http://web.archive.org/web/20140419215855/http://hindini.com/fursatiya/archives/2979
अगले कुछ सालों में ही हिन्दी ब्लॉगिंग सौ साल पूरे करने वाली है। इस मौके पर सोचता हूं कि सदी के सर्वश्रेष्ठ हिदी ब्लॉगर का इनाम बांट दूं। कुछ दोस्तों ने सुझाया कि ब्लागिंग के सौ साल होनें में तो अभी नब्बे-इक्यानबे साल बाकी हैं। अभी से काहे हड़बड़ाये हुये हो। आराम से बांटना। फ़ुरसत निकालकर! लेकिन फ़िर उन्हीं लोगों ने सुझाया कि देरी नहीं करनी चाहिये। पता चला कि आप जरा सा चूके और कोई और बांट के चला गया इनाम। आप देखते रह जाओगे। अपना सा और उनका सा मुंह लेकर। अपनी बेवकूफ़ी को तर्क के कपड़े पहनाते हुये एकाध लोगों ने कहा कि जब दशक का ब्लॉगर पुरस्कार एकाध साल पहले बंट सकता है तो सदी का इनाम तो नब्बे साल पहले बंटना ही चाहिये। कुछ लोगों ने ज्यादा सच्चा तर्क देते हुये कहा- वैसे भी लिखने-पढ़ने वालों को कौन याद रखता है। इनाम-उनाम दोगे तो याद भी रखेंगे- ये है वो जिगरे वाला ब्लॉगर जिसने सदी के ब्लागरों को इनाम बांटे। जहां खड़ा हो जाता है, इनाम बांटना शुरु कर देता है।
बहरहाल, आगे बिना कुछ सोचे-समझे हम सदी का सर्वश्रेष्ठ हिदी ब्लॉगर सम्मान की बाकायदा घोषणा कर रहे हैं। इनाम की मुख्य नियम और शर्ते निम्न हैं:
सूचनायें, नियम और शर्ते तो और न जाने कित्ती हैं। लेकिन वे सब अभी तय नहीं हैं। उनको सोचकर लिखने का समय भी नहीं है। इनाम देने की हड़बड़ी है इसलिये अभी फ़िलहाल यही घोषणा किये दे रहे हैं। जरा कहीं चूके तो कोई और घोषणा कर देगा सदी के सर्वश्रेष्ठ हिदी ब्लॉगर सम्मान की तो हम ताकते रह जायेंगे।
आप अब सोच क्या रहे हैं जी। फ़ौरन भेजिये नामांकन अपना सदी के सर्वेश्रेष्ठ हिंदी ब्लॉगर सम्मान के लिये।
सदी का सर्वश्रेष्ठ हिदी ब्लॉगर सम्मान
By फ़ुरसतिया on May 16, 2012
अगले कुछ सालों में ही हिन्दी ब्लॉगिंग सौ साल पूरे करने वाली है। इस मौके पर सोचता हूं कि सदी के सर्वश्रेष्ठ हिदी ब्लॉगर का इनाम बांट दूं। कुछ दोस्तों ने सुझाया कि ब्लागिंग के सौ साल होनें में तो अभी नब्बे-इक्यानबे साल बाकी हैं। अभी से काहे हड़बड़ाये हुये हो। आराम से बांटना। फ़ुरसत निकालकर! लेकिन फ़िर उन्हीं लोगों ने सुझाया कि देरी नहीं करनी चाहिये। पता चला कि आप जरा सा चूके और कोई और बांट के चला गया इनाम। आप देखते रह जाओगे। अपना सा और उनका सा मुंह लेकर। अपनी बेवकूफ़ी को तर्क के कपड़े पहनाते हुये एकाध लोगों ने कहा कि जब दशक का ब्लॉगर पुरस्कार एकाध साल पहले बंट सकता है तो सदी का इनाम तो नब्बे साल पहले बंटना ही चाहिये। कुछ लोगों ने ज्यादा सच्चा तर्क देते हुये कहा- वैसे भी लिखने-पढ़ने वालों को कौन याद रखता है। इनाम-उनाम दोगे तो याद भी रखेंगे- ये है वो जिगरे वाला ब्लॉगर जिसने सदी के ब्लागरों को इनाम बांटे। जहां खड़ा हो जाता है, इनाम बांटना शुरु कर देता है।
