Tuesday, August 20, 2013

…और ये फ़ुरसतिया के नौ साल

http://web.archive.org/web/20140403135138/http://hindini.com/fursatiya/archives/4629

…और ये फ़ुरसतिया के नौ साल

फ़ूल
….और मजाक-मजाक में फ़ुरसतिया के नौ साल भी पूरे हुये। आज के ही दिन नौ साल पहले 20 अगस्त, 2004 को पहली पोस्ट लिखी थी। कुल जमा नौ शब्द में लिखा था:
अब कब तक ई होगा ई कौन जानता है
इन नौ शब्दों से शुरु हुई खुराफ़ात को हुये नौ साल निकल गये। अनगिनत किस्से यादे हैं इस सफ़र की। उनमें से कुछ इसके पहले की सालगिरह की कहानी बताते हुये लिखे हैं।
रवि रतलामी , जिनका लेख बांचकर हमने ब्लॉग लिखना शुरु किया , दो साल पहले साल में सौ पोस्ट लिखने का काम बताया था। पिछले साल तो साठ ही लिखे। लेकिन इस साल आज तक 93 निकाल दिये। 7 बाकी हैं। दिन बचे हैं 11 । लगता है इस साल उनका दिया ब्लॉगवर्क पूरा हो जायेगा।
इस साल अखबारों में कई लेख छपे। लोगों ने ब्लॉग से उठाकर अखबार में छाप दिये। फ़िर हमने भेजना भी शुरु किया अखवारों में इसी जुलाई से। कुछ छपे कुछ का जबाब ही नहीं आया। छपास कामना पीड़ित हम ब्लॉगर सुबह-सुबह उस अखबार को नेट पर ताकते हैं जिसमें लेख भेजा था। मतलब जिस अभिव्यक्ति के लिये ब्लॉग लिखना शुरु किये गये होंगे वह फ़िर अखबार के आसरे हो गयी।
अखबार में छपने के चक्कर में शब्द सीमा का भी ध्यान रखने लगे। पहले हजार शब्द के नीचे प्रकाशित करने से पहले सोचते थे कि लोग क्या कहेंगे। लेकिन अब सोचते हैं पांच सौ हुये पब्लिश करो यार। न जाने कौन गरीब अखबार वाला ताक रहा हो इसे उठाने के लिये। :)
अपन की अखबारों में छपने की यह लालसा वैसे ही है जैसे गांव वाले घर वालों को दूध पिलाने की बजाय सुबह-सुबह डिब्बे में भरकर शहर ले जायें। अच्छा सा लिख गया तो भेज दिया अखबार में। नहीं छापेगा अखबार वाला तो पोस्ट कर देंगे हफ़्ते भर बाद ब्लॉग में।
फ़ेसबुक के चलते ब्लॉगिंग कम होने की बात होती रहती है। लेकिन ब्लॉग से जड़े लोग फ़िर-फ़िर जहाज के पंछी की तरह लौट-लौट कर ब्लॉग जहाज पर आते हैं। हम भी टहलते भले रहें दिन भर फ़ेसबुक की गलियों में लेकिन सुकून की तलाश में ब्लॉग आंगन में ही आते हैं।
ब्लॉगिंग में संकलक के अभाव में लोग एक-दूसरे का लिखा पढ़ भी कम पाते हैं। फ़ेसबुक को नोटिस बोर्ड की तरह प्रयोग करके ब्लॉग का लिंक ठेल देते हैं। लोग भी वहां ही ’लाइक’ करके फ़ूट लेते हैं। ब्लॉग तक आते ही नहीं। वो शेर है न इरफ़ान झांस्वी का:
संपेरे बांबियों में बीन लिये बैठे हैं,
सांप चालाक हैं दूरबीन लिये बैठे हैं।
सबको पता है कि ब्लॉग पर जायेंगे तो टिपियाना पड़ेगा। सो फ़ेसबुक की लिंक पर ही लाइक करके, मुश्किया का या फ़िर “टिप्पणी-टिप” देकर फ़ूट लेते हैं।
पहले ब्लॉग पर बवालिया पोस्टों पर तमाम टिप्पणियां/प्रतिटिप्पणियां होतीं थी। अब लोग बवाल निरपेक्ष हो गये हैं। बवाल उदासीन। ऐसा न होता तो सिद्धार्थ और विनीत की पोस्टों पर घमासान टिप्पणीबाजी होती। पोस्टों की बौछार हो जाती।
