Friday, October 30, 2015

करवाचौथ, करवा के गडुवे और सींके

सुबह निकले तो देखा सड़क पर लोग कम हैं आज। सर्दी का असर होगा शायद। लोग गरम कपड़े पहनने लगे हैं। एक आदमी पूरे शरीर को ढंके केवल मुंह खोले सड़क पर बहुत धीमे-धीमे चला जा रहा था। ठण्ड में चीजें सिकुड़ जाती हैं। लगता है उस व्यक्ति की चाल भी सर्दी में सिकुड़ गयी थी।

छट्ठू सिंह अपने साथियों सहित पुलिया पर बैठे थे। सब गरम कपड़ों में। बात करने लगे तो एक जन ने फटाफट दो किस्से सुना डाले। पहला एक बुजुर्ग के बारे में था जो पुलिस की नौकरी से रिटायर हुए। कल उनका 100 साल की उम्र में निधन हुआ। वे 6 साल से बिस्तर पर थे। उनके रिटायरमेंट के बाद पैदा हुए बेटे और उसकी बहू ने खूब सेवा की उनकी। दूसरा किस्सा एक गाँव के बुजुर्ग के बारे में था कि वह गाँव में सबको बहुत सताता था। मरते समय उसने अपने लड़के से कहा कि मरने के बाद उसके शरीर को बांस पर लटका दिया जाए। लड़के ने ऐसा ही किया। पुलिस को पता लगा तो वो पूरे गाँव को पकड़ ले गई।मतलब मरने के बाद भी उसने गाँव को परेशान किया।

किस्से सुनते हुए लगा कि जिस भी व्यक्ति के बाद कुछ भी होता है सुनाने को वह उसे दूसरे से साझा करना चाहता है। कुछ लोग ऐसा कर लेते हैं। कुछ नहीं कर पाते हैं। वे मौन रहते हैं। खुद से ही साझा करते हैं बातें। कुछ शायद इन्तजार करते हैं कि कोई सुनने वाला मिले उनको।

एक बुजुर्ग महिला हाथ में लोहे की सरिया लिए टहल रही थी। कोने में मुड़ी हुई सरिया उनकी वाकिंग स्टिक थी।
एक बच्चा साइकिल पर सरपट चला जा रहा था। सुबह-सुबह कोचिंग पढ़ने जा रहा था। गणित की। उसके बाद 11 बजे स्कूल जायेगा। हाईस्कूल में पढ़ता है बच्चा। उसने बताया कि दो दिन पहले 'क्षेत्रमिति' सिखाई गयी थी कोचिंग में। हम और कुछ पूछें तब तक बच्चा बिना हाथ दिए कोचिंग के लिए जाने वाले रस्ते की तरफ मुड़ गया था। पढाई में लगता है -'बिनु कोचिंग सब सून।'


पंकज टी स्टाल पर आज सब देवी गीत बज रहे थे। 'मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की।' शायद आज करवा चौथ होने के कारण ऐसा हो।

जहाँ चाय पी रहे थे वहीँ सामने भट्टी सुलग रहीं थी। ग्राहकों के लिये नाश्ता तैयार हो रहा था। आसपास सुलगती भट्टियों को देखकर लगा कि दो अलग-अलग पार्टियों के जनप्रतिनिधि आसपास मंच पर चुनावी भाषण दे रहे हों। एक भट्टी से लपट उठती तो लगता एक नेता ने कोई भड़काऊ भाषण दिया। जबाब में फौरन दूसरी भट्टी से भी लपक उठती। यहां भट्टियों के सुलगने से नाश्ता पक रहा था। वहां भाषणों में लोगों की सरकार पक रही होगी।
चाय की दुकान पर ही फैक्ट्री के एक साथी मिल गए। बताने लगे कि उनका मोबाइल बच्ची ले गयी है इसलिए मेरी पोस्ट नहीं देख पा रहे हैं। बच्ची खो-खो कम्पटीशन में केरल गयी है स्कूल की टीम के साथ। बताया -'पढ़ने में बहुत अच्छी है बच्ची। पीएमटी की तैयारी करेगी।'दूसरी बच्ची अपनी माँ के साथ एक डांस कम्पटीशन में गयी है। 4 में पढ़ती बच्ची बाहर कम्पटीशन के लिए बाहर गयी है यह जानकर अच्छा लगा। मुकेश तिवारी की कविता की याद आई-'बच्चियां अपने आप में मुकम्मल जहां होती हैं।'

लौटते में देखा कुछ बुजुर्ग बस स्टैंड पर बैठे समय काट रहे थे। बस स्टैंड पेड़ सरीखा लगा जिसमें वे लोग पक्षियों की तरह दुबके बैठे थे। हमको देखकर एक बुजुर्ग ने उचककर हाथ उठाकर नमस्कार किया। हमने भी आगे बढ़ते हुए प्रति नमस्कार किया। किसी बुजुर्ग व्यक्ति को जितने ज्यादा लोग नमस्कार करने वाले होते हैं वह शायद उतना ही अधिक सुकून से रहता होगा।

एक आदमी मुंह में दातुन दबाये उसको चबाता हुआ मार्निंग वाल कर रहा था। दातुन उसके मुंह में ऐसे घुसी लग रही थी जैसे किसी नाव में पतवार अटकी हो। मुंह चलाते हुए दातुन चबाता हुआ आगे चला जा रहा था वह व्यक्ति।

एक महिला अपने सर पर करवा चौथ के लिए लगने वाले गडुवा लादे पुलिया के पास रुकी। वहां फैक्ट्री जाने के लिए समय होने का इन्तजार करती बैठी महिला ने उसकी टोकरी उतरवाई। टोकरी उतारकर पुलिया पर रखी।महिला के सर से टोकरी के नीचे रखा कपड़ा सड़क पर गिर गया। कपड़ा उठाकर उसने उसको फिर से गोलियाकर हाथ में रख लिया और सुस्ताते हुए बतियाने लगी।

महिला कंचनपुर में रहती है। तीन बच्चे हैं उसके। सास भी साथ रहती है। आदमी मिटटी का काम करता है। करवाचौथ के लिए गडुवा और सींके लेकर कंचनपुर जा रही है। 20 से 25 के हैं। दाम पूछने पर बोली-'लै लेव आपौ एक।' हम बोले-'हमारी घरैतिन कानपुर में ले चुकी होगी।

पत्नी जी शुक्रवार का व्रत बच्चे की सलामती के लिए रखती हैं और आज करवाचौथ का व्रत पति की लम्बी आयु के लिये पड़ गया। खुद की तबियत भले खराब हो जाए लेकिन घर के लोग ठीक रहें इसके लिए व्रत रहती हैं महिलाएं। व्रत से किसी की सलामती का कोई सम्बन्ध नहीं होता इस तर्क और रखते आये हैं तो रख लेना चाहिए इस आस्था में तर्क सही होते हुए भी पराजित होता है हमेशा।

वह महिला खुद व्रत नहीँ रखती। अभी तक रखा नहीं पर अब रखने की बात कह रही थी। उसको पुलिया पर सुस्ताने के लिए छोड़कर हम कमरे पर चले आये।

अब जा रहे हैं फैक्ट्री के लिए तैयार होने। आपका दिन शुभ हो। मंगलमय हो।

2 comments:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, परमाणु शक्ति राष्ट्र, करवा का व्रत और ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. सुन्दर........... मेरे ब्लॉग पर आपके आगमन की प्रतीक्षा |

    http://hindikavitamanch.blogspot.in/

    http://kahaniyadilse.blogspot.in/

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