बहरहाल, आगे बिना कुछ सोचे-समझे हम सदी का सर्वश्रेष्ठ हिदी ब्लॉगर सम्मान की बाकायदा घोषणा कर रहे हैं। इनाम की मुख्य नियम और शर्ते निम्न हैं:
- सबसे पहली शर्त तो यही है इनाम के लिये कोई शर्त नहीं है। इनाम जिसको मन आयेगा दे दिया जायेगा। किसी को इनाम देने में अगर कोई शर्त बाधा बनती है तो उस शर्त को बदल दिया जायेगा।
- सदी का ब्लॉगर सम्मान मिलने के लिये वैसे तो ब्लॉगर को सौ साल तक ब्लॉगिंग करनी चाहिये! लेकिन इनाम के लिये ऐसा कोई बंधन नहीं है। कोई ब्लॉगर अपनी पहली पोस्ट लिखने के बाद भी अपना इनाम का दावा ठोंक सकता है।
- जिसने अभी ब्लॉगिंग शुरु नहीं की है वे भी अगर इनाम पाना चाहते हैं तो एक ठो शपथ पत्र जमा कर दें कि इनाम की घोषणा के पहले तक वे कम से कम एक पोस्ट तो लिख ही लेंगे।
- अनामी ब्लॉगर जैसे किलर झपाटा,हलकान विद्रोही, ब्लॉगवकील आदि भी इस इनाम के लिये दावेदारी पेश कर सकते हैं। उनको इनाम मिलने की दशा में वे जिसे बतायेंगे उसको सम्मानित कर दिया जायेगा।
- सदी के ब्लॉगर सम्मान में कितने लोगों को सम्मानित किया जायेगा यह भी तय नहीं है। वैसे प्रयास किया जायेगा कि कुल सम्मानित होने वाले ब्लॉगरों की संख्या कुल नामित होने वाले ब्लॉगरों से कम ही रहे। लेकिन फ़ैशन के दौर में कोई गारण्टी नहीं दी जा सकती।
- इनाम की राशि अभी तय नहीं है। चन्दे की बात सोची जा रही है। जित्ता चन्दा हुआ उसमें से समारोह का पैसा काटकर बाकी बचे पैसे इनाम में बांट दिये जायेंगे।
- जो लोग इनाम लेने किसी कारणवश नहीं आ पाते हैं उनके इनाम के पैसे सम्मान समारोह में किसी भी कारण से मौजूद लोगों में बराबरी से बांट दिये जायेंगे। किसी का यह तर्क नहीं सुना जायेगा कि वे तो ब्लॉगिंग नहीं करते इसलिये इनाम नहीं लेंगे।
- सम्मान समारोह में सम्मानित होने के लिये आने-जाने, ठहरने-खाने-पीने का खर्चा सम्मानित होने वाले ब्लॉगर को खुद वहन करना होगा।
- चंदे की ठीक-ठाक व्यवस्था होने की स्थिति में सम्मान समारोह में स्वल्पाहार की भी की जा सकती है। कम लोगों के आने पर यही व्यवस्था दीर्घाहार में तब्दील हो जायेगी। ज्यादा लोगों के आने पर हो सकता है कुछ लोग भूखे-प्यासे रह जायें। इसलिये बेहतर यही है कि खाने-पीने का अपना इंतजाम करके आयें। खाने-पीने का अपना इंतजाम करके आने वाले ब्लॉगर आते ही समझदार ब्लॉगर सम्मान समारोह का भी फ़ार्म भर दें।
