http://web.archive.org/web/20140419215352/http://hindini.com/fursatiya/archives/404
फ़ुरसतिया लफ़ड़ा भी भला
By फ़ुरसतिया on March 14, 2008
फ़ुरसतिया लफ़ड़ा भी भला, जो थोरे दिन होय,
भले -बुरे की समझ हो, उठा-पटक भी होय।
भले -बुरे की समझ हो, उठा-पटक भी होय।
इस चिट्ठा संसार में, भांति-भांति के लोग,
कुछ तो चिरकुट लोग हैं, कुछ बहुतै चिरकुट लोग।
कुछ तो चिरकुट लोग हैं, कुछ बहुतै चिरकुट लोग।
बूढ़न को गरियाइये, बनिये बड़का मर्द,
जो कोई रोकन चले, चटा दीजिये गर्द।
जो कोई रोकन चले, चटा दीजिये गर्द।
ऐसी बानी बोलिये, मन का संयम खोय,
औरन को नंगा करे, आपहुं नंगा होय।
औरन को नंगा करे, आपहुं नंगा होय।
गोधन,गजधन, बाजिधन और रतनधन खान,
जब आवै सनसनी धन, सब धन धूरि समान।
जब आवै सनसनी धन, सब धन धूरि समान।
बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे ब्लागिंग वीर,
लिखने की फ़ुरसत नहीं, टिप्पण में मजबूर।
लिखने की फ़ुरसत नहीं, टिप्पण में मजबूर।
रहिमन सिलसिला ब्लाग का मत तोरो झटकाय,
टुटे से फ़िर न जुड़े, जुड़े तो गांठ परि जाय।
टुटे से फ़िर न जुड़े, जुड़े तो गांठ परि जाय।
ब्लागिंग करि-करि जुग गया, गया न मन का फ़ेर,
टिप्पण को हेरत फिरत, इधर-उधर सब ऒर।
टिप्पण को हेरत फिरत, इधर-उधर सब ऒर।
ब्लाग पढ़त, सर्फ़िंग करत, इधर-उधर बतियात,
मित्र दिखे, भड़कन लगे, काहे नहिं टिपियात।
मित्र दिखे, भड़कन लगे, काहे नहिं टिपियात।
होली आती देख के, शिवकुमार भये मस्त,
दुइ-दुइ कर निपटा रहे, स्पीड बहुत है सुस्त।
दुइ-दुइ कर निपटा रहे, स्पीड बहुत है सुस्त।
लरकी छिरती देखकर , अजदक गये भन्नाय,
पहन बूट , धोती नई, गये सिनेमा धाय ।
पहन बूट , धोती नई, गये सिनेमा धाय ।
ब्लाग सखी ने झट से गहा ब्लाग सखा का हाथ,
बिना टिप्पणी यदि तुम गये, छूट जायेगा साथ।
बिना टिप्पणी यदि तुम गये, छूट जायेगा साथ।
गोरी पनघट पर मिली, सखी रही कोहनियाय,
करती चैटिंग रात भर, अब यहां खड़ी जमुहाय।
करती चैटिंग रात भर, अब यहां खड़ी जमुहाय।
चोखों से डरकर रहें, कबहुं न लीजिये बैर,
भंगड़ कहि हड़कायेंगी, नहीं मिलेगा ठौर।
भंगड़ कहि हड़कायेंगी, नहीं मिलेगा ठौर।
बात कीजिये दोस्त से, रखिये पास प्रमान,
तुरत चढ़ायें ब्लाग पर, दोस्त फ़िरे हलकान।
तुरत चढ़ायें ब्लाग पर, दोस्त फ़िरे हलकान।
काल्ह करे को सो आज कर, आज करे सो अब,
अभी अगर न कर सके, बहुरि टिप्पणी करोगे कब।
अभी अगर न कर सके, बहुरि टिप्पणी करोगे कब।
Posted in बस यूं ही | 35 Responses
मित्र दिखे, भड़कन लगे, काहे नहिं टिपियात।
हंसत हंसत बल पड़ गये, शुरू हुई पेट में पीड़।
सगरे मस्ती में पढ़ें, अपना-अपना हाल
बिन पूछे कॉपी करें, ब्लॉगर ऐसी जात