ब्लॉगिंग के चलते हमें ब्लॉगिंग की दुनिया के अलावा अक्सर लोग लेखक नुमा मानने लगते हैं। हमारे आसपास के ये लोग हमारा लिखा कभी कोई ब्लॉग नहीं पढते। लेकिन गाहे-बगाहे लेखक का उत्साह बढ़ाने के लिये कहते हैं- आप तो खूब लिखते हैं। अपनी कोई कविता सुनाइये। मतलब आम धारणा है अपने यहां कि लेखक है तो कविता ही लिखता होगा। :)
इस मौके पर अनगिनत वे साथी याद आते हैं जो ब्लॉगिंग के इस सफ़र के दौरान साथ रहे। कुछ अभी भी गाहे-बगाहे दिखते हैं। ज्यादातर लम्बे समय से सुसुप्तावस्था में चले गये हैं। कभी-कभी कोई पुरानी पोस्ट दिखती है उनकी तो इधर-उधर की यादगलियों में भटक लेते हैं। वे भी क्या दिन थे। :)
ईस्वामी खुद भले न लिखें अब लेकिन हमारे लिये इतजाम बराबर किये रहते हैं। पिछले दिनों हिन्दिनी साइट हैक हो गयी तो दस-पन्द्रह दिन ब्लॉग दिखना और लिखना भी ठप्प सा रहा। स्वामीजी ने फ़िर दौड़-धूप करके ब्लॉग को छुड़वाया हैकरों के कब्जे से।
इन नौ सालों में हमारे लिखते रहने का कारण हमारा यह भ्रम है कि लोगों के पास हमारा लिखा पढ़ने की फुरसत है। यह भ्रम अभी तक बरकरार है। इसलिये लिखना जारी है। :)
आज ब्लॉगिंग के सफ़र के नौ साल पूरे होने के मौके पर अपने तमाम पाठकों को धन्यवाद देते हैं।
सूचना: एक , दो ,तीन , चार , पांच , छह , सात और आठ साल के पूरे होने के किस्से।

72 responses to “…और ये फ़ुरसतिया के नौ साल”

  1. Dr. Monica Sharrma
    बधाई आपको ….. लेखन का सफ़र यूँ ही चलता रहे …शुभकामनायें
    Dr. Monica Sharrma की हालिया प्रविष्टी..आश्रित नागरिक देश क्या गढ़ेंगें
  2. देवांशु निगम
    बधाइयाँ !!!! :) :) :)
    देवांशु निगम की हालिया प्रविष्टी..१५ अगस्त का तोड़ू-फोड़ू दिन !!!
  3. देवेन्द्र बेचैन आत्मा
    इस साल फुरसतिया कट्टा कानपुरी बने..इसका जिक्र तो किया ही नहीं
    आपको पढ़ने के लिए फुरसत निकालना ही पड़ता है। आपके लिखे का आकर्षण बना रहे…आप यूँ ही लिखते रहें..हार्दिक शुभकामनाएँ।
  4. Alpana
    हमारे पंसदीदा ब्लॉग ‘फुरसतिया ‘ के नौ साल पूरे होने पर अनूप जी आप को बहुत-बहुत बधाई .
    इस ब्लॉग ने वाकई एक रेकोर्ड बना लिया है.जिससे नए -पुराने लेखकों को ब्लॉग लेखन में निरंतरता बनाए रखने की प्रेरणा मिलेगी.
    पहले दो साल में पहले साल १०० पोस्ट्स का लक्ष्य पूरा करना आप के लिए मुश्किल नहीं है.[जहाँ तक मेरा अनुमान है कि आप की अधिकतर पोस्ट्स १००० शब्दों से अधिक होती हैं जिनसे आराम से दो -तीन पोस्ट्स बन सकती हैं.]
    ‘छपास कामना पीड़ित’ और आप ? लगता तो नहीं …….ऐसा होता तो अब तक आप की ३-४ किताबें बाज़ार में आ चुकी होतीं! इतनी सामग्री तो आप के ब्लॉग पर ही है.अलग से लिखने की ज़रूरत भी नहीं .
    आप ब्लॉगजगत के ‘सबसे सफल और चर्चित व्यंग्यकार ‘ बिना कोई पुस्तक लिखे ही हैं.फिर भी आप की पुस्तक की प्रतीक्षा रहेगी.
    एक बार फिर से बधाईयाँ और शुभकामनाएँ.
    Alpana की हालिया प्रविष्टी..क्या बदला है अब तक? क्या बदलेगा आगे?