- सम्मान समारोह में बैठने- ऊठने की व्यवस्था की जायेगी। लेकिन अगर आपको खचाखच भीड़ के चलते कोई बैठने का इंतजाम न मिले तो आप जैसा मन कर वैसा करियेगा। मन करे तो जाते-जाते सदी का दुखी/निराश/उदास ब्लागर का फ़ार्म आन लाइन भर दीजियेगा। प्रमाणपत्र आपके घर पहुंच जायेगा।
- ब्लॉगिंग के लिये लेखन कैसा इसका कोई बंधन नहीं है। इनाम ऐसे लेखन पर भी मिलेगा, वैसे पर भी मिलेगा। कविता, कहानी, लेख, उपन्यास, पाडकास्ट, वीडियो, फोटोग्राफ़ी किसी पर भी दिया जा सकता है। इनाम मिलने पर अगर आपको कोई झटका सदमा लगता है तो उसके लिये आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।
- इनाम के निर्धारण में लिखने की गुणवत्ता कोई पैमाना नहीं होगी। अच्छे और खराब लिखने वालों एक नजर से देखा जायेगा।
- इनाम के लिये वोटिंग होगी। आप अपना नाम चाहे यहां नीचे कमेंट बाक्स में दे दें या फ़िर मुझे मेल कर दें। आपके नाम का गोला बनवाकर फ़िर जल्दी ही वोटिंग शुरु करवा दी जायेगी।
- आप जित्ती बार मन कर उत्ती बार अपने को वोट दे सकते हैं। कोई बंधन नहीं है। खुद को ज्यादा बार वोट देने के प्रयास के चलते संभव है आपको सदी का सबसे मेहनती ब्लॉगर का इनाम भी लेना पड़े।
- चूंकि सदी के ब्लॉगरों की संख्या काफ़ी होगी इसलिये आप लोग इनाम के लिये नये-नये नाम भी सुझा सकते हैं। सबसे ज्यादा इनाम के नाम सुझाने वाले को सदी का सर्वश्रेष्ठ इनाम सुझावकार सम्मान मिल सकता है।
- आप अगर तय कर चुके हैं कि अपने ब्लॉग पर सम्मान समारोह की बुराई करेंगे तो इस आशय का शपथपत्र जमा करा देने पर आपको सदी का सर्वश्रेष्ठ आलोचक पुरस्कार मिल सकता है। अगर आप बुराई करने के अपने वायदे से मुकरते हैं तो आपको सदी का सर्वश्रेष्ठ सद्भावना ब्लॉगर सम्मान भेज दिया जायेगा।
- आप ब्लॉगर सम्मान की घोषणा होने के बाद यदि सम्मान न लेने की घोषणा करते हैं तो आपको सदी का सर्वेश्रेष्ठ निर्लिप्त ब्लॉगर सम्मान दिया जा सकता है।
- आप अगर अपने किसी दोस्त को इनाम दिलाना चाहते हैं तो उसका नाम भेजिये। अगर आप चाहते हैं कि किसी को इनाम न मिले तो उसका भी नाम भेजिये। हम कोई न कोई रास्ता जरूर निकालेंगे कि आपके मन की होकर रहे।
- इनाम की घोषणा और उसके बंटने की घोषणा अलग से की जायेगी। कब की जायेगी इसका खुलासा उचित मौका आने पर किया जायेगा।
- इनाम पाने वाले अगर चाहे तो अपने इनाम मिलने के मौके पर दिये जाने वाले वक्तव्य मुझे भेज दें। अगर किसी का वक्तव्य पसंद आ गया तो उसको सदी का सर्वेश्रेष्ठ पुरस्कार वक्तव्य सम्मान दे दिया जायेगा। कई वक्तव्य आने की दशा में उसको किसी और नाम से सदी का सर्वश्रेष्ठ( ओजस्वी/झिलाऊ/रुलाऊ वक्तव्य) करके इनाम दे दिया जायेगा। आप यह समझ लीजिये कि जो होगा सदी का होगा। सदी के नीचे कुच्छ नहीं होगा।
- आप चाहते हैं कि आपको/या किसी अन्य को इनाम उसके लेखन के लिये नहीं उसके गुणों के लिये मिले तो उसके लिये भी नाम भेज सकते हैं। लेकिन उसमें शर्त यह है कि आप दूसरे के अच्छे गुणों के लिये ही उसे नामित कर सकते हैं। उदाहरण के लिये आप अपने को सदी का सर्वश्रेष्ठ चिरकुट ब्लॉगर, खुराफ़ाती ब्लॉगर आदि कहकर नामांकित कर सकते हैं लेकिन किसी दूसरे ब्लॉगर के लिये नामांकित करने के लिये आपको सदी का सर्वश्रेष्ठ भला मानस/ ईमानदार/ साहसी/ उदीयमान/उदित/प्रस्फ़ुटित/पल्लवित ब्लॉगर/ जैसे विशेषण ही चुनने होंगे।
सूचनायें, नियम और शर्ते तो और न जाने कित्ती हैं। लेकिन वे सब अभी तय नहीं हैं। उनको सोचकर लिखने का समय भी नहीं है। इनाम देने की हड़बड़ी है इसलिये अभी फ़िलहाल यही घोषणा किये दे रहे हैं। जरा कहीं चूके तो कोई और घोषणा कर देगा सदी के सर्वश्रेष्ठ हिदी ब्लॉगर सम्मान की तो हम ताकते रह जायेंगे।
आप अब सोच क्या रहे हैं जी। फ़ौरन भेजिये नामांकन अपना सदी के सर्वेश्रेष्ठ हिंदी ब्लॉगर सम्मान के लिये।
Posted in बस यूं ही | 168 Responses
अरे भई कुछ मोटा सा नावॉं-शावॉं देवें तो कुछ समझ भी आए. यूँ भी गाल बजइए सा लगना कहां ठीक है. ढपोरशंखइ करना की भी कोई हद होनी चाहिये. …बाकी, जो भिगो भिगो के दिए हैं वो तो कम हैं ही नहीं.
मजे की बात है जिनके नाम प्रस्तावित हैं उनमें कई में मामला जनरल वी.के.सिंह टाइप है। ब्लाग शुरु करने की समय गलत है।
सतीश सक्सेना की हालिया प्रविष्टी..आज कहाँ से लेकर आऊँ,मीठी भाषा मीठे गीत – सतीश सक्सेना
आश्चर्य है कि किन्ही अरुण जी ने वहाँ टिप्पणी में लिखा कि ….
(5)व्यंग्यकार का सम्मान : एक मात्र व्यंग्य लेखक अविनाश वाचस्पति
एक मात्र व्यंग्य लेखक??अविनाश जी माफ़ी के साथ आप की कविताओं में आधी बात तो पल्ले नहीं पड़ती ..क्या कविता करते हैं /क्या लिखते हैं?
मेरे विचार में अनूप जी..सब से श्रेष्ठ व्यंग्यकार हैं ,इनके अलावा प्रतिष्टित नाम अलोक पुराणिक जी का भी है…विवेक सिंह ,राजीव तनेजा…भी हैं जिनके लेख चुटीले होते हैं ,
अगर अरुण चन्द्र राय जैसे लोगों को इन उपर्लिखित लेखकों के बारे में मालूम नहीं हैं तो ये लोग ‘कुएँ के मेंढक हैं इनके वोट से कैसे तय करेंगे दशक का व्यंगकार ?
.. मेरी कवितायेँ समकालीन हिंदी कविता के समकक्ष खड़ी होती हैं… आग्रह है कि मेरी कविताओं को पुनः पढ़ें… बिना किसी पूर्वाग्रह के… बाकी मैं कभी मानता ही कि नहीं कि मैं कविता लिख भी रहा हूं… आपसे कवितागिरी सीख लूँगा.. नाम और पता तो बताते जाइए… यह छद्म नाम और पहचान क्यों…
हम लोग कित्ता सम्मान देते हैं हिंदी ब्लोगर को
ओ के …
अनूप भाई पुरस्कारों की संख्या बढ़ा कर १०० कर दो , शायद अपने चेहरे को चमकाने में लगे हम सब गिनती में इतने ही हैं !
