Sunday, August 24, 2014

पुलिया पर कुम्हार


आज सबेरे पुलिया पर मिले कुक्कु उर्फ़ मनोहर। पेशे से कुम्हार। घड़े बनाने का काम करते हैं। पास ही बिलसरा में रहते हैं। गर्मी बीत जाने के बाद आजकल धन्धा ठप्प है। लेकिन बता रहे थे कि महीने भर बाद फ़िर काम चल निकलेगा।

चार बच्चों के पिता मनोहर ने बताया कि उनके किसी बच्चे को उनका काम सीखने की ललक नहीं। सब पढाई-लिखाई के चक्कर में पड गये। एक बिटिया है। वह भी पढती है।

पकाते समय बर्तन कभी-कभी कच्चे रह जाते हैं तो बेकार हो जाते है। मिट्टी वहीं मिल जाती है। खाना-पीना भर हो जाता है कुम्हारी के काम से। बस्स।

हमने फ़ोटो खैंचा तो पूछा- क्या आप का शौक है फ़ोटो खैंचना? हमने बताया -हां ऐसे ही इधर से गुजरते जो दिखता है पुलिया पर बैठा उसको खैंच लेते हैं।


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