मेरे इस अनुरोध पर, करें जरा सा गौर
छोटी-छोटी पोस्ट से, चलती रही बयार
दुई दुई को निपटाय के, बाकी पर टिपियात
त्रस्त,व्यस्त और मस्त हैं,संग राखी के ज्ञान
किसकी टांग खिचेंगी अब,सोच सोच हम मस्त
औरन को नंगा करे, आपहुं नंगा होय।…”
करती चैटिंग रात भर, अब यहां खड़ी जमुहाय।
तभी आपकी आंखें भी लाल है ।सब माजरा समझ में आ रहा है।
बिना टिप्पणी यदि तुम गये, छूट जायेगा साथ।
dohe pehle bhi sune, lekin aapne sab naye kahe
पाइंट जाकिट धार लिये, जंघिया दिये हेराय।
होली का सही रंग जमा रहे हो।
गोधन,गजधन, बाजिधन और रतनधन खान,
जब आवै सनसनी धन, सब धन धूरि समान।
सही कहा।
औरन को नंगा करे, आपहुं नंगा होय।”
तुरत चढ़ायें ब्लाग पर, दोस्त फ़िरे हलकान।
जिंदाबाद
Din bhar surfat karat rahen, par padhne na den blogging ka rang.
Hamesha ki tarah se hee, aapne bahut accha likha hai.
Lagata hai, sabatical lekar kuchh dinon ke liye Blogging ki training lene chale gaye the kya? Aur bhi nikharkar (lekhni vidha ki baat kara raha hun, aapke shakal-surat ke nikhrane se mera koi tatparya nahin hai, vaise bhi aap Shaadi-Shuda, bal-bachhon vale aadmi hain.)vapas aaye hain. Sabatical se aane ke baad bhai chha gaye ho aap. Kuchh dinon ka aapka PAUSE kafi khala tha. Shayad isliye ki yah PAUSE state bahut hi kam dinon ke liye tha. Agle baar thodha lamba rakhiyega.
Hum to baithe huye gaana gaye ja rahe the “Tera intjaar karenge hum kayamat tak, khuda kare ki kayamat mat ho aur tum vapas na aao”. Lekin shayad Khudajee ko mera gaana bilkul hee raas nahin aaya.
Bhai, holi hai, isliye kuchh keecharh to lagega hee.
Deepak
Aalok aayen pahile, Anoop Diyo bataye.
Prasad khao Shivjee ka, Gyan mein to barhi dhoop.
ब्लाग सखी ने झट से गहा ब्लाग सखा का हाथ,
बिना टिप्पणी यदि तुम गये, छूट जायेगा साथ।
करती चैटिंग रात भर, अब यहां खड़ी जमुहाय।
वैसे कायदन फुरसतिया का सिगनेचर पहले नहीं, आखिरी दोहे में होना चाहिए था। मजा आ गया पढ़कर। सच्चाई को इस तरह दोहों के खांचे में फिट करने में काफी देर लगी होगी, और मेहनत भी।
लिखा बहुत बढ़िया है जी।
अत्ती धाँसू उखाड़ पछाड़ पर हमरी टिप्पणी दर्ज़ कई लेयो ।
अब चलै देयो आज बहुतन का टिप्पियावे का है,हमका ओरखत होंईहें ।
जय राम
करती चैटिंग रात भर, अब यहां खड़ी जमुहाय।
arvind mishra की हालिया प्रविष्टी..शूर्पणखा:एक शोध!
ढाई आखर ब्लॉग के पढे सो पंडित होय ||
amit srivastava की हालिया प्रविष्टी.." ब्लॉगर दम्पति एवार्ड………"