सुबह की शुरुआत मज़ेदार रही। साल भर से ऊपर हो चुका था यहाँ से गये। जिस गेस्ट हाउस में रुके हैं वहाँ क़रीब दस महीने रहे थे। कोरोना काल में। उस समय की कड़ी यादें हैं।
जगते ही चाय मंगाई। दूध फट गया था। बिना दूध की चाय आधी पी बाक़ी छोड़ दी। बिना दूध की चाय पीने का शऊर पता नहीं कब आएगा, जबकि आज इसी का चलन है।
बाहर निकले तो तमाम जाने पहचाने चेहरे मिले। मिलते ही सेल्फ़ी और फ़ोटोबाज़ी शुरू हो गई। पहली सेल्फी Ambrish Shukla और Harshit Tiwari के साथ हुई।
आजकल सेल्फ़ी और फ़ोटो का चलन इस कदर बढ़ गया है कि नमस्ते बाद में होता है फ़ोटो पहले।
फोटो का चलन जिस कदर बढ़ रहा है उससे लगता है कि क्या पता आने वाले समय में बिना फ़ोटो, वीडियो, सेल्फ़ी होने वाली मुलाक़ात, घटना , वाक़ये को घटित हुआ माना ही न जाये। ऐसी हर घटना को दुनिया की कार्यवाही से निकला हुआ माना जाये जिसकी फ़ोटो, वीडियो न हो।
कैंट की सड़क पर लोग सुबह की सैर में जुटे थे। मार्निंग वाकर क्लब के सदस्य बेंच नम्बर सात के पास जमा थे। यह बेंच Saif Aslam Khan के स्केचेज का नियमित हिस्सा है। दुनिया की तमाम हस्तियों और घटनाओं को सैफ़ प्रेम पूर्वक और जबरिया यहाँ लाकर उनके स्केच बनाते हैं। हाल यह दुनिया की कोई हस्ती अगर बेंच नम्बर सात पर नहीं आयी तो उसकी प्रसिद्धि में कुछ कमी सी है।
बेंच के पास पहुँचते ही Inderjeet Sachdev जी मिले। कल उनका जन्मदिन था। धूमधाम से मना। आज भी जारी था। बात करते हुए डॉ Anil Trehan जी साइकिलियाते हुए। देखते , मिलते ही अपन पर फूलमाला , गुलदस्ता की बौछार होने लगे। फूलमाला, गुलदस्ता से हमेशा लैश रहती है मार्निंग वाकर ग्रुप की टीम।
इस बीच एक साथी आए जिनका जन्मदिन था आज। उनको जन्मदिन की बधाई दी गई और माला , गुलदस्ता से शुभकामनाएँ।
बेंच नम्बर सात पर बैठकर फ़ोटोबाज़ी हुई। सैंफ़ की बेंच पर बिना उनकी अनुमति फ़ोटो खींचना ठीक नहीं यह मानते हुए इसी बहाने हमने उनको फ़ोन किया कि तुम्हारी बेंच पर फ़ोटो खींचा जा रहा है।पता लगते ही दस मिनट में सैफ़ बेंच पर हाज़िर हो गये। लेकिन तब तक टहलते हुए हम लोग मंदिर के पीछे चाय के ढाबे पर आ गये थे ।विश्व मुस्कान दिवस के मौक़े पर हंसते हुए चाय पीने के लिए।
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