पढने का भी दिल नहीं होता बिना पुरस्कारों के सच्ची …
बिना ईनाम के भी कोई जिंदगी है ???
सतीश सक्सेना की हालिया प्रविष्टी..आज कहाँ से लेकर आऊँ,मीठी भाषा मीठे गीत – सतीश सक्सेना
इनाम की संख्या असीमित है। आप जित्ते चाहोगे उत्ते मिलेंगे। एक बार मांगिये तो सही।
जिंदगी से निराश न हों। निराशा से और कुछ हाथ नहीं लगता -सिवाय एक अंसुआये गीत के।
सर्वाधिक निठल्ल-चिंतन इधर ही देखने को मिलता है । हिन्दी वालों नें ब्लॉगिंग को चुटकुला बना दिया है । अब चुटकुलों की कमी नहीं । सभी महान ब्लॉगरों के आर्काइव में जाकर झाँका जाए तो सर्वाधिक पोस्ट ब्लागिंग से जुड़ी हुई ही मिलेंगी । आए दिन हिन्दी ब्लॉगिंग पर नया नया दर्शन, भाषण, प्रवचन सुनने को मिलता है । ब्लॉगगौरवों के कारनामें, ब्लागप्रियों पर व्यंग्यबाण, ब्लागकुमारों की गर्वोक्तियाँ, ब्लागभूषणों के आशीर्वचन, ब्लॉगसेनों की संगोष्ठियाँ और तो और कुछ ब्लॉगवीर तो चीरहरण की कुचेष्टा भी करते नज़र आए ….। हिन्दी ब्लॉगिंग का सबसे लोकप्रिय शब्द है चिरकुटई । पहले तो दफ्तर से घर आकर तुलसीदास बनने के प्रयास होते थे । मगर कुसंगत में चित्रकूट के घाट पर चिरकुटई सीख गए । अब सीधे दफ्तर से ही चिरकुटई पोस्ट हो जाती है और घर आकर फिर शुरू हो जाती है । मज़े हैं ब्लॉगरों के ।
आपने जबर्दस्त लिखा है । ये नज़रिया, ये फ़ुरसतिया तेवर बरक़रार रहे ।
हम आपको सार्वकालिक ब्रह्मांडीय ब्लॉगर परिषद द्वारा स्थापित सर्वश्रेष्ठ प्रपंची परदुखकातर व्यंग्यबीजक, व्यंग्य खोजक, व्यंग्यकाटक ब्लॉगर शिरोमणी सम्मान से विभूषित करने की अनुशंसा करते हैं ।
अजित वडनेरकर की हालिया प्रविष्टी..सकीना और शान्ति
ब्लॉगिंग चुटकुला बन गयी और कालजयी कहलाने लगी।
मजा आ गया आपकी टीप बांचकर।
फ़िर से जय हो!
सतीश सक्सेना की हालिया प्रविष्टी..आज कहाँ से लेकर आऊँ,मीठी भाषा मीठे गीत – सतीश सक्सेना
अजित वडनेरकर को क्या इनाम का लालच! वे अभी हाल में ही राजकमल प्रकाशन द्वारा मिले इनाम के एक लाख रुपये ठिकाने लगा चुके हैं। उनको ई मुफ़्तिया इनाम कहां सोहेगा जहां लेने के लिये धक्का-मुक्की करनी पड़ती है।
वहां गया ….देखा तमाशा !!
ये पुरस्कार समारोह होने जा रहा है या बड़े मंगल का भंडारा लगने जा रहा है
ये भंडारा अब तो साल होता है। इस बार थोड़ा बड़े पैमाने पर हो रहा है। दशक का मामला जो ठहरा।
वहां गया ….देखा तमाशा !!
