा कानपुरी
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