आपकी दिल्ली से क्या नाराजगी है #सूरज भाई! वहां क्यों नहीं जाते? लोग हकालान हैं तुम्हारे इंतजार में। --#सूरज भाई के कप में और चाय डालते हुये हमने पूछा।
अरे यार दिल्ली में प्रदूषण बहुत है। कोहरे और गंदगी के बिचौलियों को Z सिक्योरिटी की तरह फ़ैला रखा है दिल्ली वालों ने। जब कभी जाता भी हूं तो लोग इज्जत भी नहीं करते जैसे मैं कोई राजनीतिक मुद्दा हूं। ऐसी जगह जाने की जब भी सोचता हूं तो ’बलबीर सिंह रंग’ की ये लाइने याद आ जाती हैं:
"जिस तट पर प्यास बुझाने से अपमान प्यास का होता हो,
उस तट पर प्यार बुझाने से प्यासा रह जाना बेहतर है।"
अरे यार दिल्ली में प्रदूषण बहुत है। कोहरे और गंदगी के बिचौलियों को Z सिक्योरिटी की तरह फ़ैला रखा है दिल्ली वालों ने। जब कभी जाता भी हूं तो लोग इज्जत भी नहीं करते जैसे मैं कोई राजनीतिक मुद्दा हूं। ऐसी जगह जाने की जब भी सोचता हूं तो ’बलबीर सिंह रंग’ की ये लाइने याद आ जाती हैं:
"जिस तट पर प्यास बुझाने से अपमान प्यास का होता हो,
उस तट पर प्यार बुझाने से प्यासा रह जाना बेहतर है।"
हमें लगा कि वे शायद और कुछ सुनायें। लेकिन वे अपनी किरणों, रश्मियों,
प्रकाश, उजाले को पेड़, पत्तों, सड़क, घास, छत, आंगन , मुढेर मतलब कि हर
कोने अतरे में फ़ैल जाने की हिदायतें देने लगे। शायद वे हमको बताना चाह रहे
थे कि उनके मन में किसी के प्रति भेदभाव नहीं है।
- सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी, Umesh Kumar, अजय कुमार झा और 22 अन्य को यह पसंद है.
- ज्ञानेन्द्र मोहन 'ज्ञान' बहुत सुन्दर। रंग साहब की पंक्तियाँ स्वाभिमान की पराकाष्ठा को इंगित करती हैं।
- Vivek Chouksey बेहतर है ...........!
जिस तट पर प्यास बुझाने से, अपमान प्यास का होता हो,
उस तट पर प्यास बुझाने से, प्यासा मर जाना बेहतर है !
जब आँधी नाव डुबा देने की
अपनी ज़िद पर अड़ जाये,
हर एक लहर जब नागिन बनकर
डसने को फन फैलाए !
ऐसे में भीख किनारों की, माँगना धार से ठीक नही
पागल तूफानों को बढ़कर आवाज़ लगाना बेहतर है !
काँटे तो अपनी आदत के
अनुसार नुकीले होते हैं ,
कुछ फूल मगर काँटों से भी
ज्यादा ज़हरीले होते हैं !
जिसको माली आँखें मींचे,मधु के बदले विष से सींचे
ऐसी डाली पर खिलने से पहले मुरझाना बेहतर है !
जो दिया उजाला दे न सके
तम के चरणों का दास रहे
अँधियारी रातों में सोये,
दिन में सूरज के पास रहे !
जो केवल धुआँ उगलता हो,सूरज पर कालिख मलता हो
ऐसे दीपक का जलने से पहले बुझ जाना बेहतर है ! - Kumkum Tripathi Jitani khubsurati,sahjta aur sateek udaharan se aapne kisi ke aatmasmman&rajnitik muddo ki mahatta ko bataya hai wo kabile -tarif hai.....bahut khub........
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