फुटपाथ पर दीवार से सटा कबाड़ शायद चुनावी मूड में है। अलग-अलग तरह के कबाड़ मिलकर गठबंधन जैसा बनाते लगे। इस कबाड़ में खटारा स्कूटर है, पुरानी प्लास्टिक की कुर्सी है, सड़ा प्लाईबोर्ड है, पुरानी गद्दी है, पुराना कूलर का डब्बा है। पास की दीवार पर सूखता पैबन्द लगा, फटा-पुराना टाट इस कबाड़ गठबंधन को बाहर से समर्थन देता लग रहा है।
क्या पता कबाड़ की दुनिया में चुनाव होते हों। अगर ऐसा होता होगा तो यह 'कबाड़-गठबंधन' भी क्या पता इकट्ठा होकर नारा लगा रहा हो- 'अबकी बार, कबाड़ सरकार' , 'सबको परखा बार-बार, हमको परखो अबकी बार।'
दीवार पर मिट से गए इश्तहार में लिखा है- 'पुरानी से पुरानी बबासीर एक ही इंजेक्शन में झटके से गायब।' कबाड़ की भीड़ भी ने शायद इसीलिए विज्ञापन के बगल में फोटो सेशन किया है ताकि बिना कहे कह सके -'हमारी सरकार बनते ही सब लफड़े झटके से गायब हो जाएंगे।' झमेले बचे रहने पर यह कहने को बचा रहे -'वो तो दीवार में लिखा था। हम थोड़े ही ऐसा कह रहे थे।'
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