आज
सुबह पुलिया पर इन भाई लोगों से मुलाक़ात हुई। ये कबाड़ का काम करते हैं।
रद्दी और प्लास्टिक खरीदते हैं गली मोहल्लों में घूम फिरकर। सबके झोले में
तराजू था।रोजगार के लिए निकलने के पहले पुलिया पर बतकही करते हुए मिले।
नारंगी टी शर्ट वाले भाई जी ने बताया कि वो कानपुर (घाटमपुर) के रहने वाले हैं। बोले यहां गर्मी बहुत है। आज कानपुर निकल लेंगे किसी ट्रक में साइकिल धरकर। हमने कहा -"गर्मी तो कानपुर में भी है।" इस पर भाई जी का कहना था कि" गरमी तो होगी लेकिन घर में तो रहेंगे।" हमने सोचा -" जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी। "
नारंगी टी शर्ट वाले भाई जी ने बताया कि वो कानपुर (घाटमपुर) के रहने वाले हैं। बोले यहां गर्मी बहुत है। आज कानपुर निकल लेंगे किसी ट्रक में साइकिल धरकर। हमने कहा -"गर्मी तो कानपुर में भी है।" इस पर भाई जी का कहना था कि" गरमी तो होगी लेकिन घर में तो रहेंगे।" हमने सोचा -" जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी। "
- ज्ञानेन्द्र मोहन 'ज्ञान' इसका मतलब यह हुआ कि कानपुर के लोग रोजी रोटी की जुगाड़ में जबलपुर में डेरा डाले हैं।
- Reena Mukharji Aajkal camera le nikalte hain kya?
- Kajal Kumar आप पुलियाबाजों की ज़िंदगी में इतनी तहकीकात करते हैं कि लोग डर के मारे इस रास्ते से गुजरना ही न बंद कर दें
- Nitish Ojha कच्ची पुलिया से होकर गुजरियो. . . मैं पुलिया किनारे मिलूंगी . .फिरसे अइयो बदरा विदेशी . .
गीत में जिस पुलिया का जिक्र हुवा है जरुर वो यही पुलिया थी. . .
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