आजकल यूट्यूब के जलवे हैं। पहले सिनेमा और चुनिंदा रिकार्डिंग देखने के लिए यूट्यूब पर जाते थे। आजकल अधिकतर समाचार चैनलों की पक्षपात पूर्ण रिपोर्टिंग और प्रायोजित बहस के चलते युट्युब देखने का चलन बढ़ा है। कई प्रसिद्ध पत्रकारों के विश्लेषण और बहस देखते हैं। आनंदित होते हैं।
हमारे कुछ मित्रों के भी यूट्यूब पर चैनल हैं। उनको भी देखते हैं। अच्छा लगता है। उनमें से कुछेक के बारे में यहाँ चर्चा करते हैं।
ख़ुशदीप सहगल Khushdeep Sehgal ब्लागिंग के जमाने से हमारे दोस्त हैं। देशनामा ब्लाग चलाते थे। नियमित पोस्ट लिखते थे। टेलिविज़न में काम का अनुभव है। अब देशनामा यूट्यूब चैनल चलाते हैं।
आज के पहले हमने देशनामा की पोस्ट ही देखी थीं। आज विवरण देखा। खबर, सिनेमा, खेल, जानकारी और वायरल खबरों से सम्बंधित वीडियो हैं देशनामा में। 42.50 हज़ार फालोवर हैं। क़रीब दो हज़ार विडियो मौजूद हैं देशनामा में। जुड़िए देशनामा (@Deshnama) से। देखिए । अच्छा लगेगा।
हमारे कानपुर के वरिष्ठ पत्रकार शम्भूनाथ शुक्ल Shambhunath Shukla जी समसामयिक विषयों पर फ़ेसबुक पर निरंतर लिखते रहते हैं। एक दिन में कई-कई पोस्ट। फ़ेसबुक की रीच-वीच का उनकी पोस्ट पर फ़रक नहीं पड़ता। लिखते ही सैकड़ों लाइक्स/टिप्पणियाँ उनकी पोस्ट पर हाज़िरी देती हैं। उनका बहुत बड़ा प्रशंसक/पाठकवर्ग है। लम्बा पत्रकारिता अनुभव है।
शम्भूनाथ शुक्ल जी का यूट्यूब चैनल है- झाड़े रहो कलट्टरगंज (@Jhade RahoCollectorganj )। झाड़े रहो कलट्टरगंज कानपुर की पहचान से जुड़ा नारा है। उनको सुनना रोचक है। किस्सगोई वाले अन्दाज़ में बात करते हैं। शम्भूनाथ जी यूट्यूब पर कभी-कभी ही आते हैं। इसीलिए उनके अभी तक कुल 1280 फालोवर ही हैं। नियमित करें तो शायद बढ़ें सुनने वाले।
हमारे व्यंग्यकार साथी Dr.Atul chaturvedi अपने चैनल गोष्ठीwithAtul (GosthiwithAtul) के माध्यम से चर्चित व्यंग्यकारों से बातचीत और उनकी रचनाओं का पाठ करते हैं। अब तक प्रसिद्ध व्यंग्यकार गोपाल चतुर्वदी जी, अनूप मणि त्रिपाठी, विष्णु खरे, ब्रजेश कानूनगो और कैलाश मंडलेकर व्यंग्यकारों से बातचीत या उनकी रचनाओं की प्रस्तुति कर चुके हैं।
सेवारत होने के कारण समय की पाबंदी होने के कारण उनकी रचनाओं की आवृत्ति शनिवार तक ही सीमित रहती है।
व्यंग्यकार साथियों से बातचीत के अलावा वे अतुल चतुर्वेदी जी शब्दचर्चा भी करते हैं। अभी तक कुल 35 वीडियो पोस्ट करने वाले GosthiwithAtul के अभी तक कुल 291 सब्सक्राइबर हैं। शब्द चर्चा और साहित्यकारों से बातचीत सुनने के लिए आप भी सब्सक्राइब कीजिए चैनल (@GosthiwithAtul)
ब्रजेश कानूनगो जी Brajesh Kanungo नई दुनिया के अधबीच के सबसे शुरुआती लेखकों में से हैं। बैंकिंग सेवा से रिटायर होने के बाद व्यंग्य और विविध लेखन में जुटे हैं। इधर वे वीडियो के अखाड़े में भी उतरे हैं। अपने लिखे लेखों और व्यंग्य पाठ के अलावा आजकल वे घुमक्कड़ी से जुड़े ब्लागरों के बारे में पढ़, सुन और धड़ल्ले से लिख रहे हैं। अभी तक कुल 214 वीडियो पोस्ट कर चुके ब्रजेश कानूनगो के कुल 115 सब्सक्राइबर हैं। आप भी सब्सक्राइब उनका चैनल (@brajeshkanungo2203)। अच्छा लगेगा।
