Wednesday, August 20, 2014

पुलिया पर साथी का इंतजार

आज सुबह ये भाई साहब पुलिया पर सर झुकाये अपने किसी साथी का इंतजार कर रहे थे। मुंह में फ़ुल मसाला भरे रिछाई की किसी कम्पनी में पैकिंग का काम करते हैं। हमने पूछकर फ़ोटो खींचा तो परमिशन तो दे दिये लेकिन फ़िर बताये कि डर लगता है। पता नहीं कौन किस मामले में फ़ंसा दे। पुलिस को रिपोर्ट कर दे कि डिफ़ेस इलाके में कुछ गड़बड़ कर रहे थे। फ़ालतू में थाना-कचहरी करते घूमो।

हमने जब बताया कि ऐसा नहीं है। हम ऐसे ही बतियाते हैं पुलिया के लोगों से। फ़ोटो दिखाये तो तसल्ली से मुस्कराये। मन तो किया कि मुस्कराते हुये भी फ़ोटो खैंच लें लेकिन दफ़्तर की देरी हो रही थी सो निकल लिये।

नाम पूछने पर बताया सूरज भान पटेल। बतियाते हुये हमको अंकल जी भी बोला दो तीन बार। 



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