http://web.archive.org/web/20140419215507/http://hindini.com/fursatiya/archives/332
पूना वाया दिल्ली
By फ़ुरसतिया on September 4, 2007
हम जा रहे हैं पूना। दस दिन के तकनीकी प्रशिक्षण के लिये। १० सितम्बर से २१ सितम्बर तक।
पूना हम वाया दिल्ली जाने का विचार किये तो यह भी विचार आया कि राजधानी की तमाम विभूतियों के दर्शन कर लें।
सो सबेरे दिल्ली पहुंचेगे नौ सितम्बर को। वहां सबसे पहले अपने मामाजी मुलाकात करेंगे। मामाजी हमारे रहते हैं कैलाश हिल्स में। पास ही में मैथिलीजी का आफ़िस है। सो वहीं विचार बनाये हैं कि जो साथी लोग आ सके उनका-उनका दर्शन कर लें। इतवार है सो ज्यादा लोगों का छुट्टिये होगा लेकिन बहुत सारा कामकाज रहता है। फिर भी टाइम निकल पाये तो आइयेगा। तमाम साथियों के फोन नम्बर हमको जीतू ने दिये हैं उनसे बतिया्ने का प्रयास करूंगा।
बता दें कि उसी दिन जीतेंन्द्र चौधरी भये प्रकट कृपाला हुये थे सो साथ में रहेंगे तो उनको हवा में हैप्पी बर्थ डे बोल के जो बुराई -सुराई करनी है जीतेंन्द्र की वो भी कर सकते हैं। जन्मदिन पर इससे अच्छा तोहफ़ा क्या दिया जा सकता है।
यह हमारा वायदा है कि न हम कौनो अपनी पोस्ट पढेंगे न कविता झेलायेंगे। हम तो मिलन चाहते हैं बस्स।
पूना में आजकल आशीष अपने कुंवारे पन के आखिरी दिन गुजार रहे हैं। खाली-पीली में। उनसे मिलेंगे और इतवार को मौका निकालकर मुंबई टपकेंगे जाकर तमाम सथियों से मिलने का मन लेकर। जाने का मन तो रचना बजाज के यहां भी है जो आजकल नासिक में हैं।
देखिये किस-किस से मिलना हो पाता है।
आइये फ़िर मिलते हैं। अपने-अपने इतवारी आलस्य को धता बता के आने का प्रयास करिये। पता यहां दिया है।
Posted in सूचना | 12 Responses
शुभकामनाएं
जीतेन्द्र जी को जन्म दिन की शुभकामनायें हम अभी दे दते हैं।