फ़ेसबुक से जुड़े जिन कुछ लोगों की हर पोस्ट में नियमित पढ़ता हूँ उनमें सबसे प्रमुख नाम है Kanak Tiwari जी का। अध्यापन, क़ानून, राजनीति, सामाजिक जीवन के विशद और विविध अनुभव के साथ हिंदी, अंग्रेज़ी पर जिस तरह की पकड़ और भाषा की रवानी कनक तिवारी जी की है वैसी बहुत कम लोगों की देखने में आती है। प्रसिद्ध और अपने आसपास के लोगों से जुड़े लोगों के बारे में उनके लिखे संस्मरण अद्भुत हैं। उनकी वक्तृत्व कला भी अद्भुत है। ज़बरदस्त किस्सागोई के साथ दिए उनके भाषण सुनने का आनंद अलग ही है।
कनकतिवारी जी ने यूट्यूब पर अपने संस्मरण पोस्ट करने शुरू किए थे। साप्ताहिक चैनल -बात बात में बात। हर रविवार को शाम छह बजे वे अपने वीडियो पोस्ट करते हैं। बीच में कुछ व्यवधान आने के कारण यह सिलसिला ठहरा हुआ है लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि यह नियमित होगा। अभी तक उनके कुल 11 वीडियो हैं और कुल 131 सब्सक्राइबर। जुड़िए कनक तिवारी जी चैनल बात बात में बात से (@Baatbaatmeinbaat)
पुराने चैनलों की बात चली तो याद आया मुझे Chanchal Bhu जी की चैनल 'आख़िरी पायेदान से'। चंचल जी की लेखनी के प्रशंसकों की संख्या बहुत बड़ी है। अद्भुत लेखन है उनका। विपुल राजनीतिक, सामाजिक अनुभव। उनकी वक्तव्य कला भी उतनी ही अद्भुत है। जैसा सुना है वे अपने भाषण के कारण ही बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के अध्यक्ष बने थे।
उनके चैनल 'आख़िरी पायेदान से' के परिचय में उन्होंने लिखा था - 'समाज मे समरसता और बराबरी कायम रखने के लिए जरूरी है कि हम अपनी बात की शुरुआत आखिरी पायदान पर बैठे लोंगों से शुरू करें ।'
चैनल उन्होंने शुरू किया था लेकिन 115 वीडियो आए। 1250 सब्सक्राइबर बने। फिर सिलसिला ठहर गया। उनसे अनुरोध है कि वे फिर से 'आख़िरी पायेदान से'। तब तक आप सब्सक्राइब कर लीजिए उनका चैनल 'आख़िरी पायेदान से' (@aakhiripayedaanse3578)
जगदीश्वर चतुर्वेदी जी (Jagadishwar Chaturvedi) अपने विपुल लेखकीय, सामाजिक, राजनैतिक अनुभवों की चर्चा अपने फ़ेसबुक लेखन के माध्यम से करने के साथ-साथ अपनी बातचीत यूट्यूब पर भी अपलोड करते रहते हैं। बेबाक़ी से अपनी बात कहना उनकी विशेषता है। उनको सुनकर जानकारी के नए आयाम पता चलते हैं। कल शिक्षक दिवस के मौक़े पर 'गूगल टीचर और रियल टीचर की भूमिका क्या है?' पर बातचीत करते देश की शिक्षा व्यवस्था, ट्यूशन और कोचिंग के धंधे की पोल खोलते हुए वास्तविक जीवन में अध्यापक की ज़रूरत रेखाकित करते हुए बात की।
जगदीश्वर चतुर्वेदी जी के चैनल नया जमाना पर अभी तक कुल 1000 वीडियो उपलब्ध हैं। उनके कुल 1930 फालोवर हैं। विविध विषयों पर जानकारी के लिए उनका वीडियो चैनल सब्सक्राइब करें (@jaga1800)
अपने इन साथियों के यूट्यूब चैनल देखते हुए मन किया अपन का भी चैनल भी देखा जाए। देखा तो मेरे यूट्यूब चैनल में कुल जमा 100 वीडियो हैं। सबसे पुराना वीडियो 14 साल पुराना है। अधिकतर वीडियो मित्रों की कविताएँ, वक्तव्य और अम्मा जी के गानों के हैं। अपन के कुल 519 सब्सक्राइबर हैं। आपको मन करे तो सब्सक्राइब करें मेरा यूट्यूब चैनल (@anupkidak)।
मेरा मन नियमित वीडियो पोस्टिंग का करता है। लेकिन संकोच और आलस्य के चलते हो नहीं पाता। देखिए आगे कैसे जमता है।
इन वीडियो चैनल के अलावा और भी कई वीडियो चैनल हैं जिनको मैं नियमित रूप से देखता हूँ। उनके बारे में फिर कभी। फ़िलहाल तो इतना ही।
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