http://web.archive.org/web/20140419215507/http://hindini.com/fursatiya/archives/526
मुंबई में एक ठो ब्लागर हैं। नाम है शशि! सिंह
भी लगा है। लेकिन वे शशि ज्यादा हैं सिंह कम!चन्द्रमा की तरह अपनी कलायें
बदलते रहते हैं। आज इस मोड में कल उस मूड में परसों किस अदा में दिखायी दें
आपको क्या इनको खुद न पता होगा।
ये अदायें बदलते रहना शशि की खास अदा है। किसी काम को चपक के करने की आदत उन्होंने अपने से चपकने न दी! कोई ऐसा आयोजन नहीं जो यह दावा कर सके कि शशिजी हमसे जुड़े हैं, हमेशा के लिये। सिवाय हिंदी, भोजपुरी, घर परिवार और दोस्तों के! अपने बारे में वे खुद फ़रमाते हैं:
मुंबई ब्लाग से ब्लागिंग शुरू करने वाले शशि ने अपने खुद के डोमेन पर ब्लाग बनाया! लोकमंच से जुड़े। पाडभारती पर अपनी दिलकश आवाज के जलवे दिखाये अभी भी दिखाये जा रहे हैं। नेट पर भोजपुरी के सूत्रधार बने और न जाने कित्ती जगह क्या-क्या किया हमें खुद ही नहीं पता। आजकल के लड़के कुछ बताते नहीं!
सपने देखने और दिखाने में शशि को महारत हासिल है! हम अभी तक शशि का दिखाया सपना देख रहे हैं कि बीबीसी वाले हमारा लेख मांग रहे हैं। ऊ का हुआ भैया शशि उस परियोजना का!
शशि लिखते भी हैं! और जब लिखते हैं जम के लिखते हैं। ब्लाग पर मस्ती में लिखते हैं। निरंतर पर स्व.कवियत्री सुमन सरीन के बारे में संजीदा संस्मरण लिखने के लिये सामग्री के लिये काफ़ी मेहनत भी की।
शशि सिंह के लिखे की सजा भी उनको मिली। तीसरे इंडीब्लागर इनाम से नवाजे गये। उसी का परिणाम है कि उनका लिखना बंद हो गया। पिछले साल हुयी ब्लागर मीट की बची हुई कलेजी अभी तक ब्लाग पर फ़ैलाये हैं।
बताते चलें कि इंडीब्लागीज इनाम भारत के सबसे अच्छे माने जाने ब्लाग को दिया जाता रहा है। हर वर्ष। चुनाव होते हैं। ब्लागर अपना पसंदीदा ब्लाग ब्लाग चुनते हैं। पहला इनाम आलोक कुमार को मिला, दूसरा अतुल अरोरा को तीसरा शशि सिंह को और चौथा पाये समीरलाल! इसके अलावा चिट्ठाविश्व को इनाम मिला, देसीपंडित चुना गया। सबको इनाम के साथ ताला-चाबी भी मिलता है। लगाओ, जाओ, मौज करो!
इस इनाम से जुड़ी एक खासियत रही है कि जिसको ये इनाम मिला उसने लिखना या तो कम कर दिया या बंद कर दिया। क्रम से लोग अपने-अपने शटर गिराते गये। आलोक, अतुल, शशि और अब समीरलाल भी कह रहे हैं कि फ़िर आयेंगे दोस्तों- महाजनो येन गत: स:पन्था!
तो जो लोग और समीरलाल खुद किसी और को अपना लेखन के रुकने, कम करने या अच्छा न होने को कारण मान रहे हैं वे इस भ्रम से बचें। यह सब इंडीब्लागर इनाम का अपरिहार्य भुगतान है जो उनको करना पड़ रहा है। इससे बचने का उपाय देबाशीष ही बता पायेंगें।
शशि सिंह ब्लागर, लेखक होने के साथ-साथ एक बेहतरीन इंसान हैं। यारों के यार हैं। तमाम लोगों के दुलारे हैं। बहुतों के प्यारे हैं। तमाम कामों में नेपथ्य में रहकर सहयोगी भाव से काम करते रहते हैं। नेटवर्किंग जबरदस्त है।
आज शशि सिंह का जन्मदिन है। ऐसे ही ख्याल आया कि शशि को जन्मदिन की बधाई क्यों न दी जाये। उसने क्या कम दिल दुखाया है हमारा -लिखना पढ़ना बन्द करके!