ये पुरस्कार समारोह होने जा रहा है या ‘मा भगवती’ का भंडारा लगने जा रहा है
अजब-गजब लोग हैं.. आनंद ही आनंद
Abhishek की हालिया प्रविष्टी..अच्छा-बुरा !
कच्ची उम्र( हिंदी ब्लॉग जगत ) में दिए गए / बांटे पुरस्कारों में मानवीय कमजोरी के चलते हेतु , पक्षपात की गुंजाइश अधिक रहती है और आयोजक पर उंगली अलग उठती है !
यहाँ हम लोगों के बीच कुछ ऐसे महिला और पुरुष विद्वान् हैं जो एक निहित उद्देश्य और विषय पर काम करते हैं, उनकी विद्वता पर कोई सवाल नहीं उठा सकता मगर यह व्यक्तित्व विवादित रहे हैं और इनके अपने चाहने वाले और आलोचक हैं…इन नामों पर चर्चा मात्र से ही सैकड़ों पोस्ट लिखी जा सकती हैं !
इसी प्रकार एक से एक शानदार विद्वान (उदाहरण के लिए अजित वडनेरकर, ) बिना शोरशराबे के अपना कार्य कर रहे हैं शायद ही उन्हें कोई पुरस्कार मिलेगा !
पुरस्कार की पात्रता का निर्धारण निष्पक्ष और सर्वमान्य होना चाहिए !
जल्दवाजी में इस प्रकार के कार्य, कर्ता के उद्देश्य को छोटा बनाने में, बड़ी भूमिका निभायेंगे !
पुरस्कार देने के लिए भी एक गरिमा होनी चाहिए हर किसी को पुरस्कार बांटने का अधिकार ही नहीं होना चाहिए , कम से कम बिना पूंछे किसी नाम पर चर्चा का अधिकार किसी एक व्यक्ति का नहीं है !
हमें कोई हक़ नहीं कि किसी व्यक्ति विशेष की निजता का उल्लंघन कर, उसे अनजाने में , अपनी निज गोष्ठी में, मखौल का पात्र बना दें !
जिस प्रकार पुरस्कार पाने और देने के लिए भीड़ उमड़ी है वह अन्तराष्ट्रीय ब्लोगिंग के क्षेत्र में हास्यास्पद है इससे हिंदी ब्लोगिंग का कद छोटा हुआ है …
पुरस्कार उसे कहा जाता है जो पूर्ण बहुमत से मिले अगर एक मत भी खिलाफ हो तो मैं उसे ख़ुशी नहीं मानता !
आप सबसे विनम्र प्रार्थना है कि मेरे नाम पर कोई सुझाव न दे मैं अपने आपको इस योग्य नहीं पाता हूँ !
आदरणीय रविन्द्र प्रभात जी से निवेदन है कि वे पहले १० में से मेरा नाम हटा दें ताकि मुझे हारने या जीतने का मलाल नहीं हो
सतीश सक्सेना की हालिया प्रविष्टी..आज कहाँ से लेकर आऊँ,मीठी भाषा मीठे गीत – सतीश सक्सेना
आखिर लिलीपुट में क्या पुरस्कार नहीं दिये जाते थे?
Gyandutt Pandey की हालिया प्रविष्टी..मोहिन्दर सिंह गुजराल
आखिर लिलीपुट में क्या पुरस्कार नहीं दिये जाते थे?
Gyandutt Pandey की हालिया प्रविष्टी..मोहिन्दर सिंह गुजराल
रवीन्द्र प्रभात ने ब्लागजगत में ज्यादातर इनाम ही बांटे हैं। आप एक ही काम को सराहनीय और बचकाना एक साथ कह रहे हैं।
इसी प्रकार एक से एक शानदार विद्वान (उदाहरण के लिए अजित वडनेरकर, ) बिना शोरशराबे के अपना कार्य कर रहे हैं शायद ही उन्हें कोई पुरस्कार मिलेगा !
