फ़ुरसतिया
हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै
Saturday, March 30, 2019
नींद
चाहे सृजन की हो
चाहे भजन की हो
थकन की नींद एक है।
किसी को कुछ दोष क्या
किसी को कुछ होश क्या
अभी तो और थकना है।
-स्व रमानाथ अवस्थी
https://www.facebook.com/anup.shukla.14/posts/10216451255167391
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