शशि सिंह को मेरी तरफ़ से जन्मदिन की अनेकानेक शुभकामनायें। उनके जन्मदिन पर अपने बेहद पसंदीदा गीत की पंक्तियां याद आ रहीं हैं:
जिस चांद(शशि ) के साथ दुनिया भर की माताओं के आशीष हों उसको और किसी की दुआऒं की दरकार नहीं होती लेकिन हम अपना प्यार, स्नेह, शुभकामनायें जबरियन भेज रहे हैं! आखिर हम भी तो हैं टीम में।
संबंधित कड़ियां:
क्वॉलिटी कंटेंट का अभाव है ब्लागिंग में : शशि सिंह
one × 6 =
शशि सिंह- जन्मदिन मुबारक
By फ़ुरसतिया on September 10, 2008
ये अदायें बदलते रहना शशि की खास अदा है। किसी काम को चपक के करने की आदत उन्होंने अपने से चपकने न दी! कोई ऐसा आयोजन नहीं जो यह दावा कर सके कि शशिजी हमसे जुड़े हैं, हमेशा के लिये। सिवाय हिंदी, भोजपुरी, घर परिवार और दोस्तों के! अपने बारे में वे खुद फ़रमाते हैं:
इन दिनों मुम्बई में एक बड़ी मीडिया कंपनी में मैनेजरी कर रहा हूं. यहां अपनी भूमिका न्यू मीडिया के क्षेत्र में कंपनी की उम्मीदों को परवान चढ़ाने की है. कर्मभूमि मुम्बई है लेकिन जड़े झारखंड के कोयला खदानों से होती हुई बिहार में सरयू नदी के तीर तक जाती है. भोजपुरी व हिंदी मेरी कमजोरी… न… न… मेरी ताकत हैं. बच्चे मुझे बेहद पसंद हैं. उनकी एक मुस्कान मेरे लिए भारी से भारी तनाव में रामवाण साबित होता है. शायद भगवान ने इसीलिए एक प्यारे से बेटे वेदांत का बाप बना दिया है. घर में वेदांत की मां, मेरे माता-पिता और दो छोटे भाई हैं. बस हो गया यार… अब और क्या जानना चाहते हो? मेरे बारे में ज्यादा जानना हो या मुझसे बतियाना हो तो आप मुझे ई-मेल कर सकते हैं. मुझे अच्छा लगेगा.
सपने देखने और दिखाने में शशि को महारत हासिल है! हम अभी तक शशि का दिखाया सपना देख रहे हैं कि बीबीसी वाले हमारा लेख मांग रहे हैं। ऊ का हुआ भैया शशि उस परियोजना का!
शशि लिखते भी हैं! और जब लिखते हैं जम के लिखते हैं। ब्लाग पर मस्ती में लिखते हैं। निरंतर पर स्व.कवियत्री सुमन सरीन के बारे में संजीदा संस्मरण लिखने के लिये सामग्री के लिये काफ़ी मेहनत भी की।
शशि सिंह के लिखे की सजा भी उनको मिली। तीसरे इंडीब्लागर इनाम से नवाजे गये। उसी का परिणाम है कि उनका लिखना बंद हो गया। पिछले साल हुयी ब्लागर मीट की बची हुई कलेजी अभी तक ब्लाग पर फ़ैलाये हैं।
बताते चलें कि इंडीब्लागीज इनाम भारत के सबसे अच्छे माने जाने ब्लाग को दिया जाता रहा है। हर वर्ष। चुनाव होते हैं। ब्लागर अपना पसंदीदा ब्लाग ब्लाग चुनते हैं। पहला इनाम आलोक कुमार को मिला, दूसरा अतुल अरोरा को तीसरा शशि सिंह को और चौथा पाये समीरलाल! इसके अलावा चिट्ठाविश्व को इनाम मिला, देसीपंडित चुना गया। सबको इनाम के साथ ताला-चाबी भी मिलता है। लगाओ, जाओ, मौज करो!
इस इनाम से जुड़ी एक खासियत रही है कि जिसको ये इनाम मिला उसने लिखना या तो कम कर दिया या बंद कर दिया। क्रम से लोग अपने-अपने शटर गिराते गये। आलोक, अतुल, शशि और अब समीरलाल भी कह रहे हैं कि फ़िर आयेंगे दोस्तों- महाजनो येन गत: स:पन्था!
