भाषा ऐसी चाहिए जैसे चेहरे पर मुस्कान
देखें मन खुश होय और न देखे तो हलकान।
हिंदी सम्मेलन हो रहा,बना अखाड़ा भोपाल,
जो भी पहुंचा नहीं वहां, ठोंक रहा है ताल।
देखें मन खुश होय और न देखे तो हलकान।
हिंदी सम्मेलन हो रहा,बना अखाड़ा भोपाल,
जो भी पहुंचा नहीं वहां, ठोंक रहा है ताल।
पहुंचे हैं जो लोग सब रहे फोटो हैं खिंचवाय,
हिंदी है यदि सीखना, बेचो घूम-घूम कर चाय।
--कट्टा कानपुरी
हिंदी है यदि सीखना, बेचो घूम-घूम कर चाय।
--कट्टा कानपुरी
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