Sunday, February 24, 2019

राष्ट्रीय सहारा में (पंच) बैंक घोटाले साल भर पहले

 

1. सरकार तब सामने आती है,जब घोटालेबाज विदेश जा चुका होता है।सरकार के हाथ में भागते भूत की लँगोटी की तरह पासपोर्ट बचता है। -
2. हमारे देश में बैंक चुनाव जिताने के काम आते हैं।इंदिरा जी बैंकों का राष्ट्रीयकरण करके चुनाव जीतीं। नरेंद्र मोदी जी ने नोटबन्दी करके यू पी जीत ली। देखना होगा नीरव मोदी किसे चुनाव जिताते हैं। -अरविंद तिवारी
3. वीर भोग्या वसुंधरा औऱ चोर भोग्या बैंका। - Alok Puranik
4. आम मध्यवर्गीय चोरी औऱ ईमानदारी के मामले में भी मध्य में ही होता है। इतना वीर ना होता कि चोरी कर गुजरे और इतना ईमानदार ना होता कि चोरी न करने पर खुद को पुण्यवान महसूस करे। - आलोक पुराणिक
5. सिर्फ ईमान से तो आदमी ईमानदारी के संस्मरण भर इकठ्ठे कर पाता है जबकि माल्या के हुनर से तो बंदा कई पीढ़ियों का इंतजाम करता है। -आलोक पुराणिक
6. जिस तरह आत्मा नश्वर शरीर को त्याग करके परमात्मा में विलीन होती है वैसे ही बैंकों के बड़े लोन बैंक की देहरी लांघकर दूर देश में विलीन हो जाते हैं।
बैंकिंग घोटालों की प्रकृति सनातन भारतीय संस्कृति के अनुरूप है.. अनूप शुक्ल
7. प्रधानमंत्री का मानना है घोटालेबाजों के लिए इस देश में कोई जगह नहीं इसलिए विदेश भगाकर उन्हें कड़ी सज़ा दे रहे हैं । - Ranjana Rawat
8. नई स्कैम मशीन निकली है
उधर UPA से घोटाला अंदर डालो इधर NDA से घोटालेबाज बाहर - रंजना रावत
9. ज़मीं पे देश के खाने के हम नहीं क़ायल
जब विदेशों में न पहुंचा वो घोटाला क्या है। - Kamlesh Pandey
10. भारत एकमात्र ऐसा मुल्क है, जहां 'लोन' लेने के बाद चुकाने के 'लोड' से 'स्वतः मुक्ति' मिल जाती है। --Anshu Mali Rastogi
11. घोटाले न हों ऐसा भी तो नहीं हो सकता न। दुनिया में आए हैं तो बिन कांड किए तो जा नहीं सकते। --Anshu Mali Rastogi
12. अमीर होते होते आदमी एकदिन इतना अमीर हो लेता कि अपनी अमीरी बचाने के लिए घोटाले करने लगता है- अभिषेक अवस्थी
13. इधर हम खाते ही लिंक कराते रहे उधर बैंक ही लीक हो गया।- Anup Srivastava
14. हमें पैसा कमाने में डर नहीं लगता लेकिन पैसा बैंक में जमा कराने में डर लगता है। देर सबेर सारा गंवाया हुआ पैसा बैंक हम गरीबों से ही वसूल लेगा। - Anup Srivastava
15. देखो जी, घोटाले सब तो कांग्रेस के राज में होते हैं। हम लोग तो विदेश जाने का टिकट और वीजा देते हैं बस -Subhash Chander
16. हमारे मोहल्ले का चौकीदार,
रात को ज़ोर-ज़ोर से 'जागते रहो' कहता रहता है,
मानो कह रहा हो कि न सोउंगा न सोने दूंगा ...Kajal Kumar
17. घोटाला या गबन या डाका या भ्रष्टाचार कुछ भी कह लो, जनता को बेवकूफ़ बनाने के तरीके हैं. Samiksha Telang
18. कोई हवाई जहाज़ उड़ाए या मालपुए बनाये ,जिसके पास उचित रसूख,व्यापारिक कौशल और खनखनाते चांदी के जूते हैं,उनके लिए बैंक के स्ट्रांग रूम के रास्ते हमेशा खुले रहते हैं।बाकी लोगों के लिए सदाशयता के प्रमाण के लिए रस्सी से बंधा दो रूपये कीमत वाला बालपेन है ही। - Nirmal Gupta
19. अब विदेश जाकर बसने के लिए एक ही रास्ता बच रहेगा और वो होगा हमारे देशी नारे के साथ...मेक इन इण्डिया वाले का...कि बस भारत में इत्ते बड़े डिफॉल्टर बन जाओ..कि विदेश में आकर आराम फरमाओ..और खुद को मेड इन इण्डिया डिफॉल्टर का खिताब पहनाओ!! - Udan Tashtari
20. घोटालों का सबसे बड़ा फायदा राजनीतिक पार्टियों के बीच सद्भाइवपुर्ण माहौल विकसित करने के रूप में भी होता है। चूँकि सभी किसी न किसी घोटाले में फँसी होती हैं इसलिए अंदर से सभी एक दूसरे को नैतिक बल प्रदान करती रहती हैं। सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
21. चमड़ी से चांदी झरे, दमड़ी एक न जाय।
मीठी वाणी बोलिए, बैंक कोई फंस जाय।
कर्जा दे चकाचक। ...Devendra Kumar Pandey
22. ये भी कोई घोटाला है ...इतने रुपये का तो हम कनपुरिया साल भर में गुटखा थूक कर सड़क को गेरुआ किये रहते हैं। - Anita Misra
23. बैंकिंग पर ऐसे ऐसे लोग राय रख रहे हैं, जिन्हे सेविग बैंक खाते और चालू खाते का फर्क ना पता। - alok Puranik
24. विराट कोहली को वित्तमंत्री और बना के देख लो क्या पता अर्थव्यवस्था में जान आ जाए। अब सिर्फ टोटके ही बचे है बॉस - Anil Upadhyay
25. घोटाले हमारे देश में प्रतिस्पर्धा को बढावा देने का एक महत्वपूर्ण औजार है… हर बार एक नया चैलेंज सामने आता है कि पिछला लाख करोड़ का था तो अगला इस का दस गुना-बीस गुना होना चाहिये. -शिवकुमार मिश्र
26. घपले और घोटाले देश का सामान्य ज्ञान बढ़ाने में सहायक होते हैं। लोगों की उदासीनता तोड़कर चीजों को जानने की इच्छा पैदा करने के लिये घोटालों से बढ़कर कोई और चीज आज के जमाने में नहीं हो सकती।- अनूप शुक्ल
27. घोटालों के लिये कड़ी निन्दा काफ़ी नहीं है क्या ? -Shashi Pandey
28. वैसे देखा जाय तो जनता नेताओं से ज्यादा भ्रष्ट होती है । वो देखती है कौन पार्टी उसे ज्यादा “झांसा” दे रही है वो उसी के पाले जाती है । -Shashi Pandey
29. फेसबुक प्रोफाइल पर अपने आप को रुआब से बैंक अफसर लिखने वाले मित्र अब अपना जॉब स्टेटस बदलते नजर आ रहे हैं । Surendra Mohan Sharma
अखबार में बांचने के लिये नीचे दिये लिंक पर पेज 4 पर जायें http://www.rashtriyasahara.com/epapermain.aspx?queryed=17
संकलन- अनूप शुक्ल

https://www.facebook.com/anup.shukla.14/posts/10216236332554460

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