Friday, January 23, 2009

ई कोई नया फ़ैशन है का जी?

http://web.archive.org/web/20140419155652/http://hindini.com/fursatiya/archives/573

24 responses to “ई कोई नया फ़ैशन है का जी?”

  1. Tarun
    क्या जमाना आ गया है राम कसम, पड़ोस के घर में कौन है पब्लिक को नही पता लेकिन अगल-बगल के ब्लोगर की किस पोस्ट में कौन सी टिप्पणी आयी, किस ने क्या लिखा क्या टिपियाया ये सबको पता है………बहुत खराब समय चल रहा है जी
  2. लावण्या
    “दिल ढूँढता है वही फुरसत के रात दिन ”
    सच मेँ बडा सही गीत बन पडा है :)
    - लावण्या
  3. दिनेशराय द्विवेदी
    अगल-बगल का समाचार सब पत्नी जी देती हैं। कुछ खुद अगल वाले दे देते हैं। बगल में बिचारा रावण दबा है। उसका ध्यान रखना पड़ता है कहीं खिसक न जाए वरना किसी दिन बेटे से पूछेगा तुम मेरी महानता को नहीं जानते। बेटा जानता है, बगल में कौन दबा बैठा है।
  4. seema gupta
    आओ बैठें ,कुछ देर साथ में,
    कुछ कह लें,सुन लें ,बात-बात में।
    “हम्म बात में दम है अनूप जी……पर अपने ही पडोसी की काहे नही पहचाने आप….इ बात तो जमी नाही कुछ …..ओह्ह वो बेचारा ब्लोगर नाही ना होगा….??????????? हा हा हा हा ”
    Regards
  5. nirmla.kapila
    aapki khbren padhte 2 suraaj kitnaa upar chala gayaa ham bhi suraj ki lali dekhne se vanchit ho gaye khai aapki post hi itni interesting thi
  6. समीर लाल
    आओ बैठें , कुछ देर साथ में,
    कुछ कह ले,सुन लें बात-बात में।
    -आओ, सच में. बहुत दिन गुजरे.
    आप तो अपनी काफी कह गये, हमारी अब सुनने की तैयारी करें. कविता भी अब ठेलने लगे हैं.
  7. ताऊ रामपुरिया
    भाई हमको तो अगल बगल के क्या बल्कि सारी दुनियां के समाचार देदेता है.:)
    लाजवाब पोस्ट.
    रामराम.
  8. ज्ञानदत्त पाण्डेय
    दुखती रग पर हाथ रख दिया आपने। कितने दिन हो गये उगता/ढ़लता सूरज देखे। कितने दिन हो गये कोई मनचाहा काम फुर्सत से किये।
    जिन्दगी हाड़ से लेकर आत्मा तक थकान का पर्याय हो गयी है।
    छोरा बड़ा हैण्डसम है। फिलिम स्टार बन सकता है।
  9. विनय
    नहीं जी वही पुराना है, जो नये जुड़ रहे हैं, उनके लिए नया हो सकता है
    —आपका हार्दिक स्वागत है
    गुलाबी कोंपलें
  10. संजय बेंगाणी
    सिरियसली नहीं ली :)
    मगर आपने सिरियस कर दिया. उधर पेट्रोल दस रुपये सस्ता हो गया।…कब? पता ही नहीं चला. खामखा पैदल आ-जा रहा हूँ. :(
  11. Isht Deo Sankriyaayan
    भी अब फैसन में नया-पुराना मत पूछा करिए जी. क्योंकि आज कल फैसन तो रातोरात बदल जाता है. राजनेताओं की आस्था की तरह. मान के चलिए की अगर फैसन है तो ऊ नयाई होगा.
  12. कुश
    पता नहीं कहां पहुंचेगी ,
    वहां पहुंचकर क्या कर लेगी ।
    regards!!
  13. Dr.anurag
    कल ही हमारे पिता श्री कह रहे थे की ज़माना कितना बदाल गया है की देखो पहले टी शर्ट अलग पहनते थे अब कमीज के ऊपर पहनते है…..ये कौन सा फैशन है भाई .ओर आज आपने ये पोस्ट ठेल दी…….ओर एक फोटो जिसमे समूह में स्त्रिया बैठी है…..बड़ी ख़ास लगी….जीवंत सी….मोहल्ले अब ख़त्म हो रहे है….वो सब्जी भाजी बांटना ….
