http://web.archive.org/web/20140419213936/http://hindini.com/fursatiya/archives/2917
सचिन राज्यसभा में- कुछ सीन
By फ़ुरसतिया on April 30, 2012
पता चला कि सचिन रमेश तेंडुलकर का
नाम राज्यसभा के लिये प्रस्तावित हो गया। अलग-अलग लोग इस पर अलग-अलग बयान
जारी कर रहे हैं। कोई कह रहा है कि सचिन को वहां जाना चाहिये कोई कह रहा है
कत्तई नहीं जाना चाहिये।
अब लोगों को कौन समझाये कि सचिन अपनी मर्जी से कहां जा पाते हैं कहीं। शुरु में वे टेनिस खिलाड़ी बनना चाहते थे लेकिन आ गये क्रिकेट में। क्रिकेट में भी वे तेज बालर बनना चाहते थे लेकिन बनना पड़ा बल्लेबाज। बूस्ट और तमाम चीजें बेचने का काम कौन वे अपने मन से करना चाहते होंगे लेकिन कर रहे हैं। राज्यसभा लिये भी कौन उन्होंने इस्टाम्प पेपर पर लिख कर दरखास्त दी होगी कि हमें बनाओ मेम्बर। अब जब लोगों ने नामित कर दिया तो बनना पड़ेगा। देश के लिये क्या-क्या त्याग नहीं करने पड़ते हैं लोगों को। मजबूरी जो न कराये।
सचिन के राज्यसभा मेम्बर बनने से क्या फ़ायदे-नुकसान होंगे इसका आंकड़ा तो सचिन के स्कोरर रखेंगे। लेकिन कुछ सीन इस तरह के बन सकते हैं:
वैसे ससुर बनने के बाद ज्ञानजी के लिये चुनौतियां बढ़ जायेंगी। उनके ऊपर सतीश सक्सेना जी जैसा अच्छा/भला ससुर बनने का दबाब होगा। अपने सतीश जी जितने अच्छे ससुर साबित हो रहे हैं उससे लगता है कि ताज्जुब नहीं कि नेट/ब्लागजगत से जुड़ी बच्चियां जो उनकी पोस्टें पढ़ती हैं वे कल को कहने लगें-हमारा फ़ादर इन लॉ कैसा हो, सतीश सक्सेना जैसा हो।
अब लोगों को कौन समझाये कि सचिन अपनी मर्जी से कहां जा पाते हैं कहीं। शुरु में वे टेनिस खिलाड़ी बनना चाहते थे लेकिन आ गये क्रिकेट में। क्रिकेट में भी वे तेज बालर बनना चाहते थे लेकिन बनना पड़ा बल्लेबाज। बूस्ट और तमाम चीजें बेचने का काम कौन वे अपने मन से करना चाहते होंगे लेकिन कर रहे हैं। राज्यसभा लिये भी कौन उन्होंने इस्टाम्प पेपर पर लिख कर दरखास्त दी होगी कि हमें बनाओ मेम्बर। अब जब लोगों ने नामित कर दिया तो बनना पड़ेगा। देश के लिये क्या-क्या त्याग नहीं करने पड़ते हैं लोगों को। मजबूरी जो न कराये।
सचिन के राज्यसभा मेम्बर बनने से क्या फ़ायदे-नुकसान होंगे इसका आंकड़ा तो सचिन के स्कोरर रखेंगे। लेकिन कुछ सीन इस तरह के बन सकते हैं:
- सचिन के राज्यसभा में पहुंचने से जनप्रतिनिधियों को नयी प्रेरणा मिलेगी। सचिन पहले ही बयान जारी कर चुके हैं कि उनको जब तक मजा आयेगा क्रिकेट खेलते रहेंगे। उनसे प्रेरणा लेकर बुजुर्ग जनप्रतिनिधि बयान जारी कर सकते हैं- जब तक देश सेवा में मजा आता रहेगा, अपन देश सेवा करते रहेंगे। खबरदार जो किसी ने मेरे रिटायरमेंट की बात चलाई।
