आओ जी नये साल जी आओ,
यहीं कहीं तुम भी सेट हो जाओ।
मौज करो तुम खूब चकाचक,
मस्ती औ खुशहाली बरसाओ ।
दुख-सुख तो चलते रहते हैं,
कुछ अच्छा अच्छा करवाओ।
ज्यादा कुछ चहिये न हमको,
हंसी-खुशी से रहो, गुजर जाओ।
आओ जी नये साल जी आओ,
यहीं कहीं तुम भी सेट हो जाओ।
-कट्टा कानपुरी
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