फ़ुरसतिया

हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै

Saturday, January 11, 2020

धूप की संगत की चाहना

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  सुबह दफ्तर जाते हुए लोगों को सड़क पर आरामफर्मा देखता हूँ तो मन करता है वहीं ठहर जाऊं। घंटा आध घण्टा धूप की संगत में बिताऊं। किलो दो किलो ध...
Monday, January 06, 2020

मोरा मन दर्पण कहलाये

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  सबेरे टहलने निकले। सामने ही रामलीला मैदान है। वर्षो से यहां रामलीला होती है। रामलीला के बाद कवि सम्मेलन और मुशायरा। आसपास के कई जिलों के ...
Sunday, January 05, 2020

ईंट के सिंहासन पर बैठा पीपल का पेड़

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  सुबह इस्टेट देखने निकले। बगल में ही बरगद का पेड़ दिखा। तमाम ईंटे बरगद की गोद मे छिपी थीं। जैसे सर्दी से छुपन-छुपाई खेल रहीं हों। शायद कभी ग...
Wednesday, January 01, 2020

नये साल की शुभकामनाएं

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नया साल आ ही गया। न पूछा न जांचा। मुंडी उठाकर घुस गया। उन्नीस की जगह बीस हो गया। नए साल में और कुछ हो या न हो उन्नीस की जगह बीस लिखने में स...
Tuesday, December 31, 2019

बी ग्राउंड अगेन एट द टॉप

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  कल लखनऊ में अपनी किताब 'घुमक्कड़ी की दिहाड़ी' पर वर्ष 2018 का बाबू गुलाब राय सर्जना सम्मान मिला। Amit को बताया हुआ था। उनको आना था।...

धन्यवाद, शुक्रिया, आभार

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कल लखनऊ में वर्ष 2018 के लिए मेरी किताब 'घुमक्कड़ी की दिहाड़ी' पर बाबू गुलाब राय सर्जना सम्मान मिला। मित्रों ने बधाई दी। शुभकामनाएं भ...
Monday, December 30, 2019

सैनफ्रांसिस्को के घाट मतलब पियर 39

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गोल्डन गेट ब्रिज देखने के बाद बाकी का सैनफ्रांसिस्को देखने निकले। चौड़ी सड़क, चौड़े फुटपाथ। जितनीं चौड़ी सड़क , लगभग उतनी ही फुटपाथ। टहलते हुए पि...
Saturday, December 28, 2019

गोल्डेन गेट पुल – कोई काम नहीं है मुश्किल जब किया इरादा पक्का

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  अमेरिका के किस्से लिखते हुये काफ़ी मामला इधर-उधर हो गया। किसी बाद वाले किस्से को पहले सुना दिया गया। कोई पहले वाला बाद के लिये रख लिया गया...
Thursday, December 26, 2019

सूरज भाई आकस्मिक अवकाश पर

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  ठंड भयंकर वाली पड़ रही। कोहरा भी दांत किटकिटाते हुए फूट लिया। सारी दिशाएं ठंड से ठिठुर रहीं। हमने सूरज भाई को फोन लगाया तो बोले -'यार ...
Monday, December 23, 2019

विदेश यात्रा में खर्चकार्ड

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  अमेरिका यात्रा की पोस्ट्स पढ़ते हुए मित्रगण टिपियाते भी रहे। कई मित्रों ने कहा -'उनको मुफ्त में घुमा दिया अमेरिका।' कुछ ने लिखते रह...
Friday, December 13, 2019

सुबह हो रही है भाई

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  सुबह अभी हुई ही थी। सड़क के दोनों तरफ पेड़ कोहरे को कम्बल की तरह ओढ़े ऊंघ रहे थे। गाड़ी पेड़ों को गुस्से से देखती हुई बड़बड़ाती जा रही थी -' ...
Wednesday, December 11, 2019

हिन्दुस्तान अमेरिका बन जाये तो क्या होगा

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हाल में अमेरिका के किस्से लिखते हुये 12 साल पुरानी पोस्ट याद आई। तब बिना अमेरिका गये हमने अमेरिका के जीवन की कल्पना की थी। लिखा था - हिन्दु...
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योगदानकर्ता

अनूप शुक्ल
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