फ़ुरसतिया
हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै
लेबल
अमेरिका यात्रा
(75)
अम्मा
(11)
आलोक पुराणिक
(13)
इंकब्लॉगिंग
(2)
कट्टा कानपुरी
(119)
कविता
(65)
कश्मीर
(40)
कानपुर
(305)
गुड मार्निंग
(44)
जबलपुर
(6)
जिज्ञासु यायावर
(17)
नेपाल
(8)
पंचबैंक
(179)
परसाई
(2)
परसाई जी
(129)
पाडकास्टिंग
(3)
पुलिया
(175)
पुस्तक समीक्षा
(4)
बस यूं ही
(276)
बातचीत
(27)
रोजनामचा
(896)
लेख
(36)
लेहलद्दाख़
(12)
वीडियो
(7)
व्यंग्य की जुगलबंदी
(35)
शरद जोशी
(22)
शाहजहाँ
(1)
शाहजहाँपुर
(141)
श्रीलाल शुक्ल
(3)
संस्मरण
(48)
सूरज भाई
(167)
हास्य/व्यंग्य
(399)
Saturday, March 30, 2019
नींद
चाहे सृजन की हो
चाहे भजन की हो
थकन की नींद एक है।
किसी को कुछ दोष क्या
किसी को कुछ होश क्या
अभी तो और थकना है।
-स्व रमानाथ अवस्थी
https://www.facebook.com/anup.shukla.14/posts/10216451255167391
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment