काठमांडू एयरपोर्ट पर वे बच्चियाँ मिलीं। दुबई जा रही हैं। किसी स्कूल में केयरटेकर का काम मिला है। माथे पर चावल और सिंदूर का शुभकामना टीका और गले में शुभकामना का दुपट्टा।
बारहवीं तक पढ़ी है बीच में बैठी बच्ची। उसके बग़ल में पीला दुपट्टा लटकाए बच्ची अभी 11 में ही है। तीनों के मुँह में लालीपाप है। लालीपाप चूसती हुई, मोबाइल पर बतियाती-मेसीजियती हुई बच्चियाँ अपनी उड़ान के इंतज़ार में हैं।
कैसे भेजें पूछने पर बच्ची ने मेरे हाथ से मोबाइल लिया और अपना नम्बर सेव कर दिया। हमने फ़ोटो भेज दिया। अंजिता गिरी नाम है बच्ची का ।
फ़ोटो मिलने के बाद बच्ची ने पूछा -“आपका नाम ओनुप है ?”
हमने कहा -“हाँ। अनूप ।”
हमने उसको यात्रा और भविष्य की शुभकामनाएँ दीं। उसने शुक्रिया कहा।
कैसा लग रहा है दुबई जाते हुए पूछने पर बताया -“अंदर से अच्छा लग रहा है। बाहर से ख़राब भी।”
सिक्किम में पढ़ाई की हुई बच्ची के दस अक्टूबर के स्टेट्स में लिखा है -“ Deeply love to the person who broke my heart
”
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प्यार बड़ा अनमोल और अनोखा एहसास है। प्यार के बिना कोई दुनिया सूनी है।
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