सब कुछ लिख दिया जाने के बाद भी
बहुत कुछ लिखने को बचा रह जाता है।
बहुत कुछ लिखने को बचा रह जाता है।
हम बिस्कुट भिगो के चाय में खाते ही नहीं
इसीलिये वो नामुराद डूबने से बच जाता है।
इसीलिये वो नामुराद डूबने से बच जाता है।
ऊंची बात कहने वाले तो कोई होंगे यार,
अपन का तों रोजमर्रा की बातों से नाता है।
अपन का तों रोजमर्रा की बातों से नाता है।
-कट्टा कानपुरी
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