फ़ुरसतिया
हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै
Saturday, November 03, 2012
धूप जैसे सड़क से उतरती आ रही है
तिराहे की दूसरी तरफ़ का सीन। धूप जैसे सड़क से उतरती आ रही है- आहिस्ता, आहिस्ता
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