व्यंग्य की अब जुड़ रही है चौपाल आज,
पहुँचो साथी आप भी छोड़ो बाकी काज,
पाठक, लेखक बैठकर करेंगे आज विचार,
हाल क्या हैं व्यंग्य के किधर जाएगा यार,
कुछ मत अब सोचिये निकल लीजिये आप
छूट गयी चौपाल तो होगा बहुत 'संताप'।
पहुँचो साथी आप भी छोड़ो बाकी काज,
पाठक, लेखक बैठकर करेंगे आज विचार,
हाल क्या हैं व्यंग्य के किधर जाएगा यार,
कुछ मत अब सोचिये निकल लीजिये आप
छूट गयी चौपाल तो होगा बहुत 'संताप'।
आज हिंदी व्यंग्य से जुड़े पाठक और लेखक साथियों का जमावड़ा होना तय हुआ है। 'व्यंग्य की चौपाल' में हिंदी व्यंग्य से जुडी बातें कही-सुनी जाएँगी। कहा-सुनी होने की भी दिव्य संभावना है। हिंदी व्यंग्य के नामचीन लेखकों के दर्शन भी होंगे।
चौपाल शुरू होने से पहले हिंदी व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर Anoop Mani Tripathi को युवा व्यंग्यकार सम्मान भी प्रदान किया जाएगा।
चौपाल में जिसको भी माइक मिला वह पक्का कुछ न कुछ बोलेगा। जितने वक्ता होंगे उससे कुछ ज्यादा ही उनके नजरिये होंगे भले ही उनका मतलब एक ही निकले (हो सकता है कोई मतलब भी न निकले)। लेकिन जिनको पढ़ते आये हैं उनको सुनने का अपना मजा है।
चौपाल की अध्यक्षता अपने ख्यातनाम उम्र से वरिष्ठ नागरिक हो चुके लेकिन तेवर और लेखन में युवाओं से भी युवा का एहसास दिलाने वाले प्यारे आदरणीय Harish Naval जी करेंगे।
इसके अलावा दिल्ली में मौजूद व्यंग्य से जुड़े तमाम
दिग्गज जिनके वहां पहुँचने की आशा है उनमें Anup SrivastavaArvind Tiwari Sushil Siddharth, Subhash Chander Alok Puranik, Kamlesh Pandeyसंतोष त्रिवेदी, अर्चना चतुर्वेदी और अन्य साथी होंगे। (बाकी साथी अपने नाम जोड़ लें और पहुंचे घटनास्थल पर)
दिग्गज जिनके वहां पहुँचने की आशा है उनमें Anup SrivastavaArvind Tiwari Sushil Siddharth, Subhash Chander Alok Puranik, Kamlesh Pandeyसंतोष त्रिवेदी, अर्चना चतुर्वेदी और अन्य साथी होंगे। (बाकी साथी अपने नाम जोड़ लें और पहुंचे घटनास्थल पर)
तो दिल्ली में पाये जाने वाले साथियों चलिए मुंह हाथ धोकर गर्म कपडे धारण करके निकल लीजिये। मेट्रो या फिर ऑटो या निज वाहन से पहुंचिये हिंदी भवन। वहां चाय-वाय का भी इंतजाम होगा। होना ही चाहिए। चाहिए कि नहीं मित्रों।
मेट्रों से पहुँचने वाले लोग ITO मेट्रों स्टेशन पहुंचें। वहीँ पास में ही है हिंदी भवन। कार्यक्रम 11 बजे से शुरू होने की बात है।
मेरी किताब जो मित्र लोग खरीदें हो और उनको उसमें मेरे आटोग्राफ न मिलने का अफ़सोस हो तो वे हिंदी भवन आकर आटोग्राफ ले सकते हैं। आटोग्राफ का कोई शुल्क नहीं लगेगा।
तो उठिए, तैयार होइए और निकल लीजिये। अपन भी उठते हैं तैयार होने के लिए।
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