तो जो लोग और समीरलाल खुद किसी और को अपना लेखन के रुकने, कम करने या अच्छा न होने को कारण मान रहे हैं वे इस भ्रम से बचें। यह सब इंडीब्लागर इनाम का अपरिहार्य भुगतान है जो उनको करना पड़ रहा है। इससे बचने का उपाय देबाशीष ही बता पायेंगें।
शशि सिंह ब्लागर, लेखक होने के साथ-साथ एक बेहतरीन इंसान हैं। यारों के यार हैं। तमाम लोगों के दुलारे हैं। बहुतों के प्यारे हैं। तमाम कामों में नेपथ्य में रहकर सहयोगी भाव से काम करते रहते हैं। नेटवर्किंग जबरदस्त है।
आज शशि सिंह का जन्मदिन है। ऐसे ही ख्याल आया कि शशि को जन्मदिन की बधाई क्यों न दी जाये। उसने क्या कम दिल दुखाया है हमारा -लिखना पढ़ना बन्द करके!
शशि सिंह को मेरी तरफ़ से जन्मदिन की अनेकानेक शुभकामनायें। उनके जन्मदिन पर अपने बेहद पसंदीदा गीत की पंक्तियां याद आ रहीं हैं:
राजा का जन्म हुआ था
उसकी माता ने चांद कहा
इक भिखमंगे की मां ने भी
अपने बेटे को चांद कहा! दुनिया भर की माताऒं से
आशीषें लेकर जिया चांद
ये पीला बासन्तियां चांद!
संघर्षों में है जिया चांद!
जिस चांद(शशि ) के साथ दुनिया भर की माताओं के आशीष हों उसको और किसी की दुआऒं की दरकार नहीं होती लेकिन हम अपना प्यार, स्नेह, शुभकामनायें जबरियन भेज रहे हैं! आखिर हम भी तो हैं टीम में।
संबंधित कड़ियां:
क्वॉलिटी कंटेंट का अभाव है ब्लागिंग में : शशि सिंह
31 responses to “शशिं सिंह- जन्मदिन मुबारक”
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Many happy returns of the day to Shashi bhai &
many many more …
warm regards,
-लावण्या
“ये शशीसिंह कौन है?”
यह “जी” लगाना अवाइड होना चाहिये पर पहचान तो हो!
आप इस क्षेत्र के दिग्गजों का परिचय करवा
कर नए कबूतरों (हमारा) ज्ञान वर्धन कर रहे
हैं इसके लिए आपको भी बधाई ! धन्यवाद !
रहस्य से जल्द परदा उठाया जाए. आप तो जानते हैं कि हम कैसे शक्की मिजाज हैं. कुछ का कुछ सोच बैठेंगे.
शशि जी को तो हम जानते नहीं हैं जी, पर आप जानते हैं इतना काफी है. उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएँ प्रेषित हैं.
पिछली तारीख़ में पोस्ट ठेलने का कोई जुगाड़ हो, तो बताइये..
मे्रा अवतार दिवस तो 29 अगस्त है,
महापुरुषों के जन्म तिथि की तर्ज़ पर, यह संप्रति अपने ही स्रोत पर विवादित है..
कुछेक जन 1 जुलाई मानते हैं, किन्तु अम्मा 29 अगस्त की ही पुष्टि करती आयीं हैं ।
यदि इस विवाद पर शोध प्रबंध कोई लिखना चाहे तो मैं कृतज्ञ रहूँगा,
यह निपटारा मेरे जीवनकाल में ही हो जाता, तो मैं संतोष से इहलीला समाप्त कर पाता !
मेरी बधाइयाँ भी टुकड़ों में सबको बाँटते रहिये..
समीर लाला टंकी से प्रसन्नचित्त उतर आयें हैं, कुछ जूस वूस पिला देते..
हिंदी चिट्ठाकारी पर आपका बहुत उधार चल रहा है…
पिछली डिपाज़िट्स को भूल जाइये, RBI के नियम बदल रहे हैं !