- सचिन अपने ऊपर लगाये हर सवाल का जबाब बल्ले से देते आये हैं। वैसे तो वे अपना राज्य सभा का कार्यकाल इंशाअल्ला क्रिकेट खेलते ही गुजार देंगे लेकिन अगर कभी कोई सवाल उनसे पूछा भी गया तो वे कह देंगे कि मैं हर सवाल का जबाब अपने से देता हूं। मेरा बल्ला मंगाइये तो जबाब दूं। सुरक्षा कारणों से ऐसा होगा नहीं और वे बयान देने से बच जायेंगे।
- सचिन के राज्य सभा में पहुंचने से सबसे ज्यादा परेशानी अन्ना की टीम को होगी। वे अब एक सांस में नहीं कह सकेंगे कि सदन में सब भ्रष्टाचारी हैं। उनको सचिन को अपवाद में डालने के लिये अपना आरोप-नारा लम्बा करना पड़ेगा। और यह तो आपको भी पता है कि जब आरोप-नारा लम्बा हो जाता है तो उसकी ताकत कम हो जाती है।
- सचिन खुदा न खास्ता कभी सदन गये भी तो वहां से नये शाट सीख कर बाहर आयेंगे। जिस तरह आरोपों के जबाब में प्रत्यारोप लगाये जाते हैं। ईरान की बात को तूरान से जोड़ा जाता है उससे सचिन को कोई न कोई नया शाट लगाने का तरीका जरूर सीखने को मिलने। कालान्तर में वह शॉट राज्यसभा शॉट के नाम से जाना जायेगा।
- क्या पता सचिन के सदन में पहुंचने से वहां के लोग विज्ञापन की दुनिया में आने लगें। इससे हो सकता है पैसे लेकर सवाल पूछने जैसी चिल्लर हरकतें करने के लिये मजबूर होने वाले जनप्रतिनिधियों का जीवन स्तर कुछ सुधर जाये। हो सकता है कि विज्ञापन की कमाई के चलते ही आगे चलकर छोटे-मोटे घपले कम हो जायें।
चलते-चलते
दो दिन पहले ज्ञानजी ने फ़ेसबुक पर अपने पुत्र की सगाई की मंगलमय सूचना दी। कई सालों पहले एक ट्रेन दुर्घटना में उनके पुत्र के सिर में चोट लगने से पूरा परिवार परेशान था। ज्ञानजी का ब्लागजगत से भी जुड़ने का एक कारण हिंदी में शिराघात की जानकारी देने वाली साइट बनाने का उद्देश्य था। समय और उपचार के बाद धीरे-धीरे ज्ञानजी का पुत्र ठीक हुआ। एक पोस्ट में ज्ञानजी ने अपने लड़के के गंगा-सफ़ाई अभियान पर जाने की सूचना दी। अब इसके बाद ज्ञानजी के पुत्र की सगाई का सुखद समाचार सुनकर बहुत अच्छा लगा। पूरे परिवार को इस मंगलमय अवसर पर बधाई। कामना है कि बच्चों का वैवाहिक जीवन मंगलमय हो।वैसे ससुर बनने के बाद ज्ञानजी के लिये चुनौतियां बढ़ जायेंगी। उनके ऊपर सतीश सक्सेना जी जैसा अच्छा/भला ससुर बनने का दबाब होगा। अपने सतीश जी जितने अच्छे ससुर साबित हो रहे हैं उससे लगता है कि ताज्जुब नहीं कि नेट/ब्लागजगत से जुड़ी बच्चियां जो उनकी पोस्टें पढ़ती हैं वे कल को कहने लगें-हमारा फ़ादर इन लॉ कैसा हो, सतीश सक्सेना जैसा हो।
Posted in बस यूं ही | 63 Responses
…ससुर बनने की प्रक्रिया में लगे ज्ञान जी को बधाई और सतीश जी तो खुद को सिद्ध कर ही चुके हैं !
रेखा के बारे में ट्विटर पर यह पढ़ने को मिला…
‘जो काम अमिताभ नहीं कर पाए ,सरकार ने रेखा और जया को एक हाउस में लाकर वह कर दिखाया है !’
संतोष त्रिवेदी की हालिया प्रविष्टी..उभार की सनक या बिकने की ललक !
अमिताभ , रेखा, जया वाले में तो यही साबित हुआ की सरकार अमिताभ के मुकाबले ज्यादा असरकारी है!
हमारा पापा कैसा हो
…
हम अक्सर दो चेहरे लिए होते हैं , बहु को बेटी जैसा रखेंगे और दामाद तो हमारे लड़के जैसा है मगर जब वही कर दिखाने की बात आती है तो बेटी को कैप्री( मिड काफ पैंट ) अच्छी लगती है मगर बहु को शोभा नहीं देता, दामाद के साथ नाटक कितना होता , सबको पता है !
यह रिश्ते हमारी सामाजिक मजबूती की पोल खोलते हैं, इनका तिरस्कार/ बहिष्कार होना चाहिए, मगर उसके लिए हमें अपने गिरेबान में झांकना होगा !
सादर
सतीश सक्सेना की हालिया प्रविष्टी..मैंने तो मन की लिख डाली ( भूमिका मेरे गीत की )
बाकी आपकी बहू/बेटी वाली पोस्ट बांचकर मुझे सही में बड़ी घबराहट होती है। कल को हमारी भी बहू किसी भी बात पर हमको ताना देगी – आप सक्सेना अंकल की तरह (स्मार्ट,उदार, भले) क्यों नहीं है तो हम कहां जायेंगे? बताइये भला !
वैसे सचिन महाराज राज्य सभा में जाएंगे कितने दिन साल में?
सचिन राज्य सभा में देखेंगे(देखेगा) कि वह बेचारा कोई शॉट-वॉट नहीं जानता राज्यसभाइयों के सामने।
वैसे इस मुद्दे पर मेरी खिसियानी टिप्पणी जो कुछ दिन पहले लिखी गयी है-
‘सचिन जैसों को राज्य सभा क्या, राज्य सभा के दरवाजे पर भी नही रहना चाहिए। लेकिन सब हो रहा है यहाँ। जो हैं, वे भी वैसे ही हैं। इसलिए सचिन जाये चाहे कोई गोबरगणेश, कोई फ़रक नहीं पड़ता’
चंदन कुमार मिश्र की हालिया प्रविष्टी..स्वामी विवेकानंद का दूसरा पक्ष
लगता है फुरसतिया जल्दी में है ….
बाकि सचिन के राज्यसभा में जाने पर नो कमेन्ट
आशीष श्रीवास्तव
सतीश सक्सेना जी तो ब्लॉग-रत्न हैं। उनकी बराबरी भला कौन कर सकता है! हमे अपनी क्षमताओं को ले कर कोई गलतफहमी नहीं है!
Gyandutt Pandey की हालिया प्रविष्टी..लिमिटेड हाइट सब वे (Limited Height Sub Way)
सही है सतीश जी की बराबरी थोड़ा-बहुत सतीश जी ही कर सकते हैं। और किसी की क्या बिसात जो इस बारे में सोचे भी।
शुरू से जिनसे प्रेरणा लेता रहा हूँ, उनमे एक आप हैं और रहेंगे !
आपसे एक शिकायत है कि आपने एक साधारण ब्लोगर के लिए ब्लॉग रत्न जैसा शब्द प्रयोग किया है यह मेरे लिए शर्मिंदा करने के लिए काफी है , अगर मुझसे आपकी शान में कभी गुस्ताखी हुई हो तो हार्दिक क्षमा याचना करता हूँ आशा है बड़े भाई की हैसियत से भुला देंगे !
ब्लॉग जगत में एक से एक विद्वान कार्य रत हैं जिनको पढ़कर अपने आपको भाग्यशाली मानता हूँ ! यहाँ मेरे विचरण का उद्देश्य ही कुछ नया और अच्छा सीखना है जो काफी हद तक संभव हुआ है, कम से कम मैं यहाँ किसी से तुलना के लायक, अपने को नहीं मानता !
