Saturday, August 30, 2014

ठेले पर कालीन


 फ़ोटो: आज सुबह सर्वहारा पुलिया पर मुख्तार अब्बास मिले। पुलिया पर दायीं तरफ़ वाले। मूलत: उत्तर प्रदेश  मिर्जापुर जिले के  अब्बास भाई पिछले चालीस साल से जबलपुर में टिके हैं। ठेले पर कालीन, पांवपोंछा लादे कालोनी में बेचने के लिये जा रहे थे। बताइन कि भदोही से लाते हैं कालीन और पांवपोंछा और यहां बेचते हैं। आजकल धंधा मंदा है।  तीन-चार महीने बाद अच्छी बिक्री होगी। बताने लगे कि भदोही पहले कस्बा था लेकिन मुलायमसिंह ने जिला बना दिया। अब इस बात पर बहस नुमा होने लगी कि शहर भदोही और अन्य जिले मायावती जी के शासन काल में बने या मुलायम सरकार में। लेकिन अब यह सोच रहा हूं कि अब्बास भाई ने अखिलेश सिंह की सरकार क्यों नहीं कहा? क्या आम आदमी की नजर में उत्तर प्रदेश की सरकार मुलायम सरकार ही है! 

हमारे सवाल जबाब से उकता कर अब्बास भाई ने ठेला आगे ठेला और चलते-चलते पूछा- कुछ लेना हो तो बताओ! हमने कहा न भाई हम तो ऐसे ही ठेलुहई कर रहे है! अब्बास भाई मुस्कराते हुये चले गये अपनी बोहनी करने। हम भी दफ़्तर के लिये प्रयाण कर गये।
 
आज सुबह सर्वहारा पुलिया पर मुख्तार अब्बास मिले। पुलिया पर दायीं तरफ़ वाले। मूलत: उत्तर प्रदेश मिर्जापुर जिले के अब्बास भाई पिछले चालीस साल से जबलपुर में टिके हैं। ठेले पर कालीन, पांवपोंछा लादे कालोनी में बेचने के लिये जा रहे थे। बताइन कि भदोही से लाते हैं कालीन और पांवपोंछा और यहां बेचते हैं। आजकल धंधा मंदा है। तीन-चार महीने बाद अच्छी बिक्री होगी। बताने लगे कि भदोही पहले कस्बा था लेकिन मुलायमसिंह ने जिला बना दिया। अब इस बात पर बहस नुमा होने लगी कि शहर भदोही और अन्य जिले मायावती जी के शासन काल में बने या मुलायम सरकार में। लेकिन अब यह सोच रहा हूं कि अब्बास भाई ने अखिलेश सिंह की सरकार क्यों नहीं कहा? क्या आम आदमी की नजर में उत्तर प्रदेश की सरकार मुलायम सरकार ही है!

हमारे सवाल जबाब से उकता कर अब्बास भाई ने ठेला आगे ठेला और चलते-चलते पूछा- कुछ लेना हो तो बताओ! हमने कहा न भाई हम तो ऐसे ही ठेलुहई कर रहे है! अब्बास भाई मुस्कराते हुये चले गये अपनी बोहनी करने। हम भी दफ़्तर के लिये प्रयाण कर गये।





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