शशि से मेरा कुछ विशेष स्नेह है। शशि मेरे लिए छोटे भाई से भी बढकर है। इसने मेरे साथ कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया है, कई बार डाँट भी खायी, लेकिन उससे ज्यादा प्यार और प्रोत्साहन पाया। अपने ब्लॉगिंग और कैरियर के हर पड़ाव पर मेरे से सलाह लेकर मेरे को बड़े भाई होने का अहसास कराया। अनुज शशि, तुम जियो हजारों साल, साल के दिन हो पचास हजार। ईश्वर करे आने वाला साल तुम्हारे और तुम्हारे परिवार के लिए हजारों ख़ुशियाँ लाए। (और हमारे लिए मिठाई खाने के बहाने)
लिखने मे शशि काफी धाकड़ है, लेकिन आजकल कलम कम चला रहा है। शायद बहुत कम लोगो को पता होगा कि शशि ने पहला भोजपुर ब्लॉग/साइट बनायी थी। पॉडकास्टिंग मे विशेष शौंक रखने वाले शशि को तमाम टीवी चैनलो ने भी कवर किया है। शशि तनिक भोजपुरी मे भी लगातार कलम चलाओ ना। तुम्हारे नए प्रोजेक्ट का हम सभी को इंतजार रहेगा।
नहीं $$$$$$$, ये तो पुरानी शराब है. लगता है कि लिंक वाली पोस्ट पर जाकर ही कुंडली मिलेगी.
खैर बधाई ले लो भाई. फ्री का माल है.
संजय भाई, जिस शशि सिंह को आप ढूंढ रहें है उसकी मुझे भी शिद्दत से तलाश है… उपर टंगी उसकी तस्वीर गुमशुदा तलाश केंद्र में भी भिजवा दी है। कहीं दीख जाये तो मुझे भी सूचित करना।
ज्ञान जी, संस्कारों से मजबुर हूं, आपके लिए मुझे “जी” का प्रयोग करना ही पड़ेगा मगर इन्हीं संस्कारों की दुहाई… आपको हमें सिर्फ शशि ही कहना पड़ेगा।
सभी मित्रों को बहुत धन्यवाद!!!
ओ भाई ससी जरा जल्ली-जल्ली प्रगटा करो . कि जे फ़ुरसतिया माट्टर संटी मारेंगे जभईं निकरा करोगे .
जन्मदिन बहुत-बहुत मुबारक हो !
शशि जी, राउर भोजपुरिया ब्लॉग पर सासाराम के विश्व भोजपुरी सम्मेलन के रपट पढ़के बहुत नीमन लागल। राउर विचार से हम सहमत बानी। दरअसल ओकर आयोजक लोग के उद्देश्य भोजपुरी के कल्याण ना होके, आपन प्रचार मात्र रहे।
रउआ से निहोरा बा कि आपन उ ब्लॉग में लेखन जारी रखीं, एह से हमरा नियन ढेर लोग के बड़ी खुशी होई। रउआ से मिलवावे खातिर एक बार फिर अनूप भइया के धन्यवाद।
Kitne basant – patjhad ne inka deedar kiya hai?
इनसे कहिए चूड़ी पहनकर न बैठें, कलम उठाकर हमारे लिए कुछ लिखना शुरू कर दें।
परिचय देने के लिए आभार…।
और पिता बनने पर आपको और भाभी जी को बहुत-२ बधाई।
चाहत का अम्बार मिले ,,,,,
खुशियाँ समृधि रहे सुखमय ,,,
स्वह्र्दय में अति अनुराग लसे ,,,
मनोकामना पूर्ण हो उनकी ,,,,
चाहत का संसार मिले ,,,
अह्लाद सदा अनुकंपित हो ,,,
नेह स्व प्रेम निछावर को ,
रवि अनुराग भरे ऐसा ,,,
विज्ञान का भाव जगे जैसा ,,,
शशि शीतल भाव भरे निसदिन ,,
मलयागिरि मंद सुगंध बहे ,,
नवजीवन का अहसास रहे ,,
चाहत का अम्बार मिले ,,,,
खुशियाँ समृधि रहे सुखमय ,,,
सतत ही आता रहे,
मधुर डे ,,,
जीवन में नव उत्साह भरे ,,
सद्भाव सदा जागृत होवे ,
नभ मंडल भी गुणगान
करे ,,,
जन्मदिन मुबारक हो उनको ,,,,
चाहत का अम्बार मिले ,,,,
शशि सिंह जी जन्मदिन मुबारक हो ,,,,,,,,
राजकिशोर मिश्र [प्रतापगढ़ ]
http://www.blogger.com/blogger.g?blogID=4346059438305619084#editor/target=post;postID=410880655518012961;onPublishedMenu=allposts;onClosedMenu=allposts;postNum=18;src=postname