अजित वडनेरकर ने जो किया अपनी संतुष्टि के लिये किया। इसके लिये उनको सम्मानित भी किया गया और एक लाख का नाम भी (जिसे वे ठिकाने भी लगा चुके हैं)
पुरस्कार देने के लिए भी एक गरिमा होनी चाहिए हर किसी को पुरस्कार बांटने का अधिकार ही नहीं होना चाहिए , कम से कम बिना पूंछे किसी नाम पर चर्चा का अधिकार किसी एक व्यक्ति का नहीं है !
रवीन्द्रजी तो पूरी गरिमा और विनम्रता के साथ इनाम बांट रहे हैं। अपने लोगों को सम्मानित करने का अधिकार आप क्यों छीन रहे हैं अपने चाहने वाले से।
जिस प्रकार पुरस्कार पाने और देने के लिए भीड़ उमड़ी है वह अन्तराष्ट्रीय ब्लोगिंग के क्षेत्र में हास्यास्पद है इससे हिंदी ब्लोगिंग का कद छोटा हुआ है …
हिंदी ब्लॉगिंग में बड़ी-बड़ी चिरकुटैयों को पचाने की अद्भुत क्षमता है। पुरस्कार पाने और देने वाले इसई के कर्णधार हैं। हिन्दी ब्लॉगिंग के कर्णधारों के कार्यकलापों से ब्लॉगिंग का कद कैसे छोटा हो गया?
तो मैंपुरस्कार उसे कहा जाता है जो पूर्ण बहुमत से मिले अगर एक मत भी खिलाफ हो उसे ख़ुशी नहीं मानता ! इनाम देने वालों को भी आपस में मतभेद रखने का अधिकार है जी। इस चक्कर में मत-वत तो इधर-उधर हो ही सकते हैं।
आप सबसे विनम्र प्रार्थना है कि मेरे नाम पर कोई सुझाव न दे मैं अपने आपको इस योग्य नहीं पाता हूँ ! आपके सुझाव से क्या होता है! लोग आपको सम्मानित करना चाहते हैं तो कर के रहेंगे। ब्लॉगिंग घराने के लोगों का इतना तो हक है ही आप पर। आपने विनम्र प्रार्थना करके इनाम मिलने का खतरा बढ़ा लिया है। विनम्र लोगों को बहुत वोट मिलते हैं।
आदरणीय रविन्द्र प्रभात जी से निवेदन है कि वे पहले १० में से मेरा नाम हटा दें ताकि मुझे हारने या जीतने का मलाल नहीं हो
आदरणीय रवीन्द्र प्रभात इस पोस्ट को ( बावजूद इसे पढ़ने पर हंसी चलते पेट पर बल पड़ने के) अधपढ़ा छोड़कर चले गये थे। अब शायद वे वापस आपने की स्थिति में न हों। वैसे भी रवीन्द्र प्रभात से अनुरोध उनके ब्लाग पर करना चाहिये शायद आपको।
इसके अलावा आपका नाम हटाने का मैं सख्त विरोध करता हूं। आपको अपने प्रशंसकों का दिल तोड़ने का कोई हक नहीं है। आपको इनाम लेना ही पड़ेगा। वैसे भी अब इनाम की संख्या बढ़कर 41 हो गयी है। आप अगर पहले दस से अपना नाम हटाने का निवेदन करेंगे तो हो सकता है लोग आपकी बात मानकर पहले दस से आपका नाम हटाकर बाद के इकतीस नामों में रख दें।
गिरीश बिल्लोरे “मुकुल” की हालिया प्रविष्टी..रवींद्र प्रभात वार्ता से वार्ता : मिसफ़िट : सीधीबात पर
विवेक रस्तोगी “पुरातनकालीन ब्लॉगर” की हालिया प्रविष्टी..कैरम से मिलती जीवन की सीख
अजित भाई की टिप्पणी के लिए उन्हें दशक की सर्वश्रेष्ठ टिप्पणी का पुरस्कार मिलना चाहिए. इस पोस्ट में अगर किसी टिप्पणी ने चार-चाँद लगाए हैं तो वह अजित भाई की टिप्पणी है.