  5. भारतीय नागरिक
    बधाई हो, ये सफर निरन्तर चलता रहे.
    भारतीय नागरिक की हालिया प्रविष्टी..नाग ने आदमी को डसा ….
  6. naveen raman
    बधाई हो अनुप जी,लगे रहिए………………….
    naveen raman की हालिया प्रविष्टी..जनसत्ता-अखबार का एकमात्र-पाठक
  7. Monika
    हार्दिक बधाई :)
    Monika की हालिया प्रविष्टी..Essay on Raksha Bandhan in English, Rakhi Celebration Ideas
  8. सतीश सक्सेना
    मतलब पहले दिन से आप ऐसे ही थे ..
    बधाई !
    सतीश सक्सेना की हालिया प्रविष्टी..अब रक्षा बंधन के दिन पर, घर के दरवाजे बैठे हैं -सतीश सक्सेना
  9. सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
    वाह साहब, ऐसे ही शब्दों की मिठाई से काम नहीं चलेगा। पार्टी दीजिए।
    अभी नहीम तो २०-२१ सितंबर को वर्धा में तो घेर कर ले ली जाएगी।
    साथी ब्लॉगर्स के संख्याबल का तोड़ नहीं मिलेगा आपको।
    और हाँ, आपको ढेरों बधाई। आप ब्लॉग जगत के तेन्दुलकर बनते जा रहे हैं।
    सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी की हालिया प्रविष्टी..सेमिनार फ़िजूल है: विनीत कुमार
  10. रवि
    चलिए, आपको याद रहा १०० पोस्ट लिखने का आग्रह. अब अगले साल – यानी दशक पूर्ति के लिए सबक बड़ा है – १५० पोस्ट का. यानी हर दूसरे दिन एक पोस्ट लिखने का.
    रहा सवाल अखबारों में छपने की लालसा का, तो गम का यह फ़ेज भी गुजर जाएगा. बहुत पहले मुझे भी लालसा रहती थी, अब तो अखबार वाले पैसे देकर लिखवाने की कोशिश करते हैं तो भी नहीं लिखता – क्या करें, हिंदी अखबार वाले बहुत कम पैसे देते हैं – दैनिक भास्कर का पिछला अनुभव बेहद कड़वा रहा – कुछ समय लगातार लिखा, और जब भुगतान की बारी आई तो एक तिहाई से भी कम पैसा दिया गया!!!
    अखबारों को दूर से राम-राम, अपना ब्लॉग भला. अब यहाँ से उठा के छाप लो तो फिर कोई बात नहीं!!
    रवि की हालिया प्रविष्टी..हिंदी के कवियों! जरा मात्रा गिनकर तो कविता करो!!!
  11. प्रवीण
    .
    .
    .
    @ अब कब तक ई होगा ई कौन जानता है
    ई नौ सालन से तो हो ही रहा है… आगे भी चलत रही, सबै जानत हैं…
    बधाईयाँ !
  12. सतीश पंचम
    नौ साल पूरे हुए और हमें पता भी नहीं चला। ब्लॉगिंग में संभवत: आपको तब से जानते हैं जब आप लल्लू बाजपेई के आल्हा कैसेट सुनते थे :- )
    http://hindini.com/fursatiya/archives/125
    उस समय एकाध पोस्टें नजर में आई थीं। बाद में तो सब नजर ही नजर आतीं गईं :-)
    शुभकामनाएं….ई सफर अइसे ही चलता रहे।
    सतीश पंचम की हालिया प्रविष्टी..इन्तजार-ए-लमही…..बनारस यात्रा – 9
  13. Anonymous
    खुद को अखबार की सीमाओं में न बांधिये, जैसे लिख रहे थे, वैसे ही लिखते रहिये, फ़्री-हैंड :) कानपुर जाने पर पहली बार अहसास हुआ था कि कोई अपने ब्लॉग के नाम से भी जाना जा सकता है, जब आपका नाम लेते ही मेरे बहनोई ने कहा था” अच्छा, फ़ुरसतिया जी?”
    आपका ये सफ़र ऐसे ही आने वाले तमाम सालों तक चलता रहे. अशेष शुभकामनाएं.
  14. shefali
    बहुत बधाई और शुभकामनाएँ …..
  15. sanjay jha
    …………
    सच्ची में ब्लॉग-जगत के ‘तेंदुलकर’ बनते जा रहे हैं.
    बधाईयाँ च शुभकामनायें.
    प्रणाम.
  16. प्रमोद सिंह
    बधाई, बधाई. मार्क ज़ुकरबर्ग के सेल्‍समैनों को हैरान करते रहिये.
