फ़ुरसतिया
हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै
Monday, June 17, 2024
सड़क के रैंप पर मोर का ‘कैट वाक’
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सुबह टहलने निकले तो सामने ही मोर दिखा । बीच सड़क टहलते हुए । लगता है वह भी मार्निंग वाक पर निकला है । पंजे सड़क पर एक के बाद दूसरा रखता हुआ । ...
Saturday, June 15, 2024
रमेश सैनी अमृत महोत्सव और साहित्य समारोह
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आज हफ्ता हो गया जबलपुर में कार्यक्रम हुए। पिछले शनिवार आज के दिन इंतजाम देख रहे थे। कुर्सियां लगवा रहे थे। स्टेज सजवा रहे थे। हेल्लो ,माइक ट...
Friday, June 14, 2024
दीपा से मुलाक़ात
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दीपा से मुलाक़ात के लिए उसके घर की तरफ बढे हम । दो दिन पहले उसके घर का पता चला था । उससे मिलने गए तो पता चला सहेलियों से मिलाने गयी है । अगले...
Thursday, June 13, 2024
पुलिया पर बतकही
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सुबह नीद खुलते ही चाय मंगाई। कड़क चाय। चाय पीकर टहलने निकले। साथी लोग अभी सो रहे थे शायद। कोई बाहर दिखा नहीं। हो सकता है वे भी चाय-वाय पीते ह...
Saturday, June 08, 2024
जबलपुर की सुबह
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आज सुबह टहलने निकले। जबलपुर में आठ साल बाद। साइकिल नहीं थी आज। पैदल निकले। पुलिया पर कोई बैठा नहीं दिखा। सड़क पर लोग टहलते दिखे। बच्चे साइकि...
Friday, June 07, 2024
एक बार फिर पुलिया पर
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एक बार फिर जबलपुर आना हुआ। पूरे आठ साल एक महीना और सात दिन बाद । 30 अप्रैल, 2016 को जबलपुर से कानपुर जाते समय तुरन्त लौटकर आने का प्लान था। ...
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