Tuesday, August 18, 2020

परसाई के पंच-12

 

1. इस कौम की आधी ताकत लड़कियों की शादी करने में जा रही है। पाव ताकत छिपाने में जा रही है - शराब पीकर छिपाने में, प्रेम करके छिपाने में, घूस लेकर छिपाने में ..... बची पाव ताकत से देश का निर्माण हो रहा है-तो जितना हो रहा है, बहुत हो रहा है। आखिर एक चौथाई ताकत से कितना होगा।
2. बारात की यात्रा से मैं बहुत घबराता हूँ, खासकर लौटते वक्त जब बाराती बेकार का बोझ हो जाता। अगर जी भरकर दहेज न मिले , तो वर का बाप बारातियों को दुश्मन समझता है।
3. बस सचमुच चल पड़ी और हमें लगा कि यह गाँधीजी के असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलनों के वक्त अवश्य जवान रही होगी। उसे ट्रेनिंग मिल चुकी थी। हर हिस्सा दूसरे से असहयोग कर रहा था। पूरी बस सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौर से गुजर रही थी।
4. काली शेरवानी और बड़े बाल मुझे कई रूप दे देते हैं। नेता भी दिखता हूँ , शायर भी और अगर बाल सूखे बिखरे हों तो जुम्मन शहनाई वाले का भी धोखा हो जाता है।
5. झूठ अगर जम जाए तो सत्य से ज्यादा अभय देता है।
6. कुत्ते भी रोटी के लिए झगड़ते हैं, पर एक के मुंह में रोटी पहुंच जाए तो झगड़ा खत्म हो जाता है। आदमी में ऐसा नहीं होता। प्रेम से चाय पिलाई जाती है, तो नफरत के कारण भी। घृणा भी आदमी को उदार बना देती है।
7.नियम के पाबंद ऐसे होते हैं कि अगर उनका नियम है कि भोजन के बाद सौ गज चलेंगे, तो जहां दो सौ गज खत्म होते हैं, वहां पहले से खाट बुलवा लेंगे।
8. बहुत लोगों की लाशें ज्यादा उपयोगी होती हैं। कई लोगों को देखकर लगता है, ये अगर जल्दी लाश हो जाएं तो दुनिया का कितना भला कर जाएं।
9. सबटेनेंट होते ही आदमी बदल जाता है। छः फुटा अपने को बौना समझने लगता है। एक खूबसूरत आदमी सबटेनेंट हो गया तो उसने मुहल्ले की स्त्रियों की तरफ देखना बन्द कर दिया। वह अपने को बदसूरत समझने लगा था। एक जालिम पुलिस अफसर कुछ महीनों के लिए सबटेनेंट हो गए थे, तो वे मुलजिम की तरह बर्ताव करने लगे।
10. विश्वविद्यालय के कुलपति अगर सबटेनेंट हो जाएं तो वे अपने को ऐसा छात्र समझने लगेंगे, जो परीक्षा में दबा-दबा नकल कर रहा है।
11. पुलिस कॉन्सटेबल को इंस्पेक्टर साहब कहने से वह छोड़ देता है।

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