Tuesday, June 16, 2015

बड़सयान से मिला ज्ञान

राम निरंजन सिंह
कल शाम दफ्तर से लौटते समय पुलिया पर राम निरंजन सिंह मिले। जीआईऍफ़ से 2011 में रिटायर। उदय नगर में रहते हैं। टहलते हुए रोज पुलिया तक आते हैं। कुछ देर सुस्ताने के बाद वीएफजे के गेट नम्बर एक तक जाते हैं। फिर लौटते हुए इसी क्रम में वापस।

1979 की भर्ती रही राम निरंजन की। लेबर में भर्ती हुए थे। हाइस्किल्ड मेल्टर से रिटायर हुए। उस समय आसानी से सरकारी नौकरी मिल गयी। आज हाल यह है कि आदमी चारो तीर्थ भले कर ले लेकिन सरकारी नौकरी पाना मुश्किल है।

कुंडा प्रतापगढ़ के मूल निवासी राम निरंजन ...के भाई और नजदीकी रिश्तेदार सब जबलपुर की फैक्ट्रियों में काम करते हैं। माता-पिता रहे नहीं।

एक बेटा और एक बेटी के पिता हैं राम निरंजन। बेटे की शादी हो चुकी। किसी फाइनेंस कम्पनी में काम करता है। बिटिया 24 साल की है। उसकी शादी करनी है। बिटिया की शादी कर दें तो इन्द्रिय, खून और कोख के ऋण से उऋण हो जाएँ। बिटिया के हाथ से हाथ मिलाय दें। उसके बाद भले भगवान उठा लेंय।

हमने कहा-आप तो बड़ी ज्ञान की बातें करते हैं। इस पर वो बोले- ये बडसयान से मिला ज्ञान है। मतलब सयाने बड़े-बुजुगों के अनुभव से मिला ज्ञान।

बातचीत के बीच हमारा परिचय पूछा । हमने नाम बताया तो झट से 'पुलिया सिंहासन' से उतर कर नीचे की तरफ लपके राम निरंजन को हमने फुर्ती से रोका। वो बोले-आप पंडित जी हो। अफसर भी। हमने कहा-अभी आप बड़ सयान के ज्ञान की बात कह रहे थे इस लिहाज से तो आप अनुभवी हुए। सम्मान के पात्र भी। लेकिन वो माने नहीं। बोले-आप उम्र में भले कम हों लेकिन पद के चलते (ब्राह्मण और अफसर मतलब करेला ऊपर से नीम चढ़ा) बड़े हैं। फिर सीता व्याह का किस्सा सुनाते हुए ब्राह्मण की श्रेष्ठता सिद्ध कर दी वहीं पुलिया पर खड़े-खड़े। हम उनके बड़सयान से पाये ज्ञान से अर्जित ज्ञान गंगा में नहाते रहे।

जबलपुर के लोगों के बारे में उनका मत है कि यहां के गौड़ लोग अच्छे और भले हैं। बाकी लोग मजेदार नहीं। खाना जानते हैं, खिलाना नहीं जानते। लेना जानते हैं, देना नहीं। फिर बोले-हम आपको देखकर और बात करते ही समझ गए थे कि आप अपनी ही तरफ के हैं।

पत्नी के बारे में बताते हुए बोले- वो हमसे 10 साल छोटी हैं। ज्यादा मजबूत हैं। हम कहते हैं कि हम उनसे पहले जाएंगे। वो कहती हैं कि पहले आने का मतलब पहले जाना थोड़ी होता है। यह बताते हुये हंसने लगे राम निरंजन।

और कुछ देर बतियाकर हम चले आये। फोटो ले नहीं पाये अँधेरे के चलते। कैमरे में फ्लैस लगता है काम नहीं करता। मेस में आये तो Sagwal Pradeep को उनके आईफोन सहित ले गए पुलिया पर। राम निरंजन सिंह बैठे थे पुलिया पर। उनका फ़ोटो लिया। वापस आये।

कल की पुलिया वार्ता आज पोस्ट की जा रही है।

फ़ेसबुक पर प्रतिक्रियायें

Nishant Yadav बड़ी सुन्दर कथा लगी और नए शब्द से भी परिचय हो गया इंद्रीय खून और कोख का ऋण । शुक्रिया सर । में आपका फेन हो गया हूँ

  • हृदय नारा़यण शुक्ल बहुत सुंदर! राम निरजंन की कथा सुन्यो बहुत चित लाय।
    पुलिया पर आइ के नीकि लिख्यो समुझाय।।
    अब तो जो अफसर वही बाभन महा।
  • Indu Bala Singh कितनी चिंता करता है पिता अपनी बेटी के ब्याह की |
  • Prajapati Mithun ये पुलिया भी आपका इंतज़ार करती है,,,सोचती होगी चलो कोई तो है जिसकी बातों में मेरा जिक्र हो जाता है।
  • Ram Kumar Chaturvedi फैक्ट्री से रिटायर हुए हैं अत:गेट तक तो जरुर जांयेंगे।
  • Raag Bhopali बरस-ज्ञान=ज्ञान-वर्षा

    • अनूप शुक्ल हमारे सुनने समझने में कुछ चूक हुई। उनका कहने का मतलब था -बड़ सयान मतलब सयाने बड़े बुजुर्गों से मिला ज्ञान।

  • Kamlesh Bahadur Singh ....Kunda, Pratapgarh Mein Ram Niranjan Singh Ji Ka GaanV Poochh Lete ....Shayad Maine Dekhaa Ho...
  • Ashish Shukla · Friends with Vinay Kumar Shukla
    chalo apne to bugurg admi se bat to kiya nahi to waha kisko phursat hai gf se
  • Arun Chouksey (ब्राह्मण और अफसर मतलब करेला ऊपर से नीम चढ़ा) हा हा हा हा हा सर अन्यथा मत लीजियेगा पर कई सरकारी कार्यालयों में जहा रिश्वत देना अनिवार्य ही जाता है और अफसर अगर बाम्हन हो तो हमारे यहाँ के लोग कहते है की 'रिश्वत भी दो और पैर भी पड़ो' smile इमोटिकॉन
  • सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी पहले तो जी.आई.एफ़. और बी.एफ़.जे. का फुल-फॉर्म बताइए। smile इमोटिकॉन
    आपने उनका फोटॊ लेने के लिए दुबारा पुलिया तक जाने का श्रम-साध्य कार्य किया। इससे लगता है कि आप अपने पाठकों को बहुत मानते हैं और अपने कथा-पात्रों से बहुत मोह रखते हैं। शुक्रिया।

    • अनूप शुक्ल जीआईएफ मततब ग्रे आयरन फाउंड्री। वी एफजे मतलब व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर। पुलिया पास है और साथी राजी था सो लेने चले गए फ़ोटो। smile इमोटिकॉन

  • Deepak Dudeja दुनिया है साहेब... चलती रहेगी.
  • Anamika Singh फोटो खिंचवाने की मुद्रा बहुत सही है
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