    प्रमोद सिंह की हालिया प्रविष्टी..देश जहां जा रहा है का पुरनका गाना..
  17. arvind mishra
    ब्लागिंग का गर्भकाल पूरा करने पर बधाई :-)
    http://mishraarvind.blogspot.in/2013/08/blog-post_20.html
    arvind mishra की हालिया प्रविष्टी..ब्लागिंग का ‘गर्भकाल’ और फुरसतिया को बधाई!
  18. ashish rai
    हिंदी ब्लागगिंग के स्तम्भ और व्यंग के व्यामोह में आकंठ डूबे फुरसतिया जी को हार्दिक बधाई और भविष्य में लिखते जाने की शुभकामनायें .
    ashish rai की हालिया प्रविष्टी..बधशाला -13
  19. Kajal Kumar
    अब लोग बवाल निरपेक्ष हो गये हैं :-)
    (चुक गए या समझ गए ! )
    Kajal Kumar की हालिया प्रविष्टी..कार्टून :- चँद्रमुखी, अब फि‍र से क्‍यों बीमार है तू
  20. शिरीष कुमार मौर्य
    बहुत बहुत बधाई अनूप जी….२००७ में जब अनुनाद शुरू किया था तो आप और रवि रतलामी जैसे अगुआ ही थे, जिनसे चुपचाप सीखता रहा। यूं ही बना रहे आपका साथ।
  21. Khushdeep Sehgal
    ब्लॉगिंग के महागुरुदेव को कोटि-कोटि बधाई…
    लेखन की ये साधना अनंत-अनंत काल तक चलती रहे…
    आपके आशीर्वाद से इस 16 अगस्त को मैंने भी ब्लॉगिंग में चार साल पूरे कर लिए हैं…
    जय हिंद…
  22. समीर लाल "टिप्पणीकार"
    बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ…यूँ ही लिखते पढ़ते रहिये!! :)
    समीर लाल “टिप्पणीकार” की हालिया प्रविष्टी..पूर्ण विराम: एक कहानी
  23. Manish Kumar
    नौ साल पूरा करने के लिए हार्दिक बधाई ! यूँ ही डटे रहिए मैदान में..
    रवि रतलामी जी का दिया एक लक्ष्य मुझे भी याद है एक हजार पोस्ट तक पहुँचने का। देखें कब पूरा होता है !
    Manish Kumar की हालिया प्रविष्टी..‘एक शाम मेरे नाम’ ने जीता इंडीब्लॉगर ‘Indian Blogger Awards 2013′ में सर्वश्रेष्ठ हिंदी ब्लॉग का खिताब !
  24. समीर लाल "स्टार टिपिण्णीकार"
    आप के बताये मार्ग पर चटखा के विनित और सिद्धार्थ जी की वार्तालाप पढ़ आये हैं- आभार!! इसी तरह भविष्य में भी मार्गदर्शन करते रहें. :)
    समीर लाल “स्टार टिपिण्णीकार” की हालिया प्रविष्टी..पूर्ण विराम: एक कहानी
  25. हिमांशु
    कोई नया-नया ब्लॉग जगत में आये तो जिन एकाध ब्लॉग का सुझाव पढ़ने को मिला करता है, उसमे सबसे पहले फुरसतिया हैं. हम सबको ब्लॉग की जीवन्तता से रूबरू कराते हुए वाद-विवाद-संवाद की विभिन्न त्यौरियां चढाते हुए यह ब्लॉगर नौ साल निरंतर रहे तो आश्चर्य नहीं. नौ पूरे हुए पर अदा नौनिहाल सी है इस ब्लॉग की.
    बहुत शुभकामनाएं!
  26. archanachaoji
    हमेशा तो नहीं ,पर पढ़ती हूँ ,जब समय मिलता है … बधाई लिखते रहने की ….
    archanachaoji की हालिया प्रविष्टी..ऐसे बनता है तिरंगा …
  27. वाणी गीत
    बहुत बधाई और शुभकामनायें !
  28. sanjaybengani
    गम्भीर संकल्प से जो सम्भव नहीं होता आपने मजाक मजाक में एक पड़ाव पार कर लिया! नौ-साल! और लिखा अभी भी जारी….
    बधाई! शुभकामनाएं!!
    रस्ते में हम साथ हुए थे और फिर ब्लॉग से अलग सोशल-मीडिया की ओर लार-टपकाते निकल लिये. ब्लॉग आज भी राह तकता सा बैठा है. मगर आपका संकल्प बना रहा…
  29. दीपक बाबा
    ९ अपने में सम्पूर्ण अंक हैं…. ९ वर्ष आपने ब्लॉग्गिंग जैसी विधा में पुरे किये हैं….
    “हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै?”
    झाङे रहो कलट्टरगंज …. पोस्ट दर पोस्ट बुनते रहिये ….
    हार्दिक शुभकामनाएं …..
    दीपक बाबा की हालिया प्रविष्टी..हाल ऐ जिन्दगी
  30. Anonymous
    जैसे नौ हुए, वैसे ही नब्बे हों, इसके लिए शुभकामनाएं… देखिए फेसबुक पर लाइक न करके हम ब्लॉग तक आए और पूरी पोस्ट पढ़ी, अब टिप्पणी भी दे रहे हैं
  31. दीपिका
    ये ऊपर की अनामी टिप्पणी मेरी ही है। ज्यादा जल्दबाजी कर दी थी :(
  32. amit kumar srivastava
    ‘ब्लॉगिंग के टॉर्च बियरर’ हैं आप । बहुत बहुत शुभकामनायें और बधाई ।
    और हमारे तो ‘ब्लागाचार्य’ हैं आप ।
    amit kumar srivastava की हालिया प्रविष्टी..“यादों के पिटारे से …….रक्षाबंधन “
  33. सतीश चन्द्र सत्यार्थी
    मतलब शुरू में तो आप ट्विटर के भी कान कतरने वाले थे..
    आपका भ्रम बना रहे और ऐसे ही रिकॉर्ड बनाते चलें.. हिन्दी ब्लॉगिंग के श्रीलाल शुक्ल को बधाई और शुभकामनाएं..
    सतीश चन्द्र सत्यार्थी की हालिया प्रविष्टी..फेसबुक के हिन्दी साहित्य पुरोधा
  34. eswami
    बधाई!
    वैसे अभी साईट हैक्ड ही है, जानता हूँ! मेरी प्राथमिकताएं इन चीजों पर खिन्न होने का भी समय नहीं देतीं. उदासीनता नई गहराई में.
    अपने अपने लेवल की बात है. इधर घर के शेर हिन्दी के पीछे पड लिए, उधर जमाने वाले विकिलीक्स बना चुके.
    eswami की हालिया प्रविष्टी..कटी-छँटी सी लिखा-ई
  35. गिरीश मुकुल
    बधाई हो महाराज
    इहाँ सात पूरे हो गए
    हम भी सोच रए हैं की
    भगवान सत्यनाराण की कथा सुन लेवें
  36. प्रवीण पाण्डेय
    आपको हृदय से शुभकामनायें। आप ९ वर्ष से टिकें है, यह जानकर न जाने कितनों का उत्साह बढ़ जाता है।
    प्रवीण पाण्डेय की हालिया प्रविष्टी..मन – स्वरूप, कार्य, अवस्थायें
  37. ताऊ रामपुरिया
    सच माना जाये तो यह एक बडी उपलब्धि ही है, अधिकांश ब्लागर तो शैशवकाल ही पूरा नही कर पाते. लेखन कर्म अबाध गति से चलता रहे इसके लिये हृदय से शुभकामनाएं और बधाईयां.
    रामराम.
  38. kavita rawat
    नौ साल पूरे होने पर हार्दिक शुभकामनाएं!
    यूँ ही ये सिलसिला बढ़ता रहे..
  39. rachna
    बधाई
  40. मृणाल कान्त
    कृपया भ्रम बरक़रार रखें, तमाम साधारण मुद्दों और घटनाओं पर आपका perspective बहुत अलग, deep और मज़ेदार भी होता है| पढ़कर बहुत अच्छा लगता है|
  41. sharmila ghosh
    बहुत बहुत शुभकामनायें अनूप जी.
  42. sanjay @ mo sam kaun
    आपका भ्रम बरकरार रहे, आने वाले हर साल में आप रवि जी के दिये टार्गेट पूरे करते रहें।
    बहुत बहुत बधाई।
    sanjay @ mo sam kaun की हालिया प्रविष्टी..चाच्चा बैल
  43. बी एस पाबला
    भ्रम बना रहे :-)
    बधाई शुभकामनाएं
    बी एस पाबला की हालिया प्रविष्टी..गूगल का नया कार-नामा
  44. : फ़ुरसतिया-पुराने लेख
    [...] …और ये फ़ुरसतिया के नौ साल [...]

No comments:

Post a Comment