Wednesday, February 11, 2009

ब्लागर का कैसा हो बसंत…

http://web.archive.org/web/20140419214727/http://hindini.com/fursatiya/archives/585

40 responses to “ब्लागर का कैसा हो बसंत…”

  1. प्रवीण त्रिवेदी-प्राइमरी का मास्टर
    जब ब्लोग्गर करिहें वलेंटाइन मा , ब्लॉग प्यार का इजहार ,
    तबही होंहिं उनका पूरा कल्यान और जय जयकार !!!!

    वलेंटाइन डे की अग्रिम बधाई !!!
  2. Arvind Mishra
    “इनकी भी सीमा होती है सीमाजी
    अब आप खिलखिला पड़ो तुरंत”
    मैं भी तो कहता यही कंत
    ब्लागर का कैसा हो बसंत
  3. ताऊ रामपुरिया
    हम चले गुरू तुम आगे बोलो
    बसंत के बकिया सब पत्ते खोलो
    यह मस्त मौसमों का राजा है
    मस्ती का इसकी न कॊई अंत
    आहा….हा…हा… लगता है आज असली बसंत आया है ब्लागीवुड में. परमानन्द आगया जी आज तो इस कविता में.
    रामराम.
  4. seema gupta
    हर तरफ़ आंसुओं की धार-धार
    दुख-पीड़ा-आह-कराह अपार
    इनकी भी सीमा होती है सीमाजी
    अब आप खिलखिला पड़ो तुरंत
    बेकार नही जाएगा,
    हमे हसाने का ये प्रयत्न…
    हुकम की तामीर,
    देखिये हो रही तुंरत….
    “हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा …”
    Regards
  5. रचना बजाज..
    फ़ुरसत से लिखे खूब खूब!
    पढते पाठक हैं डूब डूब!!
    पैनी भाषा, पैना हो व्यंग!
    बांटे खुशिय़ां, भर दे उमंग!!
    लिखे वो लेख, कविता गाये!
    हर मुद्दे पर वो बतियाए!!
    सुख दे भी वो, पाए अनन्त!!!
    ब्लॊगर का ऐसा हो बसंत!! :)
    ** ये टिप्पणी इस कविता और इसके पहले वाले लेख के लिये सम्मिलित रूप मे है. :)
  6. कुश
    ब्लॉगरो का बसंत भी होता है???
  7. डा. अमर कुमार

    हमरी ‘मंदी का कैसा हो बसंत’ लपक लिहौ, गुरू ?
    चलो.. जौन लिख्यौ तौन हमसे तो लाख-गुनी अच्छै लिख्यौ ।
    मुला मस्त है.. अउर ऊई तौ हुईबे करी !