  14. आभा
    हँसते हँसते दिन की शुरुआत कर रही हूँ आप की पोस्ट से। कल फिल कोशिश करें सूरज आपके मन माफिक मिलेगा
  15. Abhishek Ojha
    एक ‘पड़ोसी चर्चा’ नाम का ब्लॉग चालु कर दीजिये. बाकी अपने आप हो जायेगा :-)
    छोटू नाम के लोग हीरो होते ही हैं (हम भी छोटू हैं) तो फैशन का इजाद कर ही लेंगे.
  16. Shiv Kumar Mishra
    पोस्ट शानदार है.
    कल अनन्य को जब छोड़ने जायेंगे तो सूरज बाबू को खींच लीजियेगा. पड़ोसी को न जानने की बात पर एक किस्सा याद आ गया.
    साल २००५ में मेरा एक मित्र, अमित सिंह मुम्बई गया था इंटरव्यू देने. अपने किसी रिश्तेदार के घर पर था. इंटरव्यू देकर जब वापस आया तो बोला कि शहर को श्राप देकर आ गया है. मैंने कारण पूछा तो बोला कि जिस रिश्तेदार के घर पर थे उसको ये नहीं मालूम कि अट्ठारह साल से उसके सामने के फ्लैट में कौन रहता है.
    मुझे याद है अमित ने कहा था कि वह मुंबई में नौकरी नहीं करेगा. और देखिये कि तीन साल से वहीँ पर है. तीन नौकरियां बदल चुका है. अब कहता है कि मुंबई में ही रहेगा.
  17. amit
    पेट्रोल सस्ता हो गया? कब? अभी थोड़े दिन पहले ही तो टंकी फुल करवाई थी, लग गया चूना!! :(
    बाकी आप लिख दिए हैं कि सीरियसली मत लें तो चलिए आपके कहे सीरियसली नहीं लेते हैं!! ;)
  18. विवेक सिंह
    हमने सोचा था हम ही शर्मीले हैं . यहाँ तो सब शर्मा जी हैं :)
  19. कविता वाचक्नवी
    बढ़िया मुद्दा।
  20. बवाल
    इतनी जल्दबाज़ी में भी इतनी सुंदर कविता लिखना क्या ज़रूरी है ?
  21. रौशन
    काहें अफवाह फैला रहे हैं कहाँ सस्ता हुआ है पेट्रोल ?
    हिन्दुस्तान में निकला था “10 रुपये सस्ता होगा पेट्रोल! ”
    अब इ तो ठीक बात नही है न जनता पेट्रोल भरवाने पहुँची होगी तो पहले पेट्रोल पम्प वाले को गरियाया होगा फ़िर आपको फ़िर सरकार को
  22. राज भाटिया
    आप ने तो सुबह की सेर करवा दी वो भी भारत मै, मजा आ गया, पेट्रोल सस्ता हो गया चलिये अच्छा है,
    धन्यवाद
  23. anitakumar
    आओ बैठें ,कुछ देर साथ में,
    कुछ कह लें,सुन लें ,बात-बात में।
    गपशप किये बहुत दिन बीते,
    दिन,साल गुजर गये रीते-रीते।
    ये दुनिया बड़ी तेज चलती है ,
    बस जीने के खातिर मरती है।
    पता नहीं कहां पहुंचेगी ,
    वहां पहुंचकर क्या कर लेगी ।
    बस तनातनी है, बड़ा तनाव है,
    जितना भर लो, उतना अभाव है।
    हम कब मुस्काये , याद नहीं ,
    कब लगा ठहाका ,याद नहीं ।
    समय बचाकर , क्या कर लेंगे,
    बात करें , कुछ मन खोलेंगे ।
    आओ बैठें
    तुम बोलोगे, कुछ हम बोलेंगे,
    Wow….बेटे की तस्वीर सुंदर है, स्मार्ट लग रहा है। वो कोट के साथ काहे नहीं फ़ोटो लगाये। ये कविता न ठेले होते तो लगता अखबार पढ़ रहे हैं …।:)
  24. : फ़ुरसतिया-पुराने लेखhttp//hindini.com/fursatiya/archives/176
    [...] ई कोई नया फ़ैशन है का जी? [...]

No comments:

Post a Comment