सक्सेना जी द्वारा अपना नाम वापस लेने की बात करना दुखी कर गया. मुझे नहीं लगता कि पुरस्कार देने से पहले पुरस्कार पानेवाले से अनुमति लेने की ज़रुरत रहती है. ऐसे में सक्सेना जी से निवेदन है कि वे अपना नाम वापस लेने वाले अपने वक्तव्य को वापस लें. पुरस्कार देनेवालों के भावनाओं की कदर करना हर पुरस्कार पानेवाले का कर्त्तव्य है.
बाकी सब चकाचक है. हलकान भाई तक आपकी बात पहुंचा दी गई है.
शिव कुमार मिश्र की हालिया प्रविष्टी..द्वापर युग का एक टीवी पैनल डिस्कशन
अजित भाई की टिप्पणी पर आपकी राय से भी सहमति!
सक्सेनाजी के बारे में आपने जो लिखा उससे मैं क्या सक्सेना जी तक असहमत नहीं हो सकते।
हलकान भाई को फ़िर से हमारा नमस्ते कहियेगा। कहियेगा कि हम उनको मिस करते हैं।
सतीश सक्सेना की हालिया प्रविष्टी..आज कहाँ से लेकर आऊँ,मीठी भाषा मीठे गीत – सतीश सक्सेना
अजय कुमार झा की हालिया प्रविष्टी..ब्लॉगिंग में हुआ बवाल , ब्लॉगिंग को मिली उछाल
वैसे हम आपको वोट कर आये हैं उधर, सर्वश्रेष्ठ व्यंग्यकार के रूप में।
अल्टीमेट पोस्ट, पढ़ते हुए लगा कि आखिर क्यों फुरसतिया जी फुरसतिया जी कहलाते हैं…
निखालिस फुरसतिया मार्का पोस्ट के लिए बधाई
हिन्दी चिठाकारी में किसी को सर्वक्षेष्ठ बताना मुझे टीक नहीं लगता क्योकि उन्मुक्त, अनामदास, मिर्चीसेठ, सृजनशिल्पी, तत्वज्ञानी का हथौड़ा जैसे कई अच्छे ब्लॉगर रहे है… आज कोई है अथवा नहीं है पर उनकी याद हमारे जेहन में आज भी है..
प्रमेन्द्र की हालिया प्रविष्टी.."मंगल की मंगलमय भौमवती अमावस्या"
ajit gupta की हालिया प्रविष्टी..नरेन्द्र से स्वामी विवेकानन्द का निर्माण : भारत का स्वाभिमान जागरण
इसके लिए कोई एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया है क्या?
सतीश चंद्र सत्यार्थी की हालिया प्रविष्टी..टर्किश लैंगुएज सेल्फ स्टडी – तुर्की भाषा अल्फाबेट
2. वैसे इसी पोस्ट के बहाने हिन्दी ब्लागिंग को आठ दस और जवाबी पोस्टों का फायदा हो जाने वाला है:)
3. बख्शीश की तरह बंटने वाले ईनाम को सम्मान के चोले मे देख कर अचंभित हूँ
4. सदी का सबसे पिछड्डी टिप्पाकार ब्लॉगर मे मेरा नामांकन करिएगा (गोला बनाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी मेरी एन्टी इंकम्बेंसी वोट तो मेरे पक्ष मे ही जाने वाले हैं)
Padm Singh पद्म सिंह की हालिया प्रविष्टी..गज़ल
Rekha Srivastava की हालिया प्रविष्टी..हिंदी दिवस : औपचारिकता भर !
प्राइमरी का मास्टर की हालिया प्रविष्टी..अपने सीने में ‘शिक्षक होने का तमगा’ लिए घुमते हैं?