Tuesday, October 07, 2014

अंगौछे में बदलता आदमी


रेलें अब हुई जहाज, किराया हुआ बराबर,
लेव टिकट ’तत्काल’, देख लो खुदै बिरादर।
देखौ खुदै बिरादर, किराया उचकत हरपल,
भूल जाओ ’तत्काल’, करो जी यात्रा कैंसल।
यात्रा करो कैंसल, न कोई तकलीफ़ें झेलें,
करो भरोसा अब पैरों का, भूलो सब रेलें।
-कट्टा कानपुरी

खबर आई है कि  रेलवे के  आधे तत्काल टिकट अब हवाई जहाज के टिकटों की तरह बिकेगें।आधे तत्काल टिकट तो जैसे अभी तक बिकते थे वैसे ही बिकेंगे। बाकी आधे के बदलते किराये के साथ बिकेंगे। मांग के साथ दाम बढ़ते जायेंगे। अलग नाम देने के लिये इसको ’प्रीमियम तत्काल’ कहा जायेगा।

कहां तो यहां एक ठो बुलेट ट्रेन के लाले पड़े थे। कहां  एक निर्णय से देश की हजारों ट्रेनें  बुकिंग के मामले में ही सही , हवाई जहाज हो गयीं। ऐसी प्रगति और किसी देश में देखने को मिलेगी भला!



तत्काल बुकिंग का बहुआयामी महत्व है। इससे  तत्काल के यात्री को हवाई जहाज के यात्री  का रुतबा हासिल हो जायेगा। संपन्नता के एक पैमाने के रूप में अभी तक कहा जाता था वे हवाई जहाज से चलते हैं। अब उसमें तत्काल भी जुड़ जायेगा। बल्कि कुछ मामले में तत्काल का रोआब ज्यादा होगा क्योंकि हवाई यात्रा निरस्त कराने पर कुछ पैसे तो वापस मिलते हैं। जबकि तत्काल में कुछ वापस नहीं मिलता। 'वे ए.सी. के नीचे किसी  क्लास में चलते हैं'  की जगह लोग कहने लगेंगे कि 'उन्होंने  तत्काल प्रीमियम छोड़कर और कोई दर्जा नहीं देखा आजतक।’


जहाज में यात्री कम होते हैं। रेल में ज्यादा। तत्काल प्रीमियम सेवा का उपयोग सटोरिये भी कर सकेंगे यह शर्त लगाने में कि आज इस रेल  का प्रीमियम तत्काल टिकट कितने में बिकेगा।

तत्काल की लाइन में लगे आदमी की धुकुर-पुकुर अभी तक सिर्फ़ इतनी थी कि टिकट मिलेगा कि नहीं। अब उसमें ’कित्ते का मिलेगा भी जुड जायेगा’। रेलवे काउंटर पर बैठे  धीमे बाबू को लोग गरियाना शुरु करेंगे - ’ये ससुरा इत्ता धीमे काम करता है कि हर तत्काल प्रीमियम पर ही बुक कर पाता है।’



तत्काल प्रीरियम योजना से दवा उद्योग को फ़ायदा होगा। लाइन में लगे लोगों के रक्तचाप सेंसेक्स की तरह बढ़ेंगे। रक्तचाप के रोगी दनादन बढेंगे। बीपी की दवाओं की खपत बढेगी। हाल में बीपी की दवाओं के दाम शायद इसीलिये  बढ़ाये गये हैं। रेलवे की तत्काल प्रीमियम योजना से दवा उद्योग के हाल सुधरेंगे। एक उद्योग से दूसरे को सहारा मिलेगा। सबके साथ से सबका विकास होगा।



प्रीमियम तत्काल टिकट मंहगे होते जायेंगे। गरीब की पहुंच के बाहर। क्या पता कल को सरकार ’दुर्बल प्रीमियम टिकट योजना’ टाइप की कोई योजना लागू करने पर विचार करे जिसमें गरीब लोगों को ’तत्काल प्रीमियम टिकट’ कराने के लिये सब्सिडी की सुविधा दे।


आजकल देश भर में लोग तत्काल टिकट कराने के लिये मुंह अंधेरे रेलवे स्टेशनों पर लाइन लगाने के लिये खड़े हो जाते हैं।जनरल डिब्बे में  रेल यात्री अपनी सीट पर अगौंछा या रुमाल रखकर जगह पक्की करता है। तत्काल टिकट कराने के लिये लोग किसी को सुबह-सुबह खड़ा कर देते हैं। जब तत्काल बुकिंग का समय आता है तो टिकट कराने वाला आदमी उसकी जगह टिकट करा लेता है।

रेलवे ने टिकट बुकिंग में एजेंट और दलाल खतम कर दिये हैं। लेकिन आदमी को अंगौछे में बदल दिया तत्काल टिकट प्रक्रिया ने। 

4 comments:

  1. कल 08/अक्तूबर/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद !

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  2. प्रीमियम तत्काल टिकट मंहगे होते जायेंगे। गरीब की पहुंच के बाहर। क्या पता कल को सरकार ’दुर्बल प्रीमियम टिकट योजना’ टाइप की कोई योजना लागू करने पर विचार करे जिसमें गरीब लोगों को ’तत्काल प्रीमियम टिकट’ कराने के लिये सब्सिडी की सुविधा दे।

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  4. Ek baar main bhi fas gyi thi premium ticket ke chakkar me jab mujhe gonda se wapas shehar aaana tha ...itni mahangi ticket sun mere kaan khade ho gaye ... Mujhe lga jahaaz ki ticket karana isse behtar hota .... Wakayi satah se uthaya hua umda vishay sunder prastuti ..badhayi aapko !!! Aur iska sheershak padhane ki utsukhta badha deta hai ...

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