अलकाट्राज की प्रसिद्धि एक किले से अधिक एक जेल के रूप में है। लगभग शुरू सन 1859 से ही इसकी शुरुआत हुई। 11 बगावती सैनिक किले में कैदी के रूप में रखे गए। गृह युद्ध के समय चोरी, हमले , बलात्कार , हत्या की सजा पाये सैनिक, राजद्रोह के अपराधी नागरिक और एक जहाज के नाविक दल को यहां बन्दी के रूप में रखा गया।
सेना ने जगह का उपयोग विभिन्न स्थानीय समुदाय के लोगों को और 1898 में हुए स्पेनिश अमेरिकन युध्द में बन्दी बनाये लोगों को भी रखा। 1907 में जब किले के रूप में इसका उपयोग बन्द हुआ तो इसकी सुरक्षा का जिम्मा नियमित सेना की टुकड़ी के स्थान पर अमेरिकन मिलिट्री गार्ड को सौंप दिया गया। सेना ने एक किले को एक विशाल जेल में तब्दील करना शुरु कर दिया।
1915 में इसका नामकरण अमेरिकन अनुसासन बैरक के रूप में किया। जल्द ही जल्द ही प्रथम विश्वयुध्द का विरोध करने वाले लोगों को भी कैदियों के रूप में रखा गया। 1930 की महामन्दी के समय इस द्वीप को हाई प्रोफाइल मजबूत सुरक्षा वाली जगह के रूप में प्रयोग किया गया।
1934 में इसे युध्द विभाग से लेकर न्याय विभाग को सौंप दिया गया और यह जगह संघ की जेल के रूप में बदल गयी। जिन 1545 लोगों को यहाँ रखा गया उनमें से कुछ ही बदनामी कैदी थे। इन कुख्यात कैदियों में से कुछ के नाम थे - अल स्कारफेस कैपाने, डाक बरकार, एल्विन क्रीपी कारपिस, जार्ज मशीन गन केली, फ्लायड हैमिल्टन और रॉबर्ट स्ट्राउड जिसने लेवनवर्थ जेल में बन्दी रहने के दौरान पक्षियों पर प्रसिद्द अध्ययन किया। अधिकतर कैदी वे थे जिन्होंने दूसरी जेलों में रहने के दौरान समस्याएं पैदा कीं , भागने के प्रयास किये ।
संघ की जेल से भागने के 14 प्रयासों में से सबसे चर्चित प्रयास 1962 में हुआ। फ्रैंक मॉरिस और एग्लिन बन्धुओं ने जेल से भागने के लिए पानी में उतर गए। उन्होंने अपने रेनकोट को तैरने के उपाय के रूप में प्रयोग किया। हालांकि उनका कोई अता-पता नहीं चला और यह माना जाता है कि भागने के प्रयास में वे डूब गए।
जेल के बारे में रहस्य और रोमांच के किस्से प्रचलित होने का कारण यह रहा कि यहां बाहर से आये लोगों को चट्टान के आगे आने नहीं दिया जाता था। इसी कारण यहां की कठिनाइयों और रहने की दुर्गंमता के किस्से फैले। इनमें से कुछ सही थे लेकिन यहाँ जेल साफ सुथरी थी और खाना अच्छा था।।निस्संदेह यह जेल सबसे सुरक्षित जेलों में से एक थी।
रखरखाव की बढ़ती कीमत के चलते 1963 में अमेरिका के अटॉर्नी जरनल रॉबर्ट एफ कैनेडी ने इस जेल को बंद करने का निर्णय लिया। सारे कैदी यहां से दूसरी जेलों में भेज दिए गए।
इतनी चर्चित जेल भी कोई खचाखच भरी नहीं रही।
जेल में कुल 336 बैरक थीं लेकिन कभी भी जेल पूरी भरी नहीं। अधिकतम 302 कैदी यहां रहे। कैदियों की औसत संख्या 260 रही। जेल में किसी को फांसी नहीं हुई। जेल में पांच आत्महत्याएं और आठ हत्याएं हुईं। आमतौर ओर कैदी यहां आठ से दस साल रहे।
जेल में कोई भी महिला कैदी या महिला वार्डन नहीं रही। संघ की जेल के समय के दरम्यान वहां रहने वाले परिवार अपने दरवाजों पर आमतौर पर ताले नहीं लगाते थे।
जिस जगह समाज की आधी आबादी महिला या पुरुष न रहे वह अपने में एक कैद ही तो है। कष्टकारी, दुर्गम जेल।
ताले भले न लगें लेकिन निर्जन और एकांत और उसके साथ कहीं आने-जाने की सुविधा या आजादी न होना अपने आप में एक जेल है। अपने लोगों से दूर रहना किसी सजा से कम थोड़ी होता है।
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