जो दिखाई देता है सबको, वो सब सच मत कहो बे,
बड़ा बवाल समय है चल रहा , ज़रा बच कर रहो बे।
उकसा रहे हैं आज जो तुमको , कल वही फँसा देंगे ,
लीडरों, हुक्मरानों से, दूर का रिश्ता ही भला है बे ।
धमकाता रहता है हरदम ही ,दीगर अवाम को
बड़ा कमसिन दिमाग़ , बुज़दिल रहनुमा मिला है बे ।
-कट्टा कानपुरी
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