मान लिया आज का दिन अहिंसा का है ,
मगर बिना मारपीट के गुजारा कैसे हो!
लोग शरीफ़ समझ के बेमतलब दबायेंगे,
बिना बकैती अपन की बसर कैसे हो ।
आज का दिन अहिंसा के पुजारी का है,
कट्टा कानपुरी शेर-ओ-उपवास पर हैं।
आज गांधी जयंती है जा ऐश कर
आज की पिटाई अब कल होगी।
-कट्टा कानपुरी
मगर बिना मारपीट के गुजारा कैसे हो!
लोग शरीफ़ समझ के बेमतलब दबायेंगे,
बिना बकैती अपन की बसर कैसे हो ।
आज का दिन अहिंसा के पुजारी का है,
कट्टा कानपुरी शेर-ओ-उपवास पर हैं।
आज गांधी जयंती है जा ऐश कर
आज की पिटाई अब कल होगी।
-कट्टा कानपुरी
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