सादर
Gyandutt Pandey की हालिया प्रविष्टी..लिमिटेड हाइट सब वे (Limited Height Sub Way)
सादर
सतीश सक्सेना की हालिया प्रविष्टी..मैंने तो मन की लिख डाली ( भूमिका मेरे गीत की )
क्या मतलब है इसका?
sanjaybengani की हालिया प्रविष्टी..नितीश का मराठी प्रेम प्रशंसनीय है
जब टच में थे तब भी क्या संपर्क में थे ??
दूरसंचार से टच में कैसे आ सकते हैं
शब्द का खेला हैं
शब्दों से खेला हैं
निशब्द
rachna की हालिया प्रविष्टी..नज़र अपनी अपनी समझ अपनी अपनी . ६ साल के बाद हिंदी ब्लॉग लेखन
noun
हलका सा (m)
छूत (f)
तरीका (m)
थोड़ा (m)
पुट (f)
भाव (m)
संबंध (m)
स्पर्श (f)
पार्श्वभूमि (f)
verb
स्पर्श करना
हलकी क्षति पहुँचाना
छूना
दिल को छू लेना
संपर्क में रहना
असर करना
उल्लेख करना
उत्तेजित करना
हाथ लगाना
अनुभव करना
कल मैंने श्रीमती जी से पूछा- “मेरी चटनी बना दी??’” उसने कहाँ हाँ, कब की
अब यदि वो आपके तेवर की होती तो मुझे भाषा विज्ञान पढ़ाने लगती
ऐसे ही हम पता नहीं कित्ती बातें करते हैं जिनके भयंकर टाइप के मतलब निकल सकते हैं.. है की नहीं?
जितना मैंने समझने की कोशिश की है उससे तो यही लगता है की सचिन को राज्यसभा भेजना सोची समझी राजनीतिक चाल है | और अगर ये सही है तो इसे भारतीय खेलों के लिए किये गए गलत सरकारी निर्णयों में से एक कहा जायेगा |
जब बड़े बड़े धुरंधर बैठे हैं तो एक खिलाड़ी जो अभी देश के लिए खेल रहा है उसे राजनीति में लाने की ज़रुरत गले नहीं उतरती !!! खैर अन्दर की कहानी या तो अन्दर के लोग जाने या भगवन जाने !!!! हम तो अब क्रिकेट का भी मजा ढंग से नहीं ले पायेंगे
देवांशु निगम की हालिया प्रविष्टी..सखी वे मुझसे लड़ के जाते…
बाकी सचिन के बारे में राजनीतिज्ञ का काम ही राजनीति करना है। वो करते हैं तो इसका मतलब वे अपना काम कर रहे हैं।
राजनीति में आने/लाने के निर्णय अगर आपके/हमारे गले नहीं उतरते तो यह आपके/हमारे गले की समस्या है- राजनीति की नहीं।
देवांशु निगम की हालिया प्रविष्टी..सखी वे मुझसे लड़ के जाते…
सचिन कहीं भी रहे जवाब तो बल्ला ही देगा. किसी ने बताया कि उनका मनोनयन राज्यसभा टीवी की टी आर पी पढ़ाने के लिए किया गया है.
सक्सेना जी एक आदर्श ब्लॉगर हैं और एक आदर्श फादर-इन-ला भी. उनकी वजह से बाकी लोगों के ऊपर दबाव आ जाना संयोग की बात है.
शिव कुमार मिश्र की हालिया प्रविष्टी..हम किरपा के बदले दसबंद नहीं देंगे आपको..
Gyandutt Pandey की हालिया प्रविष्टी..लिमिटेड हाइट सब वे (Limited Height Sub Way)
प्रवीण पाण्डेय की हालिया प्रविष्टी..उन्होनें साथ निभाया
arvind mishra की हालिया प्रविष्टी..वक्ष सुदर्शनाएँ!
shikha varshney की हालिया प्रविष्टी..उम्मीदों का सूरज.
amit srivastava की हालिया प्रविष्टी.." स्मृति की एक बूंद मेरे काँधे पे……."
ज्ञान जी को बधाई।
मनोज कुमार की हालिया प्रविष्टी..गांधी जी की पहली सेक्रेटरी मिस सोंजा श्लेसिन
aradhana की हालिया प्रविष्टी..बाऊजी की बातें
राज्यसभा में सचिन का अच्छा चित्रण किया है मौसा जी…….
satyavrat shukla की हालिया प्रविष्टी..सोशल मीडिया-"आम आदमी की खास आदमी तक पहुचती आवाज़"
और बॉलर्स को ’कारण बताओ नोटिस’ भेज दिया जायेगा…
हमेशा की तरह लाजवाब, गुदगुदाती हुयी पोस्ट…
ज्ञानजी को ढेरों बधाईयां।
सचिन के सदन में भेजने वाले उनके लिए बल्ले का जुगाड़ कर ही देंगे। जब कभी विपक्ष की बॉलिंग शुरू होगी सब के सब सचिन को बल्ले सहित आगे कर बोलेंगे…जनता की समस्याओं को बाउंसर बना कर और फेंको बच्चू.. हमारे पास सचिन है। विपक्ष की भलाई इसी में है कि वे भी इसके मुकाबले दो चार तेज गेंदबाज जुटा लें । सदन में भेजने के लिए।
आदरणीय ज्ञानदत्त जी को जैसी शुभकामनाएं आपने दीं वैसी शुभकामनाएं तो कोई मित्र नहीं दे सकता। मेरा मतबल दूसरा मित्र नहीं दे सकता। अच्छे ससुर वाली पोस्ट का तोहफा और भयानक नारा लगाती बहू। दोनो बड़े बजुर्ग हैं इसलिए मैं तो कोई शरारत नहीं कर सकता। आप हिम्मत वाले हैं..बधाई।
रेखा जी आजकल आपके क्या मेरे संपर्क में भी नहीं हैं।:)
इस पोस्ट में एक साथ कई बातें समेटने का प्रयास किया गया है। आलोचना करनी हो तो यह कहा जा सकता है कि शब्दों का चतुर व्यापारी एक रूपय्यै में तीन अठन्नी भजाने का प्रयास कर रहा है।:)
Gyandutt Pandey की हालिया प्रविष्टी..लिमिटेड हाइट सब वे (Limited Height Sub Way)
ज्ञानदत्त साहब को हार्दिक बधाई,
सतीश सक्सेनाजी जिंदाबाद जिंदाबाद..
sanjay aneja की हालिया प्रविष्टी..कीमत चुकता….
दद्दा के आगे स्वसुर बन-ने के लिए अग्रिम सुभ:कामनाएं………….और आपका, उनके लिए अच्छे स्वसुर बन-ने के सन्दर्भ में चिंतित होना सहज ही है, खास कर जब कॉम्पिट-एनसी सतीश भाईजी से हो……………….
बकिया, आपके मोजिये पोस्ट पर भाई देवेन्द्रजी के मजेदार कमेन्ट अच्छा गुद-गुदाया….
प्रणाम.
“हमारा फ़ादर इन लॉ कैसा हो, सतीश सक्सेना जैसा हो।” गज्ज़ब नारा ईजाद किये हैं आप . बहुत भले आदमी लगते हैं सतीश भैया ज्ञान जी और उनके बेटे को बधाई शुभकामनाओं के साथ
समीर लाल “पुराने जमाने के टिप्पणीकार” की हालिया प्रविष्टी..सेन फ्रेन्सिसको से कविता…
क्योंकि ऐसी बातें तो आप तक जल्दी पहुँचती हैं प्रभु… शायद रेखा को ही पता हो, “जरा टच” तो कीजिए…
dhiru singh की हालिया प्रविष्टी..कैसी कही