Monday, August 17, 2020

परसाई के पंच- 11

 1.हारा हुआ राजा रनिवास में जाता था, हारा हुआ नेता आध्यात्म में जाता है।

2. हर कुत्ता जन्म से ही आत्मज्ञानी होता है। वह जानता है कि मैं कुत्ता हूं और मेरा काम भौंकना है। कई लोग अपने कुत्ते को ’टाइगर’ कहते हैं, पर कुत्ता अपने को कभी शेर नहीं समझता। वह अपने सच्चे स्वरूप को पहचानता है।
3. हर इमारत या पुल में से चन्द्रा साहब का एक मकान पैदा हो जाता था। छोटी इमारत होती तो , तो किसी मकान का गुसलखाना ही उसमें से निकल आता था।
4. जिस जाति के हृदय से विश्वास उठ जाये, उसका पतन अवश्य होता है।
5. वास्तव में मकान मालिक का दरजा ईश्वर के पास ही है। ईश्वर ने सृष्टि रची, पृथ्वी बनायी, आकाश बनाया लेकिन मकान नहीं बनाये। मनुष्य पृथ्वी पर खुले आकाश के नीचे तो रह नहीं सकता था। तब मकान मालिकों ने मनुष्यों के रहने के लिये मकान बनाये। जो किराये के लिये मकान बनवाते हैं , वे ईश्वर के समान ही पूज्य हैं।
6. जो मां अपने बेटे को जितना प्यार करती है, बहू को उतना ही दुख देती है।
7.चाहे कोई दार्शनिक बने, सन्त बने या साधु बने, अगर वह लोगों को अंधेरे का डर दिखाता है तो जरूर अपनी कम्पनी का टार्च बेचना चाहता है।
8. रीडर (पढने वाला) उस अध्यापक को कहते थे, जिसे कक्षा में पढाना नहीं आता और वह पाठ्य-पुस्तक या कुंजी कक्षा में पढकर काम चला लेता था।
9.एम. ए. एक ऐसी परीक्षा थी जिसे पढने के बाद तीन वर्ष बेकारी का कोर्स करना पड़ता था।
10. विद्या पढने से नहीं वरन गुरुकृपा से प्राप्त होती है।
11. महाभारत युद्द न होता अगर भीष्म की शादी हो गयी होती। और अगर कृष्न मेनन की शादी हो गयी होती तो , तो चीन हमला न करता।

https://www.facebook.com/anup.shukla.14/posts/10220544282690521

No comments:

Post a Comment