फ़ुरसतिया
हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै
Thursday, January 01, 2015
अरे नए साल जी आओ आओ
अरे नए साल जी आओ आओ
यहीं कहीं तुम भी सट जाओ
मजे करो खूब झन्नाटे से
झंझट भेजो सब सन्नाटे में।
देओ बधाई हाथ मिलाओ
गले मिलो औ खूब मुस्काओ
करो संकल्प जी नए साल में
नया जोश हो नए साल में।
-कट्टा कानपुरी
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment