Monday, July 08, 2013

टमाटर की डॉलर को पटकनी

http://web.archive.org/web/20140420081720/http://hindini.com/fursatiya/archives/4465

टमाटर की डॉलर को पटकनी

टमाटरआजकल टमाटर के भाव चढ़ते जा रहे हैं. एक टमाटर से हमने इस बारे में बातचीत की। टमाटर ने अपने दाम बढ़ने के पीछे के कारण बताये. सुनिये बातचीत के मुख्य अंश:
सवाल: आपके भाव इत्ते भाव क्यों बढ रहे हैं?
जबाब: मैं डॉलर को पटखनी देना चाहता हूं. स्वदेशी समर्थक हूं. मुझे यह कत्तई बर्दाश्त नहीं कि कोई बाहरी ताकत हमारे देश वासियों को परेशान करे. मैं डॉलर के बढ़ते दाम से हलकान देशवासियों को सुकून का एहसास दिलाना चाहता हूं. मैं डॉलर का घमंड चकनाचूर करना चाहता हूं.
सवाल: आपकी ये कैसी स्वदेशी भावना है कि आप अपने दाम बढ़ाकर लोगों को परेशान कर रहे हैं.
जबाब: दुनिया में सब कुछ सापेक्ष होता है. परेशानियां भी. मैं अपने दाम बढ़ाकर लोगों को सुकून का एहसास दिलाना चाहता हूं कि बाकी सब्जियां मेरे मुकाबले सस्ती हैं. न केवल सब्जी बल्कि जुलाई में बच्चों के एडमिशन, बढती फ़ीस, मंहगी किताबों आदि सब परेशानियों को भुलाने में सहायता करना चाहता हूं. लोग मेरे कारण बाकी सब छोटी मंहगाई झेल लेंगे. मैं तो कोशिश में हूं कि लोग मेरे कारण उत्तराखंड की आपदा भी भूल जायें.
सवाल: ऐसे कैसे हो सकता है कि रोजमर्रा की परेशानियां सब आपके कारण भूल जायें?
जबाब: अरे चाहने से क्या नहीं हो सकता? मीडिया से बातचीत चल रही है अपनी. बात पक्की होते ही खेल शुरु होगा. फ़िर देखियेगा मेरे जलवे. सारे मीडिया वाले अपने-अपने कैमरा मैन लिये मंडी में दिखेंगे.
सवाल: तो आपकी योजना प्याज की तरह सरकार गिराने की है?
जबाब: देखिये हम किसी की नकल नहीं करते. प्याज जी से हमारे मधुर संबंध हैं. हम उनका आदर करते हैं. मुद्दों के आधार पर संबंध हैं. सलाद में हमारा उनका गठबंधन सदियों से अच्छा चल रहा है लेकिन सॉस में हम उनके साथ नहीं हैं. वैसे भी स्वस्थ लोकतंत्र के लिये विकल्प होना हमेशा अच्छी बात है. सरकार गिराने के लिये एक ही सब्जी पर निर्भरता किसी भी लोकतंत्र के लिये ठीक नहीं. लेकिन फ़िलहाल हमारी प्राथमिकता सरकार की नहीं लोगों को कई तरह की मंहगाई से राहत महसूस कराने की है. लोग हमारी मंहगाई को देखकर बाकी मंहगाई से राहत महसूस करे यही हमारा उद्धेश्य है. सिंगल विंडो मंहगाई राहत केंद्र समझिये मुझे.
सवाल: अगर कभी सब्जियों की सरकार बनी तो क्या आप प्रधानमंत्री का पद स्वीकार करेंगे?
जबाब: आप पत्रकारों की बलिहारी है. जो भी कोई जरा सा चर्चा में आया उसमें प्रधानमंत्री बनने की संभावना देखने लगते हैं. धन्य हैं आप लोग भी.
सवाल: देखिये यह हमारी पेशागत मजबूरी है. इसलिये इस सवाल का जबाब तो आपको देना ही पड़ेगा कि अगर कभी आपकी सरकार बनी तो क्या आप प्रधानमंत्री का पद स्वीकार करेंगे?
जबाब: देखिये सब्जियों का उपयोग हमेशा सरकार गिराने के लिये होता है. बनाने के लिये नहीं. हमारे वरिष्ठ मित्र प्याज के साथ भी यही हुआ. एक बार उनके नाम पर सरकार गिरी लेकिन जब सरकार बनी तो उनको कोई पद नहीं मिला. वैसे भी हमारा उद्धेश्य सेवा है. सरकार बनाना नहीं. लेकिन यदि कभी ऐसा मौका आया तो सब्जी मंडी में सभी सब्जियां बैठकर सामूहिक निर्णय लेंगी और सर्वसम्मति से जो फ़ैसला होगा उसे सब स्वीकार करेंगे.
इस बीच सब्जियों के नारे गूंजने लगे:
टमाटर तुम संघर्ष करो,हम तुम्हारे साथ हैं.
हमारा नेता कैसा हो, टमाटर भैया जैसा हो.
आगे संवाददाता कुछ और पूछता तब तक टीवी पर कामर्शियल ब्रेक की घोषणा हो गयी.

10 responses to “टमाटर की डॉलर को पटकनी”

  1. आशीष
    टमाटर जी भी विदेशी है, १६ वी सदी मे पुर्तगालियों ने लाया था उन्हे । अब वो इटालीयन नहीं है इसका मतलब यह नहीं की उन्हे छोड़ दें!
  2. arvind mishra
    सटीक व्यंग है टमाटर के बहाने नेतागिरी और मीडियागिरी पर :-) हम तो कोई सुर्खरू टमाटर गाल नेत्री की खोज में है -उसके आगे यह टमाटर बेदम है !
    arvind mishra की हालिया प्रविष्टी..मिथक का मतलब
  3. सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
    दम है जी टमाटर में, मीडिया को तो इसके पीछे जाना ही पड़ेगा।
    आशीष जी, विदेशी मूल तो सुना है आर्यों का भी था। जो भारत में आ गया वह यहीं का हो गया।
  4. Alpana
    बहुत ही मस्त- जबरदस्त लगा टमाटर महोदय का साक्षात्कार.
    ये ‘प्याज जी ‘की नक़ल नहीं करते लेकिन ये भी किंग मेकर कहलायेंगे .इतिहास में दर्ज हो जायेंगे.
    Alpana की हालिया प्रविष्टी..चित्र और त्रिवेणी
  5. Anonymous
    टमाटर ने पटकनी तो दे ही डाली
  6. shikha varshney
    अब कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी..यूँ हि तो टमाटर भाव नहीं बढाता :):)
    जोरदार , शानदार व्यंग है.
    shikha varshney की हालिया प्रविष्टी..कड़वा सच …
  7. प्रवीण पाण्डेय
    सलाद के गठबन्धन को तो मँहगा कर ही दिया, इन लोगों ने।
    प्रवीण पाण्डेय की हालिया प्रविष्टी..मैे किनारा रात का
  8. karun kumar
    phursatiya ji aapko jankar khusi hogi ki sabji morcha ko Ncp ka samarthan mil gaya hai. Hon’l krishi mantri sharadpawar pyaj ko abroad jane ke khilaph nahi hain.
  9. : फ़ुरसतिया-पुराने लेख
    [...] टमाटर की डॉलर को पटकनी [...]

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