Wednesday, October 23, 2024

ज़रा बच कर रहो बे

 जो दिखाई देता है सबको, वो सब सच मत कहो बे, 

बड़ा बवाल समय है चल रहा , ज़रा बच कर रहो बे। 


उकसा रहे हैं आज जो तुमको , कल वही फँसा देंगे ,

लीडरों, हुक्मरानों से, दूर का रिश्ता ही भला है बे  ।


 धमकाता रहता  है  हरदम ही  ,दीगर अवाम को 

बड़ा  कमसिन दिमाग़ , बुज़दिल रहनुमा मिला है बे ।


-कट्टा कानपुरी 





No comments:

Post a Comment