  8. kanchan
    kuchh tips bhi diye hote fursatiya ji:)
  9. Shiv Kumar Mishra
    आपका आह्वान दुरुस्त है. कविता तंदुरुस्त है.
    ब्लॉगर का बसंत कैसा हो, इस बात की चिंता तो होनी ही चाहिए. इसलिए आपके इस प्रश्न का उत्तर झालकवि ‘वियोगी’ जी ने दिया है. हमने अपने ब्लॉग पर छाप दिया है. आप भी देखियेगा.
    http://shiv-gyan.blogspot.com/2009/02/blog-post_11.html
  10. Dr.anurag
    पतंग के पेचे भी लड़ते है जी बसंत में ….
    (वैसे .सुभद्रा जी के चेले नाराज हो गए तो ……)
  11. SHUAIB
    ये कोनसी नई सौग़ात है
  12. Abhishek Ojha
    सब ब्लोगरों को फुल-पत्ती वाले टेम्पलेट लगाने चाहिए, बैक ग्राउंड में कोयल की कुक के साथ :-) और १४ फरवरी को पिंक टेम्पलेट.
  13. बवाल
    …..कोई तो बतलाये मुझे संत!
    अरे फ़ुरसतिया साहब इस पर स्व. सुभद्रा कुमारी चौहान जी की परम मित्र स्व. श्रीमती कृष्णा तिवारी जी अक्सर ये कहा करती थीं–
    ऐसई होते संत, तो काहे पूजे जाते कंत ?
    बड़ी अच्छी कविता लिखी है आपने। क्या कहना !
  14. anil pusadkar
    अनूप भैया हम पर भी आया होता बसंत,मगर क्या करे दोस्त इतने ज्यादा थे कि दुशमनो की ज़रुरत ही नही पडी।बढिया लिखा आपने और आप को पढकर एक बहुत पुराना पन्ना पलटने का दिल कर रहा है।
  15. Gyandutt Pandey
    बहुत सुन्दर। सुभद्रा कुमारी चौहान जी की कविता पुन: प्रस्तुत करने के लिये आप बधाई के पात्र हैं।
    कभी मेरे ब्लॉग पर भी आइयेगा।
    भीगी पलकें
  16. ranjana
    वसंत तो आज ऐसा बहा कि बाढ़ ही आ गई है ……
    लाजवाब तुकबंदी है…वाह !!!
  17. हिमांशु
    रचना बजाज जी की रचना ही मेरी ओर से भी, विशेषतः -
    “सुख दे भी वो, पाए अनन्त!!!
    ब्लॊगर का ऐसा हो बसंत!!’
  18. Smart Indian
    अनबन का अंत, मधुरिम वसंत!
  19. दिनेशराय द्विवेदी
    क्या कहने?
  20. archana
    ब्लॊगन के अटरिया,
    लगाय के खटिया,
    मुसकाए मन्द-मन्द,
    गाए छंद-छंद,
    बहानों से अनन्त,
    फ़ुरसतिया ही पूछे—-
    कैसा हो बसंत???
  21. सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
    कुछ अपनी और परायी कुछ
    नवकलियों की अँगड़ाई कुछ
    भौरों सी रतिज ढिठाई कुछ
    बौरायी सी अमरायी कुछ
    मत कर वर्णन तोता रटंत
    ब्लॉगर का ऐसा हो वसन्त
    :)
  22. गौतम राजरिशी
    फुरसतिया देव को नमन इस ब्लौग{काल}जयी कृति पर….वाह!!!!!!!!
  23. मीनाक्षी
    ब्लॉग जगत महके बगिया सा
    हर ब्लॉगर हो निखरा निखरा सा !
    लेखन उसका खुशबू फैलाए
    प्रेम भाव से मन हर्षाए !
    बस वसंत ऐसा आ जाए !!
  24. puja upadhyay
    वाह! कविता तो बड़ी कमाल की है, और फोटो भी एकदम सही…इसके साथ वसंत मनाते ब्लोग्गेर्स का कोलाज भी होता तो मज़ा आ जाता. आपने संतों से पूछा है कि ब्लॉगर का कैसा हो वसंत…अब हम इस श्रेणी में तो आते नहीं हैं, नहीं तो जवाब जरूर देते :)
  25. कविता वाचक्नवी
    वसन्त की रंगीन पैरोडी और ब्लॊगर की विशिष्ट वासन्ती छटा ? मामला संगीन है ! अभी अभी २० वैवाहिक वर्षगाँठ पूरी करने का खुमार लगता है।
    आने वाले सौ वसन्त तक गृहस्थजीवन मंगलमय हो। श्रीमतीशुक्ल व परिवार को भी शुभकामनाएँ.
  26. समीर लाल
    इस पर तो अब नजर पड़ी..जाने कैसे चूक गई. :)
  27. समीर लाल
    अपने शहर की कवियत्री की कविता की तर्ज और हम चूक गये. हा हा!!
  28. कौतुक
    ऐसा हो ब्लॉगर का बसंत
    जो बाकियों को कर दे मंद
    ऐसे लिखिए ठिठोलीचंद :)
  29. बसन्त राजा फ़ूलइ तोरी फ़ुलवारी!
    [...] वनन में बागन में बगर्‌यो बसंत है… ब्लागर का कैसा हो बसंत… राजा दिल मांगे चवन्नी उछाल [...]
  30. shikha varshney
    बेहतरीन स्वर है…आभार सुनवाने का.
    shikha varshney की हालिया प्रविष्टी..यवनिका यादों की
  31. Laxmi N. Gupta
    ब्लागर का ऐसा हो बसन्त
    तहलका मचा दे हाय हन्त
    टिप्पणियों की बारिस अनन्त
    फूले कुप्पे सा दिल दुरन्त
    ब्लागर का ऐसा हो बसन्त
  32. dr.anurag
    एक आध दिन में कोई मानहानि का दावा ठोक देंगा …..
    .
    .वैसे ये ससुरी ब्लोगिंग इत्ती बड़ी चीज़ काहे है कुछ लोगो के वास्ते ….के उनका बसंत अलग हो जाए
    dr.anurag की हालिया प्रविष्टी..कभी चलना आसमानों पे मांजे की चरखी ले के
  33. 'ब्लॉगर In hibernation'
    जब हों पोस्टों पर टिप्पणियाँ अनंत ,
    तब होता है ब्लोगर का असली बसंत!
  34. संतोष त्रिवेदी
    भला ब्लागरिया कौनो बाकी दुनिया ते अलग थोड़ी है ! एक तो ब्लागरिया दुसरे कनपुरिया,फिर का पूछैख !
  35. सतीश चन्द्र सत्यार्थी
    अब लग रहा है की फागुन आ गया है :)
    सतीश चन्द्र सत्यार्थी की हालिया प्रविष्टी..उपन्यासकार समीर लाल समीर को पढ़ने के बाद
  36. सलिल वर्मा
    हिंदु मुस्लिम सब एक रंग,
    ओछे अच्छे में भेद बंद
    वह श्रेष्ठ और वह नीच अधम
    झगड़े छोड़ो बन जाओ संत
    ब्लॉगर का ऐसा हो वसंत!!
  37. : फ़ुरसतिया-पुराने लेखhttp//hindini.com/fursatiya/archives/176
    [...] ब्लागर का कैसा हो बसंत… [...]
  38. देवांशु निगम
    एक कालजयी रचना कि तर्ज़ पे दूसरी कालजयी रचना!!!! :) :) :)
    देवांशु निगम की हालिया प्रविष्टी..अथ श्री "कार" महात्म्य!!!
  39. Antarman
    वाह, बहुत खूब!
  40. राजेन्द्र अवस्थी
    आदरणिय, क्या गज़ब का लिखे हो, बहुत ही ज्वलंत विषयों को अबकी आपने बसंती कर दिया,
    बहुत सुदंर…लाजवाब…….!

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