कल दोपहर ये भाई मिले पुलिया पर। पास की राबर्टसन लेक पर मछली पकड़ने जा रहे थे। गर्मी तेज थी तो पुलिया पर सुस्ताने लगे। बोले चार बजे के बाद जायेंगे जब धूप कुछ कम हो जायेगी। दो तीन किलो मछली का जुगाड़ हो जाता है। बेच लेते हैं। वैसे राजगीर का काम करते हैं लेकिन आजकल काम पर नहीं जाते क्योंकि सब बाहर धूप के काम मिलते हैं।
- Sunil Verma वो तो ये बेचारे फेसबुक नही जानते वर्ना इस पुलिया पर बैठ कर फोटो खिचाने वालों की लाइन लग जाती।
- Satish Saxena बताइये साहब !!
ये पुलिया सारी दुनियां में मशहूर है और जबलपुर निवासियों को इसके बारे में पता ही नहीं , कुछ दिनों में , पुलिया बाबा मशहूर हो जायेंगे !! - Satish Saxena यहाँ पर एक बार जो बैठता है वह बार बार आता है ! सोंचता हूँ जबलपुर जाकर, दर्शन कर ही आयें बाबा के !
- Alok Puranik इस पुलिया का नामकरण किया जाये-अच्छे दिन की इंतजार पुलिया। वैेसे इनके अच्छे दिन मछली बेचकर कर आ रहे हैं, पर मछलियों के बुरे दिन तो इनके हाथ में आकर आ रहे हैं। हाय, हाय, हाय ऐसा क्यों है कि किसी के बुरे दिन आयें, तब ही किसी के अच्छे दिन आते हैं। हाय, अच्छे दिन।
- Alok Puranik अनूपजी दिल्ली में एक टीवी चैनल से बात हो गयी, अनूप बाबा की किरपा पुलिया-प्रोग्राम तय हो लिया। शूटिंग टीम आप तक पहुंचती होगी। सीन समझ लें-परेशान बंदा अनूप बाबा से कह रहा है-बाबा परेशानी है। बाबा कहेंगे-किरपा रुकी हुई है पुलिया पर। पुलिया पर जाकर मछली खरीदो, किरपा उछाल मारेगी। आज मछली खरीदो, मछलीवाले के दिन अच्छे। कल आलू वाले से सैटिंग, कल किसी दुखी से बाबा कहेंगे, किरपा पुलिया पर रुकी है, वहां जाकर आलू खऱीदो। आलूवाले के अच्छे दिन आयेंगे। इस तरह हर आइटम बेचनेवाले के अच्छे दिन आयेंगे। अच्छे दिन आ ही गये हैं, अनूप बाबा पुलिया पर छा ही गये हैं।
- Shailendra Kumar Jha aaj-kal suraj baba se kutti chal rahi hai.......isailiye puliya-puran pe pura jor ja raha hai...........
- Dhirendra Pandey किसी के बुरे दिन आयेंगे तभी किसी के अच्छे दिन आयेंगे बैलेंसशीट में डेबिट क्रेडिट बराबर होते हैं
- Neeraj Goswamy बहुत दिनों से ख़ोपड़िया खुजा रहे हैं पर ये पता न चल रहा के कमबख्त अच्छे दिन आते कहाँ से हैं
- Reena Mukharji
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